जयपुर. राजस्थान में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव की सियासी जमीन पार्टियों की ओर से तैयार की जा रही है. भाजपा की ओर से पीएम नरेंद्र मोदी समेत पार्टी के दिग्गज नेताओं ने कमान संभाल ली है. कांग्रेस सरकार रिपीट करने के लिए हर मोर्चे की किलेबंदी मजबूत करने में जुट गई है. इसी के तहत पिछले एक दशक में आदिवासी वागड़ में खोई जमीन और खिसके जनाधार को दोबारा पटरी पर लाने के लिए कांग्रेस खास रणनीति बना रही है. इस जमीन से 9 अगस्त को पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी पहुंचेंगे और चुनावी शंखनाद करेंगे.
2008 तक रहा एकक्षत्र राज : राहुल गांधी के आदिवासी वागड़ क्षेत्र का दौरा पार्टी की खास रणनीति मानी जा रही है. 9 अगस्त को जब आदिवासी दिवस मनाया जाएगा तो उसी दिन कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी राजस्थान के बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम में आदिवासियों के बीच पहुंचेंगे. वर्ष 2008 तक राजस्थान के आदिवासी वागड़ इलाके में कांग्रेस का एकछत्र राज होता था. यहां की ज्यादातर सीटों पर कांग्रेस पार्टी के ही प्रत्याशी जीत हासिल करते थे. साथ ही कहा यह भी जाता था कि जिसने वागड़ और मेवाड़ जीता, उसने राजस्थान की सत्ता पर कब्जा किया, लेकिन यह मिथक 2018 में टूट गया. वागड़ की ज्यादातर सीटें जीतने के बावजूद भाजपा प्रदेश में सरकार नहीं बना सकी थी.
कांग्रेस की जमीन और वोट बैंक दोनों घटी : वागड़ को पहले कांग्रेस का परंपरागत वोट बैक वाला क्षेत्र माना जाता था, लेकिन पिछले 10 में इस क्षेत्र में कांग्रेस की जमीन और वोट बैंक दोनों घटी है. आदिवासी वोट बैंक पर भाजपा ने पिछले 10 साल में काफी कब्जा किया है. वहीं, बीटीपी जैसी क्षेत्रीय आदिवासी पार्टी ने भी कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगा दी है. यही कारण है कि कांग्रेस पार्टी अपने इस परंपरागत वोट बैंक और वागड़ की आदिवासी जमीन को फिर से मजबूत करने के प्रयास में जुटी है.
पीएम के बाद राहुल करेंगे जनसभा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 सितंबर 2022 को जिस मानगढ़ धाम से राजस्थान के विधानसभा चुनाव के लिए शंखनाद किया था, उसी मानगढ़ धाम पर 9 अगस्त को कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी की जनसभा करवाकर वागड़ के वोट बैंक को अपने साथ जोड़ने का प्रयास करती दिखाई देगी. राहुल गांधी का दौरा बनने के साथ ही कांग्रेस पार्टी दौरे को सफल बनाने में जुट गई है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने दावा किया कि अब तक राजस्थान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सभी दौरों में जितनी तादाद में लोग पहुंचे हैं, अकेले मानगढ़ धाम में होने वाली राहुल गांधी की सभा में उतने लोग शामिल होंगे.
मानगढ़ को विकसित करने की घोषणा करें : डोटासरा ने अपनी ही पार्टी की गहलोत सरकार से यह मांग भी रखी है कि वह मोदी सरकार से यह उम्मीद छोड़ दें कि वह मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करेगी. राजस्थान की सरकार को ही कदम उठाते हुए मानगढ़ धाम को राजस्थान में वह स्थान देना चाहिए, जिससे आदिवासी क्षेत्र के लोगों का मान सम्मान बढ़े. डोटासरा ने कहा कि हम मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक तो नहीं घोषित कर सकते, क्योंकि यह राजस्थान सरकार के हाथ में नहीं. मानगढ़ को लेकर राजस्थान सरकार को ऐसा निर्णय लेना चाहिए ताकि आदिवासी लोगों में विश्व आदिवासी दिवस के दिन एक बड़ा मैसेज जाए.
ऐसे खोती चली गई कांग्रेस वागड़ की जमीनः एक समय था जब वागड़ का आदिवासी इलाका कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक था, लेकिन बीते 10 साल में कांग्रेस यहां पर अपनी पकड़ खो चुकी है. भले ही साल 2018 में राजस्थान में कांग्रेस सरकार बनाने में सफल हुई हो, लेकिन वागड़ की आदिवासी जमीन को वापस लेने में कांग्रेस को सफलता नहीं मिली. वागड़ इलाके में बांसवाड़ा, डूंगरपुर, और प्रतापगढ़ की 11 सीटें और उदयपुर की 5 सीट समते कुल 16 सीटें आती हैं. साल 2008 तक कांग्रेस पार्टी ने वागड़ की 16 में से 11 सीटें जीती और सरकार बनाई. वहीं, कांग्रेस पार्टी वागड़ की अपनी जमीन को 2013 में गंवा बैठी और महज 1 सीट पर चुनाव जीत सकी.
2018 में कांग्रेस पार्टी को वागड़ इलाके में 16 में से केवल 3 सीट पर जीत मिली थी, हालांकि उपचुनाव में धरियावद सीट जीतकर कांग्रेस 4 की संख्या तक पहुंची. वागड़ में भाजपा ने कांग्रेस को काफी नुकसान पहुंचाया है. वहीं, बीटीपी जैसी क्षेत्रीय पार्टियों ने भी कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगाई, लेकिन इस बार सरकार को रिपीट करने के लिए जोर लगा रही कांग्रेस वागड़ की जमीन को दोबारा मजबूत करना चाहती है. यही कारण है कि राहुल गांधी से राजस्थान के विधानसभा चुनाव का शंखनाद कांग्रेस पार्टी वागड़ से करने जा रही है.