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Rajasthan High Court: कंप्यूटर अनुदेशक भर्ती में मेरिट के आधार पर गृह जिले में करें नियुक्ति - ईटीवी भारत राजस्थान न्यूज

राजस्थान हाईकोर्ट ने बेसिक कंप्यूटर अनुदेशक भर्ती के (ordered to give appointment in home district) सफल उम्मीदवार को मेरिट के आधार पर गृह जिले में नियुक्ति के आदेश दिए हैं.

Rajasthan High Court has ordered,  Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट.
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Published : May 6, 2023, 7:30 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने बेसिक कंप्यूटर अनुदेशक भर्ती के सफल उम्मीदवार को मेरिट के आधार पर गृह जिले में नियुक्ति देने के आदेश दिए हैं. अदालत ने कहा है कि याचिकाकर्ता अभ्यर्थी इस संबंध में अपना अभ्यावेदन विभाग के समक्ष पेश करें. जस्टिस विनीत माथुर की एकलपीठ ने यह आदेश बलवंत व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ताओं का चयन कंप्यूटर अनुदेशक पद पर हुआ था. जिसमें याचिकाकर्ता ने मेरिट में 4927 वां स्थान हासिल किया था. काउन्सलिंग में याचिकाकर्ताओं को भरतपुर और धौलपुर जिले आवंटित हुए हैं. जबकि उससे कम अंक लाने वाले दूसरे अभ्यर्थियों को गृह जिलों में नियुक्तियां दी गई हैं. याचिका में कहा गया कि उससे कम मेरिट वाले अभ्यर्थी ने मेरिट में 5585 वां स्थान प्राप्त किया है, लेकिन उसे गृह जिला आवंटित किया गया है, जबकि मेरिट में उच्च स्थान रखने के बावजूद याचिकाकर्ताओं को दूसरे जिले आवंटित किए गए हैं.

पढ़ेंः Rajasthan High Court: प्रार्थना पत्र लंबित रहना आदेश की पालना नहीं करने का आधार नहीं

ऐसे में विभाग को निर्देश दिए जाएं कि वह याचिकाकर्ता अभ्यर्थियों को भी गृह जिले में नियुक्ति दे, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने विभाग को निर्देश दिए हैं कि वह याचिकाकर्ताओं को मेरिट के आधार पर गृह जिले में नियुक्ति दे. अदालत ने इसके लिए याचिकाकर्ताओं को अपना अभ्यावेदन विभाग के समक्ष पेश करने को कहा है. गौरतलब है कि 9 हजार 862 पदों पर निकाली गई इस भर्ती में कई विवाद चल रहे हैं. परीक्षा में पूछे गए विवादित प्रश्न उत्तरों के मामले में हाईकोर्ट विशेषज्ञ कमेटी का गठन कर चुका है. वहीं प्रत्येक प्रश्न पत्र में न्यूनतम चालीस फीसदी अंक लाने की बाध्यता को भी हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. इसके साथ ही गृह जिले में नियुक्ति नहीं करने के मामले में भी हाईकोर्ट में याचिकाएं चल रही हैं.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने बेसिक कंप्यूटर अनुदेशक भर्ती के सफल उम्मीदवार को मेरिट के आधार पर गृह जिले में नियुक्ति देने के आदेश दिए हैं. अदालत ने कहा है कि याचिकाकर्ता अभ्यर्थी इस संबंध में अपना अभ्यावेदन विभाग के समक्ष पेश करें. जस्टिस विनीत माथुर की एकलपीठ ने यह आदेश बलवंत व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ताओं का चयन कंप्यूटर अनुदेशक पद पर हुआ था. जिसमें याचिकाकर्ता ने मेरिट में 4927 वां स्थान हासिल किया था. काउन्सलिंग में याचिकाकर्ताओं को भरतपुर और धौलपुर जिले आवंटित हुए हैं. जबकि उससे कम अंक लाने वाले दूसरे अभ्यर्थियों को गृह जिलों में नियुक्तियां दी गई हैं. याचिका में कहा गया कि उससे कम मेरिट वाले अभ्यर्थी ने मेरिट में 5585 वां स्थान प्राप्त किया है, लेकिन उसे गृह जिला आवंटित किया गया है, जबकि मेरिट में उच्च स्थान रखने के बावजूद याचिकाकर्ताओं को दूसरे जिले आवंटित किए गए हैं.

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ऐसे में विभाग को निर्देश दिए जाएं कि वह याचिकाकर्ता अभ्यर्थियों को भी गृह जिले में नियुक्ति दे, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने विभाग को निर्देश दिए हैं कि वह याचिकाकर्ताओं को मेरिट के आधार पर गृह जिले में नियुक्ति दे. अदालत ने इसके लिए याचिकाकर्ताओं को अपना अभ्यावेदन विभाग के समक्ष पेश करने को कहा है. गौरतलब है कि 9 हजार 862 पदों पर निकाली गई इस भर्ती में कई विवाद चल रहे हैं. परीक्षा में पूछे गए विवादित प्रश्न उत्तरों के मामले में हाईकोर्ट विशेषज्ञ कमेटी का गठन कर चुका है. वहीं प्रत्येक प्रश्न पत्र में न्यूनतम चालीस फीसदी अंक लाने की बाध्यता को भी हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. इसके साथ ही गृह जिले में नियुक्ति नहीं करने के मामले में भी हाईकोर्ट में याचिकाएं चल रही हैं.

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