जयपुर. प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर सरकारी महकमों में गहलोत सरकार बड़ा बदलाव करने जा रही है. 3 साल से अधिक एक ही पद पर रहने वाले कर्मचारियों के लिए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. इन सब कर्मचारियों के तबादलों के साथ-साथ विभाग भी बदल जाएंगे. इसको लेकर मुख्य सचिव उषा शर्मा ने सभी विभागों को निर्देश जारी किए हैं. माना जा रहा है कि सरकार के इस निर्देश के बाद प्रदेश के करीब साढ़े चार लाख के करीब कर्मचारियों के तबादलों के साथ विभाग भी बदले जाएंगे.
![मुख्य सचिव के आदेश](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/rj-jpr-02-lateer2jun-pkg-7203319_02062023092611_0206f_1685678171_109.jpg)
ये आदेश हुए हैं जारी : मुख्य सचिव उषा शर्मा के निर्देश के बाद प्रशासनिक सुधार विभाग की ओर से सभी विभागों के लिए आदेश जारी किये गए हैं. इसमें लिखा है कि राज्य में सुशासन की स्थापना के लिए राज-कार्य त्वरित गति से करने ओर शासन तंत्र में सभी स्तरों पर पारदर्शिता, जवाबदेही के साथ उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है. परंतु यह देखने में आ रहा है कि शासन सचिवालय और विभिन्न विभागों के निदेशालयों, आयुक्तालयों और अधीनस्थ कार्यालयों में अधिकारी, कर्मचारीगण लंबे समय तक एक ही अनुभाग और कार्यालय में पदस्थापित हैं. जिससे राजकार्य की पारदर्शिता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. इसके साथ कार्यप्रणाली की निष्ठा और विश्वसनीयता के संदेहास्पद होने की स्थिति पैदा होती है. ऐसे में राजकार्य में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के क्रम में निर्देशित किया जाता है कि समस्त विभागों, कार्यालयों में कार्यरत अधिकारियों, कर्मचारियों की एक ही स्थान पर पदस्थापन अवधि सामान्यत 3 वर्ष से अधिक न हो, ज्यादा आवश्यक होने पर 5 वर्ष से अधिक न हो.
इनको जारी किए निर्देश : मुख्य सचिव के निर्देश पर प्रशासनिक सुधार विभाग की ओर से जारी आदेश में सभी विभागों को यह पत्र भेजा गया है. इसमें अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिवों को निर्देश दिया गया है कि आदेश की पालना विभाग के उच्च अधिकारी की जिम्मेदारी होगी. सरकार के इन फैसले के तहत सरकार का कार्यालयों में कार्यरत करीब साढ़े चार लाख से अधिक कर्मचारियों के तबादले के साथ उनके विभाग भी बदले जाएं.
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15 दिन में फाइलों का निस्तारण : वहीं एक दूसरे आदेश में मुख्य सचिव उषा शर्मा ने राज-काज पोर्टल पर ई-फाईल मॉड्यूल लागू करने के निर्देश दिए हैं. आदेश में कहा गया कि राज्य में सुशासन की स्थापना के लिए राज्य सरकार की ओर लिये गये महत्त्वपूर्ण निर्णयों को त्वरित गति से लागू करें. विभागीय फाईलों का समयबद्ध निस्तारण के लिए सभी विभागों, आयुक्तालयों और निदेशालयों में 1 जनवरी 2023 से राज-काज पोर्टल पर ई-फाईल मॉड्यूल लागू किया गया है. राज-काज लागू होने से राजकीय कार्यालयों में भौतिक पत्रावलियों के संधारण की आवश्यकता कम रह गई है. सचिवालय में स्थित सभी विभागों में ई-फाईल मोडयूल और स्वच्छता अभियान के तहत सभी पत्रावलियों का परीक्षण कर रिकार्ड किया गया. साथ ही अलमारियों में सुव्यवस्थित रूप से रखने का कार्य नियमित रूप से किया जाए. जिससे सचिवालय की कार्यप्रणाली की गुणवत्ता में सुधार और राजकीय कार्य का शीघ्र संपादन तथा प्रभावी पर्यवेक्षण हुआ है. इसी क्रम में सभी अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव, शासन सचिवों को निर्देशित किया जाता है कि वो अपने अधीनस्थ सभी कार्यालयों में पत्रावलियों का 15 दिन में ई-फाईल लागू करें.
योजना भवन में नकदी और गोल्ड मिलने से उठे थे सवाल : बता दें कि पिछले दिनों सचिवालय से चंद कदम दूरी पर स्थित योजना भवन के बेसमेंट की अलमारी कैश और गोल्ड में मिले. इसके बाद सरकार पर लगातार सवाल उठे कि एक ही पद पर एक ही भाग में अधिकारी और कर्मचारी पिछले 10 साल से जमे हुए हैं. नकदी और गोल्ड के मामले में विभाग के ही जॉइंट डायरेक्टर वेद प्रकाश यादव को गिरफ्तार किया गया है. वो भी लंबे समय से इसी विभाग में कार्यरत थे. बताया जा रहा है कि हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य सचिव को निर्देशित किया कि इस तरह से नियम विरुद्ध कोई भी कर्मचारी और अधिकारी एक विभाग में लंबे समय से नहीं रहना चाहिए. सीएम के निर्देश मिलने के बाद मुख्य सचिव ने यह सख्त आदेश जारी किये.