जयपुर. प्रदेश में धरियावद और वल्लभनगर विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में भाजपा के नेता बागियों की मान-मनौव्वाल में जुटे हैं. ये उपचुनाव सीधे तौर पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया की प्रतिष्ठा से जुड़ा है. लिहाजा वे 13 अक्टूबर तक वहीं डेरा डाले रखेंगे. धरियावद सीट पर प्रमुख बागियों को बैठाने में भाजपा को सफलता मिल सकती है, लेकिन वल्लभनगर में उम्मीद थोड़ी कम है. बताया जा रहा है धरियावद सीट पर बागी कन्हैया लाल मीणा को पार्टी में प्रदेश मंत्री पद देकर संतुष्ट किया जा सकता है.
दरअसल, वल्लभनगर में 16 और धरियावद में 13 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किए हैं. लेकिन भाजपा का प्रमुख फोकस धरियावद सीट पर दिवंगत विधायक गौतम लाल मीणा के पुत्र कन्हैया लाल मीणा का नामांकन पत्र वापस दिलवाने पर लगा है. इसके लिए गुलाबचंद कटारिया से लेकर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया तक जी जान से जुटे हैं.
वहीं, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ स्थानीय जनप्रतिनिधियों और नेताओं के साथ मान-मनौव्वाल और समझाइश में जुटे हैं. पार्टी सूत्र इस बात के संकेत दे रहे हैं कि संभवता कन्हैया मीणा भाजपा के पक्ष में अपना नामांकन वापस ले लेंगे. हालांकि 13 अक्टूबर को ही यह साफ हो पाएगा कि कन्हैया लाल मीणा को मना पाने में भाजपा के प्रमुख नेता किस हद तक सफल हो पाते हैं.
आरएलपी से उदय लाल डांगी को छुड़ाना कटारिया के लिए भी मुश्किलों भरा काम...
धरियावद में भाजपा की मुश्किलें कम होती दिख रही हैं, लेकिन वल्लभनगर में बीजेपी की परेशानी लगातार बढ़ रही है. कांग्रेस और जनता सेना की चुनौती के अलावा इस सीट पर भाजपा के ही उदय लाल डांगी भी एक बड़ी चुनौती हैं, जो आरएलपी के टिकट से चुनाव मैदान में उतर चुके हैं. हालांकि, उदय लाल डांगी नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के नजदीकी नेताओं में जाने जाते हैं. यही कारण है कि प्रदेश नेतृत्व में उदय लाल डांगी को समझा कर नामांकन वापस दिलवाने का काम कटारिया को ही सौंपा है.
कटारिया लगातार डांगी से संपर्क की कोशिश में हैं. वहीं, इस सीट पर भाजपा की ओर से लगाए गए प्रभारी, सह-प्रभारी सहित अन्य भाजपा नेता भी काम में जुटे हैं, लेकिन अब तक इसमें सफलता नहीं मिल पाई. माना जा रहा है कि अब तक उदय लाल डांगी से भाजपा के किसी भी प्रमुख नेता का संपर्क नहीं हो पाया है और डांगी खुद संपर्क से बच भी रहे हैं. मतलब इस सीट पर भाजपा को सफलता मिल पाने की उम्मीद थोड़ी कम है लेकिन भाजपा नेताओं की ओर से कोशिश जारी है.
दोनों सीटों पर कटारिया की प्रतिष्ठा दांव पर...
धरियावद और वल्लभनगर विधानसभा सीट उदयपुर संभाग में आती है और भाजपा की दृष्टि से इस संभाग में पार्टी का सबसे बड़ा चेहरा गुलाब चंद कटारिया को माना जाता है. मतलब दोनों ही सीटों पर इस उपचुनाव का परिणाम सीधे तौर पर कटारिया की प्रतिष्ठा से भी जुड़ा है. यही कारण है कि गुलाबचंद कटारिया 13 अक्टूबर से पहले बागियों की मान-मनौव्वाल और समझाइश में जुटे हैं, ताकि भाजपा के बागी अपना नामांकन वापस लें, तो फिर पार्टी प्रत्याशी को भी थोड़ी राहत मिल सके और भाजपा की जीत की राह भी काफी हद तक आसान हो सके.
हालांकि, परिणाम विपरीत आते हैं तो इसका सीधा असर कटारिया के आगामी सियासी भविष्य पर पड़ना तय है और कटारिया के विरोधी भी मुखर हो जाएंगे.
कन्हैयालाल को संगठन में बनाया जा सकता है प्रदेश मंत्री...
बताया जा रहा है कि धरियावद सीट पर टिकट न मिलने से नाराज होकर निर्दलीय ताल ठोकने वाले कन्हैया लाल मीणा को प्रदेश भाजपा में मंत्री पद देकर संतुष्ट किया जा सकता है. पिछले दो दिवसीय उदयपुर संभाग के दौरे के दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने बागी प्रत्याशियों को मनाने के लिए जो प्रयास किए थे वो रंग ला सकते हैं. कन्हैया लाल मीणा की नाराजगी दूर कर उन्हें संगठन में जिम्मेदारी दिए जाने पर प्रदेश नेतृत्व और प्रमुख नेताओं में सहमति भी बन गई है.