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BJP Protest Against Congress: सत्ता पक्ष के खिलाफ विपक्ष की रणनीति, 15 से 30 मार्च तक प्रदेश के जिला मुख्यालय पर सरकार के खिलाफ होगा प्रदर्शन - जयपुर की राजनीतिक खबरें

कहते हैं राजनीतिज्ञों को हर पांच साल पर अग्निपरीक्षा देनी होती है और वही परीक्षा राजस्थान में इस साल होनी है. जिसके लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष जनता को अपने-अपने तरीके से समझाने या एक दूसरे के खिलाफ उकसाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है.

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Published : Mar 9, 2023, 10:32 AM IST

Updated : Mar 9, 2023, 11:08 AM IST

जयपुर. आगामी राज्य विधान सभा चुनाव में अब 10 माह से कम समय बचा है. ऐसे में विपक्ष में बैठी बीजेपी अब सत्ता पक्ष पर पूरी तरीके से हमलावर होती दिख रही है. भाजपा की रणनीति है कि जनहित से जुड़े मुद्दों को जनता के बीच में ले जाकर मौजूदा सरकार को ज्यादा से ज्यादा कटघरे में खड़ा किया जाए, ताकि आम जनता के बीच में यह माहौल बन सके कि अगर बीजेपी सरकार में आती है तो उनका विशेष ख्याल रखेगी. यही कारण है कि पेपर लीक, बेरोजगारी, कानून व्यवस्था, महिलाओं के प्रति हिंसा, किसानों के कर्ज की माफी समेत कई मुद्दों को लेकर बीजेपी जिला स्तर पर सरकार को घेरने की रणनीति बना रही है. पार्टी सूत्रों की मानें तो 15 मार्च से 30 मार्च तक प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर बीजेपी जन आक्रोश अभियान के तहत विरोध प्रदर्शन करेगी.

ये है रणनीति
दरअसल बीते 4 मार्च को जयपुर में आयोजित बीजेपी युवा मोर्चा के सफल आंदोलन के बाद भाजपा काफी उत्साहित दिख रही है, यही वजह है कि जन आक्रोश अभियान के तहत अब बीजेपी जिला स्तर पर गहलोत सरकार की नाकामियों को उजागर करने की जुगत में है. हाल ही में युवा मोर्चा के विरोध प्रदर्शन के दौरान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी स्पष्ट कहा था कि प्रदेश की गूंगी बहरी हो चुकी सरकार को जगाने के लिए 15 मार्च से 30 मार्च तक जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन होंगे. सूत्रों की मानें तो इस विरोध प्रदर्शन में प्रदेश प्रभारी व प्रदेश अध्यक्ष समेत तमाम पार्टी के दिग्गज नेता भी शामिल होंगे ताकि जनता के बीच में एक सकारात्मक माहौल बनाया जा सके.

पढ़ें-Exclusive: केरल के पूर्व मुख्य निर्वाचन अधिकारी टीकाराम मीणा राजस्थान की राजनीति में उतरने को तैयार

ये रहेंगे प्रमुख मुद्दे
बीजेपी की ओर से एक पखवाड़े तक होने वाले विरोध प्रदर्शन में आम जनता से जुड़े मुद्दे की जिले की सड़कों और गलियों में गुंजेंगे. बीजेपी बिगड़ती कानून व्यवस्था के साथ पेपर लीक मामलों को उछालकर बेरोजगार नौजवानों के गुस्से को तुल देने के मुड में दिख रही है. यही कारण है कि भाजपा ने बेरोजगारी ओर किसानों की कर्जमाफी पर भी राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा करना चाहती है. इसके अतिरिक्त महिला हिंसा ओर सांप्रदायिक माहौल पर भी गहलोत सरकार को विफल दिखाने की कोशिश में है. बीते सालों में प्रदेश में हुए सांप्रदायिक घटनाओं को लगातार भुनाने की जुगत में रही है. भाजपा का आरोप है कि गहलोत सरकार ने इन 4 सालों में तुष्टिकरण की राजनीति के अलावा कुछ भी नहीं किया है.

जनाक्रोश यात्रा का अगला चरण
बता दें कि इससे पहले गहलोत सरकार के 4 साल पूरे होने पर दिसंबर 2022 में प्रदेश बीजेपी की ओर से सभी जिलों में जन आक्रोश यात्रा निकाली गई थी. इस दौरान उन्होंने जनता की शिकायतें भी प्रमुखता से सुनी थी. इसके साथ ही प्रदेश भाजपा की ओर से जारी किए गए चार्ज शीट अथवा आरोप पत्र में भी पेपर लीक और बिगड़ती कानून व्यवस्था को काफी प्रमुखता से उठाया था. जनआक्रोश अभियान का ही अगला चरण जिलों में विरोध प्रदर्शन होगा.

