जयपुर. राजस्थान में 23 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होगा और 3 दिसंबर को मतगणना होगी. जिसकी घोषणा मुख्य चुनाव आयुक्त ने आज सोमवार को की है. इसकी घोषणा के साथ ही राजस्थान समेत पांच राज्यों में आचार संहिता भी स्वत: ही लागू हो गई है, लेकिन आचार संहिता लगने से ठीक पहले आरपीएससी में तीन सदस्यों की नियुक्तियां भी कर दी गई है.
कर्नल केसरी सिंह, कैलाश चंद मीना और प्रोफेसर अयूब खान को आरपीएससी का सदस्य बनाया गया है. राज्यपाल के हस्ताक्षर होने के बाद इसके आदेश भी आज ही जारी कर दिए गए हैं. अब चर्चा यह है कि जिस दिन प्रदेश में आचार संहिता लागू की गई उसी दिन सरकार ने आरपीएससी जैसे महत्वपूर्ण पदों पर तीन सदस्यों की नियुक्तियां कैसे कर सकती है.
हालांकि आज सुबह से ही इसको लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म था कि सरकार ने आरपीएससी में तीन सदस्यों की नियुक्ति की है. लेकिन जो तीन नाम पहले आ रहे थे वह नाम अलग थे. जब आदेश जारी हुआ तो उसमें एक नाम अलग मिला. जो नाम पहले सामने आ रहे थे उसमें मुख्यमंत्री के ओएसडी देवाराम सैनी का भी नाम शामिल था जो कि आदेश जारी होने के बाद महज अफवाह साबित हुई. बाकी दोनों नाम कर्नल केसरी सिंह और प्रोफेसर अयूब खान के नाम पहले से ही चल रहे थे. बता दें कि कर्नल केसरी सिंह नागौर की सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे तो वहीं प्रोफेसर अयूब खान जोधपुर के सूरसागर से चुनाव के प्रत्याशी रह चुके हैं.
जाते-जाते गहलोत सरकार ने दी एक दर्जन से ज्यादा राजनीतिक नियुक्तियां : राजस्थान में एक के बाद एक जिन विभिन्न समाजों के बोर्ड बनाए गए थे. सोमवार को ज्यादातर सभी बोर्ड में नियुक्तियां भी दे दी गई हैं. करीब एक दर्जन से ज्यादा बोर्डों में राजनीतिक नियुक्तियां दी गई हैं. जिन नेताओं को राजनीतिक नियुक्तियां मिली, उन्हें आज सुबह मुख्यमंत्री आवास पर बुलाया गया और तुरंत अपने बोर्ड में जाकर ज्वाइन करने के लिए कह दिया गया. जिन बोर्डों में नियुक्ति दी गई हैं उनमें ईडब्ल्यूएस बोर्ड में देवेंद्र सिंह बुटाटी का नाम शामिल है, तो स्थापत्य कला बोर्ड में मुकेश वर्मा और पवन पुजारी को भी राजनीतिक नियुक्तियां दी गई हैं. अग्रसेन कल्याण बोर्ड में राकेश कुमार गुप्ता, राज्य पशुपालक कल्याण बोर्ड गोदाराम देवासी, तेजाजी कल्याण बोर्ड में रिछपाल मिर्धा को नियुक्तियां दी गई है.