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EVM Commissioning आज से, पहली बार टीवी मॉनिटर के जरिए अभ्यर्थी देख सकेंगे VVPAT में कैसे लोड होता है सिंबल

Rajasthan Election 2023, राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग इस बार कई नए प्रयोग कर रहा है. इसी के तहत ईवीएम की कमिशनिंग बुधवार से की जाएगी. इस दौरान अभ्यर्थी वीवीपैट में सिंबल लोड करने की पूरी प्रक्रिया टीवी मॉनिटर पर देख सकेंगे. यह व्यवस्था पहली बार होगी.

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 15, 2023, 6:46 AM IST

Election Commission of India
Election Commission of India

जयपुर. राजस्थान के चुनावी रण के लिए राजनीतिक पार्टियों का प्रचार अभियान जारी है. इस बीच निर्वाचन आयोग भी चुनाव की तैयारियों को अंतिम रूप देने में युद्ध स्तर पर जुटा हुआ है. विधानसभा आम चुनाव 2023 के लिए एम-3 ईवीएम बीयू, सीयू एवं वीवीपीएटी का दूसरा रेंडमाइजेशन मंगलवार को किया गया. बुधवार से अभ्यर्थियों या उनके प्रतिनिधियों की मौजूदगी में प्रदेशभर में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन एवं VVPAT की कमिश्निंग का काम किया जाएगा. इस दौरान टीवी मॉनिटर के माध्यम से अभ्यर्थी या उनके प्रतिनिधि सिंबल लोडिंग की प्रकिया को देख सकेंगे.

विधानसभा आम चुनाव 2023 में पहली बार अभ्यर्थी या उनके प्रतिनिधी के लिए इस तरह की व्यवस्था की गई है. मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि एम-3 ईवीएम बीयू, सीयू एवं वीवी पेट का दूसरा रेंडमाइजेशन मंगलवार को चुनाव पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में करवाया गया. इस दौरान राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि और प्रत्याशी भी मौजूद रहे. मतदान से पहले ईएमएस सॉफ्टवेयर का उपयोग कर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन और वीवीपीएटी को दो बार रेंडमाइज किया जाता है. पहला रेंडमाइजेशन 2-3 नवम्बर को किया गया था. अब दूसरी बार मतदान केंद्र आवंटन के लिए मंगलवार को रेंडमाइजेशन किया गया.

पढ़ें : Rajasthan Election : उम्मीदवारों के खर्च पर निर्वाचन आयोग की पैनी नजर, प्रदेश में लगाए 70 व्यय पर्यवेक्षक

दो लाख ईवीएम और वीवीपैट मशीन से होगी वोटिंग : मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि 25 नवंबर को होने वाले मतदान के लिए लगभग 2 लाख ईवीएम और वीवीपेट मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है. मतदान के लिए प्रयोग में लाने से पहले ईएमएस (EMS) सॉफ्टवेयर का उपयोग कर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन और वीवीपैट को दो बार रेंडमाइज किया जाता है. पहली बार इन्हें विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र आबंटित किए जाने के दौरान और दूसरी बार इन्हें मतदान केंद्र आबंटित किए जाने के दौरान रेंडमाइज किया जाता है.

अंतिम सूची के बाद कमिशनिंग : उन्होंने बताया कि चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों की सूची को अंतिम रूप देने के बाद ईवीएम एवं वीवीपीएटी की कमिशनिंग की जाती है. चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों या उनके प्रतिनिधियों की उपस्थिति में यह काम किया जाता है. हॉल में लगाए गए टीवी मॉनिटर के माध्यम से अभ्यर्थी या उनके अभिकर्ता वीवीपीएटी में सिंबल (चुनाव चिन्ह) लोडिंग की प्रक्रिया को देख सकेंगे.

मॉक पोल के जरिए होगी टेस्टिंग : कमिश्निंग के बाद हर ईवीएम और वीवीपीएटी में नोटा (NOTA) सहित हर एक उम्मीदवार के लिए एक वोट देकर मॉक पोल किया जाता है. इसके अतिरिक्त रेंडम रूप से चुने गए पांच प्रतिशत ईवीएम एवं वीवीपीएटी पर 1000 वोट डालकर मॉक पोल किया जाता है. इनके इलेक्ट्रॉनिक परिणाम का मिलान भी वीवीपीएटी के पेपर स्लिप से किया जाता है.

मतदान से 90 मिंट पहले भी होगी मॉक पोलिंग : मतदान के दिन वास्तविक मतदान शुरू होने के 90 मिनट पहले मतदान अभिकर्ताओं की उपस्थिति में मॉक पोल किया जाता है. इस दौरान नोटा सहित हर एक अभ्यर्थी के लिए एक वोट डालकर कम से कम 50 वोट के साथ मॉक पोल किया जाता है. कंट्रोल यूनिट पर प्राप्त मॉक पोल के परिणाम का मिलान VVPAT से प्रिंट की गई पर्ची के साथ कर एक प्रमाण पत्र पीठासीन अधिकारी द्वारा तैयार किया जाता है. मॉक पोल के तुरंत बाद कंट्रोल यूनिट का क्लियर बटन दबाकर मॉक पोल का डाटा डिलीट किया जाता है. साथ ही मॉक पोल की वीवीपीएटी पेपर स्लिप को कंपार्टमेंट से निकाल कर काले रंग के लिफाफे में भरकर सील किया जाता है.

