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BJP को सता रहा बागियों का डर, कई ठोंक सकते हैं ताल

BJP Mission Rajasthan, भाजपा ने 124 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए हैं. इनमें से कई सीटों पर बागियों ने पार्टी की मुश्किलें खड़ी कर रखी है. समय रहते डैमेज कंट्रोल नहीं हुआ तो पार्टी को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है. ज्यादातर सीटों पर विरोध करने वाले वसुंधरा राजे खेमे के माने जा रहे हैं, जिन्हें पार्टी ने टिकट नहीं दिया.

Rajasthan Election 2023
BJP Mission Rajasthan
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 2, 2023, 11:45 AM IST

जयपुर. भाजपा अपनी पहली और दूसरी सूची के जरिए 124 प्रत्याशी घोषित कर चुकी है, लेकिन अभी भी 76 प्रत्याशियों की सूची आना बाकी है, जिस पर लगातार मंथन चल रहा है. शेष उम्मीदवारों की घोषणा से पहले ही बीजेपी को पूर्व में घोषित सीटों पर अपनों की बगावत बड़ी चुनौती के रूप में दिख रही है. पार्टी अगर समय रहते इस बगावत को कंट्रोल नहीं करती है तो चुनाव में बगावत का सामना करना पड़ सकता है. करीब एक दर्जन से अधिक विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां पर उठ रही बगावत को पार्टी कम नहीं कर पा रही है. खास बात ये है कि इनमें से ज्यादा बगावती तेवर अपनाने वाले वो नेता हैं जो पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के करीबी माने जाते हैं.

यहां उठ रहा विरोध : बीजेपी की पहली सूची के साथ ही शुरू हुआ असंतोष को पार्टी खत्म नहीं कर पा रही है. झोटवाड़ा, चित्तौड़, प्रतापगढ़, देवली उनियारा, सांगानेर, सांचौर, उदयपुर, राजसमंद, अजमेर उत्तर, मनोहर थाना, बीकानेर पूर्व, नगर, किशनगढ़, झुंझुनू और बस्सी ये वो सीटें हैं जहां विरोध को पार्टी कंट्रोल नहीं कर पाई है. चितौड़ से विधायक चंद्रभान सिंह आक्या का टिकट काट कर भैरोंसिंह शेखावत के दामाद नरपत सिंह राजवी को प्रत्याशी घोषित किया गया. लगातार दो बार विधायक रहे चंद्रभान ने एलान किया है कि वे 100 फीसदी चुनाव लड़ेंगे. आक्या चुनाव लड़ते हैं तो राजवी की जीत में मुश्किलें ही मुश्किलें हैं.

पढ़ें : नामांकन, प्रचार और नेताओं की मैराथन, जानें प्रदेश में कहां क्या होगा खास

इसी तरह से सांचौर में बीजेपी ने मौजूदा सांसद देवजी पटेल को चुनाव मैदान में उतारा है. देवजी पटेल का पूर्व विधायक जीवाराम चौधरी और दानाराम चौधरी जमकर विरोध कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि दोनों में से एक चौधरी चुनाव मैदान में उतरेंगे. ऐसा होता है तो देवजी पटेल की जीत संकट में पड़ सकती है. वहीं, अजमेर उत्तर से बीजेपी ने चार बार के विधायक रहे वासुदेव देवनानी को फिर से प्रत्याशी घोषित किया है. इस पर पिछले कई सालों से पार्टी में सक्रिय पार्षद ज्ञान सारस्वत ने चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है.

मनोहरथाना से बीजेपी से गोविंद रानीपुरिया को प्रत्याशी घोषित करने के बाद क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहने वाले रोशन सिंह तंवर ने चुनाव लड़ने का एलान कर रखा है. झोटवाड़ा में बीजेपी ने लोकसभा सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को चुनाव मैदान में उतारा है. जबकि पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत के समर्थक लगातार प्रत्याशी बदलने की मांग कर रहे हैं. इनके साथ बीजेपी से टिकट मांग रहे आशु सिंह सुरपुरा ने भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में ताल ठोंक दी है. ऐसे में झाड़ोल, राजसमंद और देवली-उनियारा में इसी तरह के हालात हैं.

