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राजस्थान में मूल OBC के लिए 6% आरक्षण ओबीसी कमीशन की रिपोर्ट पर निर्भर, अब अगली सरकार में ही होगा फैसला - CM Gehlot on demicile obc 6 percent reservation

राजस्थान में मूल ओबीसी के लिए 6 प्रतिशत आरक्षण ओबीसी कमीशन की रिपोर्ट पर निर्भर करता है. इसका मतलब साफ है कि वर्तमान सरकार के बस की बात नहीं है. अगली निर्वाचित सरकार में ही संभव है.

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 23, 2023, 2:33 PM IST

जयपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम में मूल ओबीसी के लिए 6% आरक्षण अलग से करने की बात तो कही थी. परंतु अभी मूल ओबीसी के लिए 6% आरक्षण मिलना दूर की कौड़ी बना हुआ है. राजस्थान में जिस तरह से महज एक डेढ़ महीने में आचार संहिता लगने वाली है. उसको देखते हुए कहा जा सकता है कि अब अगली सरकार चाहे वह कांग्रेस की हो या भाजपा की वही मूल ओबीसी के आरक्षण को लेकर निर्णय ले सकेगी. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मामले में घोषणा तो की थी लेकिन बिना ओबीसी कमीशन की रिपोर्ट और रिकमेंडेशन के ऐसा किया जाना संभव नहीं है. यही कारण है कि गहलोत ने खुद ही यह कह दिया कि मैं चाहूं तो भी यह आरक्षण अभी नहीं दिया जा सकता है. गहलोत ने कहा कि हम चाहते हैं कि यूपी, बिहार की तरह राजस्थान में भी पिछड़ी जातियों को लगना चाहिए कि सरकार हमारे साथ खड़ी है लेकिन यह लंबा प्रोसेस है. मैं चाहूं तो भी आज या आरक्षण नहीं दे सकता. उन्होंने कहा कि अगर कभी संभावना बनेगी और ओबीसी कमीशन रिकमेंडेशंस देगा. उसके बाद कैबिनेट फैसला लेगी और इस पर निर्णय विधानसभा में होगा. ऐसे में साफ है कि राजस्थान में ओबीसी को मिल रहा 21% आरक्षण के अलावा मूल ओबीसी के लिए 6% आरक्षण अभी संभव नहीं है.

जातिगत जनगणना भी अभी प्रदेश में नहीं संभव : मूल ओबीसी के आरक्षण को लेकर तो यह साफ है कि ओबीसी कमीशन की रिपोर्ट के बिना मूल ओबीसी के लिए 6% आरक्षण दिया जाना संभव नहीं है. इसके साथ ही जातिगत जनगणना भी राजस्थान में अभी किया जाना संभव नहीं है, क्योंकि अभी सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले की ओर देख रही है. अगर सुप्रीम कोर्ट से बिहार सरकार को हरी झंडी मिलती है. उसके बाद ही जातिगत जनगणना का काम देश का कोई राज्य कर सकेगा. मुख्यमंत्री गहलोत ने जातिगत जनगणना को लेकर भी साफ कर दिया कि यह कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी की मांग है. हम भी जातिगत जनगणना करवाना चाहते हैं लेकिन प्रक्रिया तो प्रक्रिया है.

पढ़ें अशोक गहलोत का बड़ा ऐलान : राजस्थान में होगी जातिगत जनगणना, ओबीसी आरक्षण पर कही ये बात

मेनिफेस्टो में 6 प्रतिशत मूल ओबीसी का आरक्षण और जातिगत जनगणना संभव : अब क्योंकि राजस्थान में चुनाव में महज 3 महीने से भी काम का समय बचा है. ऐसे में मूल ओबीसी के लिए अलग से 6% आरक्षण और जातिगत जनगणना सरकार के बाकी बचे समय में करवाया जाना संभव नहीं है. यही हालत जातिगत जनगणना के भी हैं. ऐसे में अब माना जा रहा है कि यह दोनों घोषणा ही कांग्रेस पार्टी अपने मेनिफेस्टो का हिस्सा बनाएगी.

जयपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम में मूल ओबीसी के लिए 6% आरक्षण अलग से करने की बात तो कही थी. परंतु अभी मूल ओबीसी के लिए 6% आरक्षण मिलना दूर की कौड़ी बना हुआ है. राजस्थान में जिस तरह से महज एक डेढ़ महीने में आचार संहिता लगने वाली है. उसको देखते हुए कहा जा सकता है कि अब अगली सरकार चाहे वह कांग्रेस की हो या भाजपा की वही मूल ओबीसी के आरक्षण को लेकर निर्णय ले सकेगी. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मामले में घोषणा तो की थी लेकिन बिना ओबीसी कमीशन की रिपोर्ट और रिकमेंडेशन के ऐसा किया जाना संभव नहीं है. यही कारण है कि गहलोत ने खुद ही यह कह दिया कि मैं चाहूं तो भी यह आरक्षण अभी नहीं दिया जा सकता है. गहलोत ने कहा कि हम चाहते हैं कि यूपी, बिहार की तरह राजस्थान में भी पिछड़ी जातियों को लगना चाहिए कि सरकार हमारे साथ खड़ी है लेकिन यह लंबा प्रोसेस है. मैं चाहूं तो भी आज या आरक्षण नहीं दे सकता. उन्होंने कहा कि अगर कभी संभावना बनेगी और ओबीसी कमीशन रिकमेंडेशंस देगा. उसके बाद कैबिनेट फैसला लेगी और इस पर निर्णय विधानसभा में होगा. ऐसे में साफ है कि राजस्थान में ओबीसी को मिल रहा 21% आरक्षण के अलावा मूल ओबीसी के लिए 6% आरक्षण अभी संभव नहीं है.

जातिगत जनगणना भी अभी प्रदेश में नहीं संभव : मूल ओबीसी के आरक्षण को लेकर तो यह साफ है कि ओबीसी कमीशन की रिपोर्ट के बिना मूल ओबीसी के लिए 6% आरक्षण दिया जाना संभव नहीं है. इसके साथ ही जातिगत जनगणना भी राजस्थान में अभी किया जाना संभव नहीं है, क्योंकि अभी सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले की ओर देख रही है. अगर सुप्रीम कोर्ट से बिहार सरकार को हरी झंडी मिलती है. उसके बाद ही जातिगत जनगणना का काम देश का कोई राज्य कर सकेगा. मुख्यमंत्री गहलोत ने जातिगत जनगणना को लेकर भी साफ कर दिया कि यह कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी की मांग है. हम भी जातिगत जनगणना करवाना चाहते हैं लेकिन प्रक्रिया तो प्रक्रिया है.

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मेनिफेस्टो में 6 प्रतिशत मूल ओबीसी का आरक्षण और जातिगत जनगणना संभव : अब क्योंकि राजस्थान में चुनाव में महज 3 महीने से भी काम का समय बचा है. ऐसे में मूल ओबीसी के लिए अलग से 6% आरक्षण और जातिगत जनगणना सरकार के बाकी बचे समय में करवाया जाना संभव नहीं है. यही हालत जातिगत जनगणना के भी हैं. ऐसे में अब माना जा रहा है कि यह दोनों घोषणा ही कांग्रेस पार्टी अपने मेनिफेस्टो का हिस्सा बनाएगी.

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