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Rajasthan High Court: एईएन से मारपीट के मामले में सरकार को चालान पेश करने के लिए दिया समय

राजस्थान हाईकोर्ट ने बिजली विभाग के एईएन से मारपीट के (case of assault on AEN ) मामले की सुनवाई की. कोर्ट ने सरकार को चालान पेश करने को कहा है.

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 25, 2023, 8:49 PM IST

Rajasthan High Court,  High Court gives time to government
सरकार को चालान पेश करने के लिए दिया समय.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने बिजली विभाग के एईएन से मारपीट के मामले में पांच सितंबर तक सुनवाई टालते हुए राज्य सरकार को चालान पेश करने को कहा है. जस्टिस फरजंद अली की एकलपीठ ने यह आदेश पीड़ित हर्षधिपति की ओर से विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को मिली जमानत को रद्द कराने के लिए पेश याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. जस्टिस फरजंद अली ने जोधपुर से वीसी के जरिए प्रकरण की सुनवाई की.

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के परिजनों ने अदालत को बताया कि 29 मार्च 2022 को बाड़ी थाने में स्थानीय विधायक मलिंगा और उनके समर्थकों पर याचिकाकर्ता पर हमला और मारपीट का मामला दर्ज किया था. घटना को लंबा समय बीतने के बाद भी सीआईडी सीबी ने अब तक प्रकरण में आरोप पत्र पेश नहीं किया है. घटना में एक साल पहले मलिंगा सहित अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में उन्हें जमानत दी गई. इसके बाद मलिंगा के खिलाफ गवाह को धमकाने को लेकर एफआईआर भी दर्ज हुई है.

पढ़ेंः एईएन से मारपीट मामले की सीबीआई जांच की मांग, बिजली कर्मचारियों ने विधायक मलिंगा के बयान पर जताई नाराजगी...

याचिकाकर्ता अभी भी अस्पताल में भर्ती है और अपने पांव पर खड़ा होने में असमर्थ है. ऐसे में आरोपी को मिली जमानत को रद्द किया जाए. वहीं अदालत ने सरकारी वकील से अब तक चालान पेश नहीं करने का कारण पूछा. इस पर सरकारी वकील ने कहा कि मामले में जल्दी ही चालान पेश कर दिया जाएगा. इस पर अदालत ने मामले की सुनवाई पांच सितंबर को रखी है. गौरतलब है कि विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा पर आरोप है कि 28 मार्च 2022 को विधायक मलिंगा के संरक्षण में कुछ लोगों ने जेवीवीएनएल के बाड़ी उपखंड कार्यालय के एईएन हर्षधिपति और कनिष्ठ अभियंता नितिन गुलाटी से लाठी-डंडों और सरियों से हमला किया था. जिसमें दोनों कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हुए थे.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने बिजली विभाग के एईएन से मारपीट के मामले में पांच सितंबर तक सुनवाई टालते हुए राज्य सरकार को चालान पेश करने को कहा है. जस्टिस फरजंद अली की एकलपीठ ने यह आदेश पीड़ित हर्षधिपति की ओर से विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को मिली जमानत को रद्द कराने के लिए पेश याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. जस्टिस फरजंद अली ने जोधपुर से वीसी के जरिए प्रकरण की सुनवाई की.

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के परिजनों ने अदालत को बताया कि 29 मार्च 2022 को बाड़ी थाने में स्थानीय विधायक मलिंगा और उनके समर्थकों पर याचिकाकर्ता पर हमला और मारपीट का मामला दर्ज किया था. घटना को लंबा समय बीतने के बाद भी सीआईडी सीबी ने अब तक प्रकरण में आरोप पत्र पेश नहीं किया है. घटना में एक साल पहले मलिंगा सहित अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में उन्हें जमानत दी गई. इसके बाद मलिंगा के खिलाफ गवाह को धमकाने को लेकर एफआईआर भी दर्ज हुई है.

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याचिकाकर्ता अभी भी अस्पताल में भर्ती है और अपने पांव पर खड़ा होने में असमर्थ है. ऐसे में आरोपी को मिली जमानत को रद्द किया जाए. वहीं अदालत ने सरकारी वकील से अब तक चालान पेश नहीं करने का कारण पूछा. इस पर सरकारी वकील ने कहा कि मामले में जल्दी ही चालान पेश कर दिया जाएगा. इस पर अदालत ने मामले की सुनवाई पांच सितंबर को रखी है. गौरतलब है कि विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा पर आरोप है कि 28 मार्च 2022 को विधायक मलिंगा के संरक्षण में कुछ लोगों ने जेवीवीएनएल के बाड़ी उपखंड कार्यालय के एईएन हर्षधिपति और कनिष्ठ अभियंता नितिन गुलाटी से लाठी-डंडों और सरियों से हमला किया था. जिसमें दोनों कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हुए थे.

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