जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश के बाद भी अभ्यर्थी को पीटीआई पद पर नियुक्ति नहीं देने पर नाराजगी जताई है. इसके साथ ही अदालत ने शिक्षा सचिव और राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के सचिव को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. अदालत ने दोनों अधिकारियों से पूछा है कि क्यों न उन्हें अदालती आदेश की अवमानना करने पर दंडित किया जाए. जस्टिस महेन्द्र गोयल की एकलपीठ ने यह आदेश नरेंद्र सिंह यादव की अवमानना याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से आदेश की पालना के लिए समय मांगा गया. इस पर अदालत ने आदेश की पालना के लिए राज्य सरकार को 22 नवंबर तक का समय देते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है. अवमानना याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने पीटीआई भर्ती-2022 में आवेदन किया था. जिसमें फीस जमा नहीं होने के चलते उसका आवेदन स्वीकार नहीं हुआ. ऐसे में उसने पूर्व में याचिका दायर की थी.
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इसके बाद वह अदालती आदेश से परीक्षा में शामिल हुआ और उसके कट ऑफ से अधिक अंक आए. वहीं, बाद में उसकी याचिका स्वीकार हो गई और नियुक्ति देने के लिए कहा गया, लेकिन अदालती आदेश के बावजूद भी उसे नियुक्ति नहीं दी गई. अवमानना याचिका में कहा गया कि उसे पीटीआई भर्ती-2022 में नियुक्ति दी जाए और अदालती आदेश की अवमानना करने वाले अफसरों को दंडित किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.