जयपुर. प्रदेश में सचिन पायलट और राजस्थान कांग्रेस की राजनीति में आज का दिन काफी अहम साबित हो सकता है. जहां सचिन पायलट की 11 अप्रैल को पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार के समय हुए भ्रष्टाचार की जांच की मांग पर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी एस एस रंधावा ने 10 अप्रैल की रात को ही उनके अनशन को पार्टी विरोधी मानते हुए एक प्रीनोटिस सचिन पायलट को थमा दिया था. हालांकि कहा जा रहा है कि कर्नाटक चुनाव को देखते हुए कांग्रेस पार्टी ने सचिन पायलट पर किसी भी तरह की कार्रवाई को होल्ड कर दिया था, लेकिन इस बार जब सचिन पायलट ने अपनी ही पार्टी की सरकार के कार्यकाल में हुए पेपर लीक मामले को मुद्दा बनाकर 5 दिन की यात्रा निकाली तो पार्टी में बिल्कुल चुप्पी है और न ही प्रभारी की ओर से कोई बयान दिया गया और न ही कोई लिखित में आदेश निकाला गया.
मतलब साफ है कि कांग्रेस प्रभारी सुखजिंद सिंह रंधावा इस बार बिना किसी विवाद के और सर्वसम्मति से ही कोई निर्णय लेंगे. यही कारण है कि आज दिल्ली में प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने सह प्रभारी अमृता धवन, काजी निजामुद्दीन और वीरेंद्र सिंह राठौड़ के साथ बैठक बुलाई है. उस बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को भी बुलाया गया है. संभव है कि गोविंद डोटासरा से बैठक में ही पूछा जाए कि सचिन पायलट के पैदल मार्च का पार्टी पर क्या असर पड़ रहा है. पांचों नेता बैठक में संगठन में नियुक्तियों के साथ ही प्रमुखता से पायलट के मुद्दे का स्थाई समाधान तलाशने का प्रयास करेंगे. ये भी कहा जा रहा है कि इस बार प्रभारी, तीनों सह प्रभारियों और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के साथ मिलकर एक संयुक्त रिपोर्ट तैयार करेंगे. जिसे कांग्रेस आलाकमान को सौंपा जाएगा.
इस बार जो भी निर्णय होगा, कांग्रेस आलाकमान भी उसी रिपोर्ट को आधार बनाकर निर्णय लेगा. वैसे भी अब कर्नाटक चुनाव संपन्न हो चुके हैं और देश में अगले चुनाव राजस्थान समेत 4 राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ ओर मिजोरम में होने हैं. ऐसे में राजस्थान में प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट की भूमिका को लेकर स्थाई समाधान कांग्रेस पार्टी करेगी. वो समाधान क्या होगा उसे लेकर आज दिल्ली में होने वाली बैठक को महत्वपूर्ण माना जा रहा है. तो वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सचिन पायलट की पदयात्रा से कांग्रेस को होने वाले नफा नुकसान पर कांग्रेस आलाकमान के साथ मंथन की बात कर चुके हैं. ऐसे में आज दिल्ली में होने वाली बैठक में पायलट की यात्रा सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा होगा. इस बैठक के बाद तैयार होने वाली रिपोर्ट संभव है कि राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की दिशा और दशा पूरी तरीके से बदल दे.
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पायलट कैंप के विधायक वेद सोलंकी रंधावा की भूमिका पर उठाए सवाल तो डोटासरा ने कहा पायलट की पदयात्रा से नहीं कोई सरोकार : राजस्थान में कांग्रेस पार्टी में आपसी दूरियों का आलम ये है कि जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट समेत उनके समर्थक विधायकों पर कांग्रेस की सरकार गिराने के लिए पैसे लेने के आरोप लगा चुके हैं. वहीं पायलट समर्थक विधायक अब गहलोत की नहीं प्रभारी सुरिंदर सिंह रंधावा की भूमिका पर भी सवाल उठा रहे हैं. वेद सोलंकी रंधावा की भूमिका को लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को पत्र लिख चुके हैं. वहीं 11 अप्रैल के अनशन पर शांत रहे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी सचिन पायलट की पदयात्रा को पायलट की व्यक्तिगत यात्रा बता रहे हैं.