टिकट नहीं मिला, लेकिन कर दिया नामांकन : भाजपा की कुछ सीटें ऐसी हैं, जहां पर पार्टी ने टिकट तो घोषित नहीं किया, लेकिन दावेदारों ने अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया. लाडपुरा से 2013 में बीजेपी के विधायक रहे भवानी सिंह राजावत ने बुधवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया और उम्मीद जाताया कि पार्टी उन्हें ही टिकट देगी.

जयपुर. भाजपा अपनी पहली और दूसरी सूची के जरिए 124 प्रत्याशी घोषित कर चुकी है, लेकिन अभी भी 76 प्रत्याशियों की सूची आना बाकी है, जिस पर लगातार मंथन चल रहा है. शेष उम्मीदवारों की घोषणा से पहले ही बीजेपी को पूर्व में घोषित सीटों पर अपनों की बगावत बड़ी चुनौती के रूप में दिख रही है. पार्टी अगर समय रहते इस बगावत को कंट्रोल नहीं करती है तो चुनाव में बगावत का सामना करना पड़ सकता है. करीब एक दर्जन से अधिक विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां पर उठ रही बगावत को पार्टी कम नहीं कर पा रही है. खास बात ये है कि इनमें से ज्यादा बगावती तेवर अपनाने वाले वो नेता हैं जो पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के करीबी माने जाते हैं.

यहां उठ रहा विरोध : बीजेपी की पहली सूची के साथ ही शुरू हुआ असंतोष को पार्टी खत्म नहीं कर पा रही है. झोटवाड़ा, चित्तौड़, प्रतापगढ़, देवली उनियारा, सांगानेर, सांचौर, उदयपुर, राजसमंद, अजमेर उत्तर, मनोहर थाना, बीकानेर पूर्व, नगर, किशनगढ़, झुंझुनू और बस्सी ये वो सीटें हैं जहां विरोध को पार्टी कंट्रोल नहीं कर पाई है. चितौड़ से विधायक चंद्रभान सिंह आक्या का टिकट काट कर भैरोंसिंह शेखावत के दामाद नरपत सिंह राजवी को प्रत्याशी घोषित किया गया. लगातार दो बार विधायक रहे चंद्रभान ने एलान किया है कि वे 100 फीसदी चुनाव लड़ेंगे. आक्या चुनाव लड़ते हैं तो राजवी की जीत में मुश्किलें ही मुश्किलें हैं.

पढ़ें : नामांकन, प्रचार और नेताओं की मैराथन, जानें प्रदेश में कहां क्या होगा खास

इसी तरह से सांचौर में बीजेपी ने मौजूदा सांसद देवजी पटेल को चुनाव मैदान में उतारा है. देवजी पटेल का पूर्व विधायक जीवाराम चौधरी और दानाराम चौधरी जमकर विरोध कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि दोनों में से एक चौधरी चुनाव मैदान में उतरेंगे. ऐसा होता है तो देवजी पटेल की जीत संकट में पड़ सकती है. वहीं, अजमेर उत्तर से बीजेपी ने चार बार के विधायक रहे वासुदेव देवनानी को फिर से प्रत्याशी घोषित किया है. इस पर पिछले कई सालों से पार्टी में सक्रिय पार्षद ज्ञान सारस्वत ने चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है.

मनोहरथाना से बीजेपी से गोविंद रानीपुरिया को प्रत्याशी घोषित करने के बाद क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहने वाले रोशन सिंह तंवर ने चुनाव लड़ने का एलान कर रखा है. झोटवाड़ा में बीजेपी ने लोकसभा सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को चुनाव मैदान में उतारा है. जबकि पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत के समर्थक लगातार प्रत्याशी बदलने की मांग कर रहे हैं. इनके साथ बीजेपी से टिकट मांग रहे आशु सिंह सुरपुरा ने भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में ताल ठोंक दी है. ऐसे में झाड़ोल, राजसमंद और देवली-उनियारा में इसी तरह के हालात हैं.

टिकट नहीं मिला, लेकिन कर दिया नामांकन : भाजपा की कुछ सीटें ऐसी हैं, जहां पर पार्टी ने टिकट तो घोषित नहीं किया, लेकिन दावेदारों ने अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया. लाडपुरा से 2013 में बीजेपी के विधायक रहे भवानी सिंह राजावत ने बुधवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया और उम्मीद जाताया कि पार्टी उन्हें ही टिकट देगी.

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