जयपुर. राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण ने एक अपील पर करते हुए प्रमुख चिकित्सा सचिव और स्वास्थ्य निदेशक से जवाब तलब किया है. अधिकरण ने पूछा है कि जब विभाग ने नए जिलों के संबंध में परिपत्र ही जारी नहीं किया तो विभाग की ओर से प्रमुख मुख्य चिकित्सा अधिकारी, नागौर के पद पर कार्यरत अधिकारी का तबादला नए बनाए गए डीडवाना-कुचामन जिले में कैसे कर दिया?. साथ ही अधिकरण ने तबादला आदेश की क्रियान्विति पर अंतरिम रोक लगा दी है. अधिकरण ने यह आदेश डॉ. सुरेन्द्र सिंह कालवी की अपील पर दिए.
अपील में अधिवक्ता सुनील कुमार सिंगोदिया ने अधिकरण को बताया कि अपीलार्थी शुरुआत में वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी से उपनिदेशक के पद पर पदोन्नति दी गई. वहीं बाद में उसे पदोन्नत कर नागौर के जिला चिकित्सालय में प्रमुख मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पद पर लगाया गया. गत पांच अगस्त को राज्य सरकार ने नागौर जिला को पुनर्गठित कर डीडवाना-कुचामन नाम से नया जिला बना दिया. वहीं, 21 अगस्त को अपीलार्थी का तबादला डीडवाना-कुचामन के जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर कर दिया. इस तबादला आदेश को चुनौती देते हुए कहा गया कि राज्य सरकार ने परिपत्र जारी कर डीडवाना-कुचामन नाम से नया जिला बना दिया, लेकिन चिकित्सा विभाग ने नवगठित जिलों के संबंध में कोई परिपत्र या अधिसूचना जारी नहीं की.
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इसके बावजूद पंचायती राज अधिनियम के प्रावधानों के खिलाफ जाकर अपीलार्थी का दूसरे जिले में तबादला कर दिया. अपील में यह भी कहा गया कि अपीलार्थी को वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी पद पर मानते हुए उसका तबादला किया गया, जबकि इस पद के बाद वह दो बार पदोन्नत हो चुका है. ऐसे में अपीलार्थी का तबादला बतौर सीनियर मेडिकल ऑफिसर दिखाते हुए राजस्थान सेवा नियमों की अवहेलना भी की गई है. इसलिए तबादला आदेश की क्रियान्विति को रद्द किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए अधिकरण ने तबादला आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.