जयपुर. कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान लोगों की आजीविका प्रभावित हुई. काम-धंधे बंद होने की वजह से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. इससे लोगों की आर्थिक स्थिति भी बिगड़ गई. राजधानी जयपुर में आमेर के हाथी गांव के हालात भी कोरोना के कारण प्रभावित हुए. आमेर की हाथी सवारी बंद होने से हाथी मालिकों, महावतों और उनके परिवारों पर आर्थिक संकट आ गया. राजस्थान सरकार ने हाथी मालिकों और महावतों की आर्थिक मदद करने के लिए कोविड-19 से सहायता राशि उपलब्ध करवाने की घोषणा की है.
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हाथियों की देखभाल पर किए जा रहे खर्च के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष से सहायता राशि उपलब्ध करवाई जाएगी. इस संबंध में वन विभाग से मिले प्रस्ताव को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्वीकृति दे दी है. कोविड-19 कोष से राहत देने की घोषणा पर हाथी मालिकों में खुशी है. हाथी मालिकों ने इस सहायता के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार जताते हुए कहा कि आर्थिक संकट के समय मुख्यमंत्री ने उनकी समस्या को सुनकर समाधान किया है. काफी लंबे समय से हाथी मालिक, महावत और उनके परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे.
मालिकों के लिए हाथियों और परिवार का पेट भरना मुश्किल हो रहा था. ऐसे में अब सहायता राशि मिलने से काफी राहत मिलेगी. हाथियों की देखभाल भी अच्छे से हो सकेगी. करीब 8 महीने तक हाथी सवारी बंद रही. इसके बाद हाथी सवारी को शुरू तो कर दिया गया है, लेकिन अभी पर्यटकों की आवाजाही बहुत कम है, ऐसे में हाथी मालिकों की इनकम नहीं हो पा रही है. कोविड-19 राहत कोष से 4.2 करोड रुपए की सहायता राशि हाथी कल्याण से जुड़ी संस्था को ट्रांसफर की जाएगी. हाथी गांव में करीब 96 हाथियों के भरण-पोषण और हाथी मालिकों के सहयोग के लिए 17 मार्च 2020 से 31 दिसंबर 2020 की अवधि के लिए सहायता राशि दी जाएगी. जिससे हाथी मालिकों और महावतों को आर्थिक सहायता मिलेगी.