जयपुर. राजस्थान को 10 आईएएस नए मिल गए हैं. दिल्ली में यूपीएससी की चयन समिति की बैठक में 10 आरएएस अधिकारियों को आईएएस बनाया गया. वहीं एकल पट्टा मामले में आरोपित होने के कारण आरएएस निष्काम दिवाकर के नाम का लिफाफा फिर एक बार बंद किया गया.
बता दें कि दिल्ली में यूपीएससी में सोमवार को स्टेट सिविल सेवा यानी आरएएस से आईएएस में पदोन्नति के जरिए चयन के लिए समिति की बैठक हुई. इस बैठक इनके नाम पर होगा फैसला.
- 1989 बैच से चित्रा गुप्ता, अतर सिंह नेहरा, घनेन्द्रभान चतुर्वेदी, आराधना सक्सेना
- 1987 बैच के करण सिंह प्रथम
- 1991 बैच से परमेश्वर लाल, महावीर प्रसाद वर्मा, विश्राम मीणा, कन्हैया लाल स्वामी
- 1992 बैच में ओपी बुनकर का नाम का अनुमोदन किया गया.
फिर रह गए निष्काम दिवाकर
वहीं निष्काम दिवाकर का प्रमोशन रिकॉर्ड चौथी बार फिर रूक गया. एक मामले में आरोपित होने के चलते उनके नाम का लिफाफा बंद रखा गया. दिल्ली यूपीएससी सदस्य की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में दूसरे सचिव भी शामिल हुए. इसके साथ ही आईएएस अधिकारी राजेंद्र उपाध्याय, मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, कार्मिक विभाग की प्रमुख सचिव रोली सिंह भी बैठक में शामिल हुई.
दरअसल, इन सभी आरएएस का नाम चयन समिति की बैठक के लिए राज्य सरकार और कार्मिक विभाग पूरी तरह प्रक्रिया सही तरीके से होने के लिए पूरी तैयारी की हुई थी. सरकार कार्मिक विभाग इस बात को लेकर भी ज्यादा गंभीर था कि कोई भी ऐसी तकनीकी कमी ना रह जाए. इसको लेकर यूपीएससी की चयन समिति में किसी तरह की कोई अड़चन पैदा न हो. यहीं वजह है कि इसको लेकर मुख्य सचिव डीबी गुप्ता की अध्यक्षता में पिछले दिनों लगातार बैठकों का दौर चला था. जिसमें किस-किस अधिकारी को पदोन्नति के दायरे में आ रहे हैं. आईएएस के लिए पदोन्नत किया जा सकता है. उन सब बिंदुओं पर बारीकी से अध्ययन करके 11 आरएएस अधिकारियों के नाम तैयार किए गए थे.
वहीं, 10 आरएएस के आईएएस में पदोन्नत होने के बाद राजस्थान में आईएएस के खाली पदों में कुछ कमी आएगी. प्रदेश में कुल आईएएस अफसरों का कैडर 350 हैं. इनमें से वर्तमान में 249 आईएएस राज्य में अपनी सेवाय दे रहे हैं. जबकि करीब 99 आईएएस अफसरों की कमी चल रही है.