जयपुर. जयपुर बम ब्लास्ट के आरोपियों को हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद शुरू हुई राजस्थान की सियासत अब गरमाती जा रही है. आरोपियों के बरी होने पर प्रदेश बीजेपी ने गहलोत सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. बीजेपी लगातार आरोप लगा रही है कि प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट में कमजोर पैरवी की. जिसकी वजह से आरोपियों को निचली अदालत की ओर से मिली गई सजा को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया. सरकार पर कमजोर पैरवी और तुष्टीकरण का आरोप लगाते हुए बीजेपी 1 अप्रैल से ही लगातार अलग-अलग तरह से आंदोलन कर रही है. इसी कड़ी में आज यानी मंगलवार को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालय पर बीजेपी का गहलोत सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन है.
तुष्टिकरण का लगा आरोप
बता दें कि जयपुर बम ब्लास्ट के आरोपियों को हाईकोर्ट से राहत मिलने के साथ ही बीजेपी ने इस मुद्दे पर गहलोत सरकार को कटघरे में खड़ा किया था. भाजपा का आरोप है कि सरकार प्रदेश में तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है, जिसकी वजह से जयपुर बम ब्लास्ट के आरोपियों को हाईकोर्ट से राहत मिली है. बीजेपी ने कहा कि सरकार ने मजबूत पैरवी के लिए बड़े वकील खड़े नहीं किए और केस को जानबुझकर कमजोर किया, जिसकी वजह से आरोपियों को राहत मिली है. बीजेपी का यह भी आरोप है कि सरकार के जब विधायकों के इस्तीफे का मामला आया तो सरकार ने दिल्ली से सुप्रीम कोर्ट के वकील को बुलाया, लेकिन जब जयपुर बम ब्लास्ट के आरोपियों को सजा दिलाने की बात आई तो उसमें सरकार के जो बड़े वकील थे वह भी पैरवी के लिए नहीं पहुंचे.
1 अप्रैल से जारी विरोध
बीजेपी 1 अप्रैल से ही जयपुर बम ब्लास्ट के मामले पर सरकार को निशाने पर ले रही है. आंदोलन के पहले चरण में प्रदेश बीजेपी की ओर से 1 अप्रैल को छोटी चौपड़ पर धरना दिया गया. जिसमें भाजपा विधायक, प्रदेश बीजेपी के नेता, सांसद, राज्यसभा सदस्य शामिल हुए. वही दूसरे चरण में 3 अप्रैल को बीजेपी के पूर्व प्रदेश अधक्ष अरुण चतुर्वेदी की ओर से सरकार की कमजोर पैरवी के आंकड़े मीडिया ब्रीफिंग के जरिए उजागर किए गए.
इस दौरान अरुण चतुर्वेदी ने यह भी कहा था कि जरूरत पड़ी तो बीजेपी पीड़ित परिवारों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अपना वकील भी खड़ा करेगी, ताकि आरोपियों को सजा दिलाई जा सके. इसके बाद आंदोलन के तीसरे चरण में 4 अप्रैल यानी आज प्रदेश के सभी जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा और आम जनता तक बम ब्लास्ट जैसे मामले में सरकार की ओर से बरती गई लापरवाही को उजागर किया जाएगा.