जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने आयुर्वेद, युनानी और होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारी भर्ती 2023 से जुडे़ मामले में इंटर्नशिप कर रहे चिकित्सकों को राहत देने से इनकार कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने प्रकरण में दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया है. जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश प्रकरण में दायर ढाई दर्जन से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए. याचिका में याचिकाकर्ताओं को भर्ती में शामिल करने की गुहार की गई थी.
याचिकाओं में कहा गया कि आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारी भर्ती विज्ञापन में शर्त लगाई गई है कि आवेदन की अंतिम तिथि तक अभ्यर्थी के पास इंटर्नशिप पूरी करने का प्रमाण पत्र होना चाहिए. याचिका में कहा गया कि कोविड के चलते आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर की ओर से समय पर परीक्षा नहीं ली गई. इसके चलते परीक्षा परिणाम भी देरी से जारी हुआ और परीक्षा पास करने के बाद उनकी इंटर्नशिप भी देरी से ही शुरु हुई.
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जिसमें याचिकाकर्ता की कोई गलती नहीं है. इसलिए उन्हें इस भर्ती में शामिल होने की अनुमति दी जाए. वहीं राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता चिरंजीलाल सैनी ने कहा कि नियमानुसार संबंधित डिग्री पूरी होने के बाद अभ्यर्थी को इंडियन मेडिसिन बोर्ड में पंजीकरण करना होता है. उसके बाद ही वह भर्ती के लिए पात्र माना जाता है. इंटर्नशिप को शैक्षणिक योग्यता का ही भाग माना जाता है. याचिकाकर्ताओं ने फिलहाल इंटर्नशिप पूरी नहीं की है और उसके बाद उनका बोर्ड में पंजीकरण भी नहीं हुआ है. इसलिए इन्हें परीक्षा में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जा सकती. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने याचिकाओं को खारिज कर दिया है.