जयपुर. आगामी राज्य विधान सभा चुनाव में अब 10 माह से कम समय बचा है. ऐसे में विपक्ष में बैठी बीजेपी अब सत्ता पक्ष पर पूरी तरीके से हमलावर होती दिख रही है. भाजपा की रणनीति है कि जनहित से जुड़े मुद्दों को जनता के बीच में ले जाकर मौजूदा सरकार को ज्यादा से ज्यादा कटघरे में खड़ा किया जाए, ताकि आम जनता के बीच में यह माहौल बन सके कि अगर बीजेपी सरकार में आती है तो उनका विशेष ख्याल रखेगी. यही कारण है कि पेपर लीक, बेरोजगारी, कानून व्यवस्था, महिलाओं के प्रति हिंसा, किसानों के कर्ज की माफी समेत कई मुद्दों को लेकर बीजेपी जिला स्तर पर सरकार को घेरने की रणनीति बना रही है. पार्टी सूत्रों की मानें तो 15 मार्च से 30 मार्च तक प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर बीजेपी जन आक्रोश अभियान के तहत विरोध प्रदर्शन करेगी.

ये है रणनीति
दरअसल बीते 4 मार्च को जयपुर में आयोजित बीजेपी युवा मोर्चा के सफल आंदोलन के बाद भाजपा काफी उत्साहित दिख रही है, यही वजह है कि जन आक्रोश अभियान के तहत अब बीजेपी जिला स्तर पर गहलोत सरकार की नाकामियों को उजागर करने की जुगत में है. हाल ही में युवा मोर्चा के विरोध प्रदर्शन के दौरान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी स्पष्ट कहा था कि प्रदेश की गूंगी बहरी हो चुकी सरकार को जगाने के लिए 15 मार्च से 30 मार्च तक जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन होंगे. सूत्रों की मानें तो इस विरोध प्रदर्शन में प्रदेश प्रभारी व प्रदेश अध्यक्ष समेत तमाम पार्टी के दिग्गज नेता भी शामिल होंगे ताकि जनता के बीच में एक सकारात्मक माहौल बनाया जा सके.

पढ़ें-Exclusive: केरल के पूर्व मुख्य निर्वाचन अधिकारी टीकाराम मीणा राजस्थान की राजनीति में उतरने को तैयार

ये रहेंगे प्रमुख मुद्दे
बीजेपी की ओर से एक पखवाड़े तक होने वाले विरोध प्रदर्शन में आम जनता से जुड़े मुद्दे की जिले की सड़कों और गलियों में गुंजेंगे. बीजेपी बिगड़ती कानून व्यवस्था के साथ पेपर लीक मामलों को उछालकर बेरोजगार नौजवानों के गुस्से को तुल देने के मुड में दिख रही है. यही कारण है कि भाजपा ने बेरोजगारी ओर किसानों की कर्जमाफी पर भी राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा करना चाहती है. इसके अतिरिक्त महिला हिंसा ओर सांप्रदायिक माहौल पर भी गहलोत सरकार को विफल दिखाने की कोशिश में है. बीते सालों में प्रदेश में हुए सांप्रदायिक घटनाओं को लगातार भुनाने की जुगत में रही है. भाजपा का आरोप है कि गहलोत सरकार ने इन 4 सालों में तुष्टिकरण की राजनीति के अलावा कुछ भी नहीं किया है.

जनाक्रोश यात्रा का अगला चरण
बता दें कि इससे पहले गहलोत सरकार के 4 साल पूरे होने पर दिसंबर 2022 में प्रदेश बीजेपी की ओर से सभी जिलों में जन आक्रोश यात्रा निकाली गई थी. इस दौरान उन्होंने जनता की शिकायतें भी प्रमुखता से सुनी थी. इसके साथ ही प्रदेश भाजपा की ओर से जारी किए गए चार्ज शीट अथवा आरोप पत्र में भी पेपर लीक और बिगड़ती कानून व्यवस्था को काफी प्रमुखता से उठाया था. जनआक्रोश अभियान का ही अगला चरण जिलों में विरोध प्रदर्शन होगा.

Last Updated : Mar 9, 2023, 11:08 AM IST
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