जयपुर. राजस्थान के चुनावी रण के लिए राजनीतिक पार्टियों का प्रचार अभियान जारी है. इस बीच निर्वाचन आयोग भी चुनाव की तैयारियों को अंतिम रूप देने में युद्ध स्तर पर जुटा हुआ है. विधानसभा आम चुनाव 2023 के लिए एम-3 ईवीएम बीयू, सीयू एवं वीवीपीएटी का दूसरा रेंडमाइजेशन मंगलवार को किया गया. बुधवार से अभ्यर्थियों या उनके प्रतिनिधियों की मौजूदगी में प्रदेशभर में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन एवं VVPAT की कमिश्निंग का काम किया जाएगा. इस दौरान टीवी मॉनिटर के माध्यम से अभ्यर्थी या उनके प्रतिनिधि सिंबल लोडिंग की प्रकिया को देख सकेंगे.

विधानसभा आम चुनाव 2023 में पहली बार अभ्यर्थी या उनके प्रतिनिधी के लिए इस तरह की व्यवस्था की गई है. मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि एम-3 ईवीएम बीयू, सीयू एवं वीवी पेट का दूसरा रेंडमाइजेशन मंगलवार को चुनाव पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में करवाया गया. इस दौरान राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि और प्रत्याशी भी मौजूद रहे. मतदान से पहले ईएमएस सॉफ्टवेयर का उपयोग कर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन और वीवीपीएटी को दो बार रेंडमाइज किया जाता है. पहला रेंडमाइजेशन 2-3 नवम्बर को किया गया था. अब दूसरी बार मतदान केंद्र आवंटन के लिए मंगलवार को रेंडमाइजेशन किया गया.

पढ़ें : Rajasthan Election : उम्मीदवारों के खर्च पर निर्वाचन आयोग की पैनी नजर, प्रदेश में लगाए 70 व्यय पर्यवेक्षक

दो लाख ईवीएम और वीवीपैट मशीन से होगी वोटिंग : मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि 25 नवंबर को होने वाले मतदान के लिए लगभग 2 लाख ईवीएम और वीवीपेट मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है. मतदान के लिए प्रयोग में लाने से पहले ईएमएस (EMS) सॉफ्टवेयर का उपयोग कर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन और वीवीपैट को दो बार रेंडमाइज किया जाता है. पहली बार इन्हें विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र आबंटित किए जाने के दौरान और दूसरी बार इन्हें मतदान केंद्र आबंटित किए जाने के दौरान रेंडमाइज किया जाता है.

अंतिम सूची के बाद कमिशनिंग : उन्होंने बताया कि चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों की सूची को अंतिम रूप देने के बाद ईवीएम एवं वीवीपीएटी की कमिशनिंग की जाती है. चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों या उनके प्रतिनिधियों की उपस्थिति में यह काम किया जाता है. हॉल में लगाए गए टीवी मॉनिटर के माध्यम से अभ्यर्थी या उनके अभिकर्ता वीवीपीएटी में सिंबल (चुनाव चिन्ह) लोडिंग की प्रक्रिया को देख सकेंगे.

मॉक पोल के जरिए होगी टेस्टिंग : कमिश्निंग के बाद हर ईवीएम और वीवीपीएटी में नोटा (NOTA) सहित हर एक उम्मीदवार के लिए एक वोट देकर मॉक पोल किया जाता है. इसके अतिरिक्त रेंडम रूप से चुने गए पांच प्रतिशत ईवीएम एवं वीवीपीएटी पर 1000 वोट डालकर मॉक पोल किया जाता है. इनके इलेक्ट्रॉनिक परिणाम का मिलान भी वीवीपीएटी के पेपर स्लिप से किया जाता है.

मतदान से 90 मिंट पहले भी होगी मॉक पोलिंग : मतदान के दिन वास्तविक मतदान शुरू होने के 90 मिनट पहले मतदान अभिकर्ताओं की उपस्थिति में मॉक पोल किया जाता है. इस दौरान नोटा सहित हर एक अभ्यर्थी के लिए एक वोट डालकर कम से कम 50 वोट के साथ मॉक पोल किया जाता है. कंट्रोल यूनिट पर प्राप्त मॉक पोल के परिणाम का मिलान VVPAT से प्रिंट की गई पर्ची के साथ कर एक प्रमाण पत्र पीठासीन अधिकारी द्वारा तैयार किया जाता है. मॉक पोल के तुरंत बाद कंट्रोल यूनिट का क्लियर बटन दबाकर मॉक पोल का डाटा डिलीट किया जाता है. साथ ही मॉक पोल की वीवीपीएटी पेपर स्लिप को कंपार्टमेंट से निकाल कर काले रंग के लिफाफे में भरकर सील किया जाता है.

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