जयपुर. राजस्थान भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने रविवार को ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान पार्टी की अंदरूनी सियासत से लेकर संगठन के सामने मौजूद चुनौतियों पर अपनी राय रखी. पूनिया ने पार्टी के अंदर की गुटबाजी, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से दूरी और नए प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी पर पूछे गए सवालों का भी जवाब दिया. साथ ही आमेर विधानसभा सीट से आगामी विधान सभा चुनाव लड़ने की अपनी मंशा जाहिर की.
अध्यक्ष की नियुक्ति आलाकमान का काम, मैंने अपना काम किया : राजस्थान की भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष के पद पर चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी की नियुक्ति से जुड़े सवाल पर पूनिया ने कहा कि भाजपा कैडर बेस पार्टी है, जहां आलाकमान सर्वेसर्वा होता है. वहीं, संगठन को चलाए जाने की रूपरेखा तय करता है. राजनीति और संगठन में परिवर्तन एक परंपरा है, इसलिए इसे अनहोनी के रूप में न देखें. मैंने अपने 3 साल का कार्यकाल पूरा कर लिया और इसके बाद संसदीय दल और आलाकमान को ही आगे का फैसला लेना था. यह व्यक्ति के रूप में तय नहीं होता है.
प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर उपलब्धियों के सवाल पर पूनिया ने कहा कि उन्होंने पार्टी में संगठन, संघर्ष और सरोकार के 3 नियम वाले आधार पर ही अपने कार्यकाल को पूरा किया. पूनिया ने कहा कि प्रदेश के 50 हजार पोलिंग बूथ तक संगठन को लेकर जाना और इसे सक्रिय बनाए रखने से बड़ी उपलब्धि कुछ और हो नहीं सकती है. उन्होंने कोरोना महामारी का भी जिक्र किया और इसे चुनौती के रूप में बताया. साथ ही कहा कि मैंने पार्टी में राजनीतिक शक्ल से ज्यादा दल के रचनात्मक चेहरे के रूप में काम कर सका, इस बात की संतुष्टि भी है.
मेरे ब्लूप्रिंट को आगे लेकर जाएंगे सीपी जोशी : भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी की नियुक्ति और उनसे चुनौतियों से जुड़े सवाल पर सतीश पूनिया ने कहा कि पार्टी में अध्यक्ष का पद व्यक्ति परख नहीं होता है. लिहाजा, मेरी तैयार किए गए ब्लूप्रिंट पर ही चुनावी साल में जोशी आगे बढ़ेंगे. उन्होंने कहा कि भाजपा के चरित्र के आधार पर ही सीपी जोशी काम करेंगे और पार्टी को आगे बढ़ाएंगे. सीपी जोशी के लिए प्रदेश में चुनौतियों के सवाल पर उन्होंने कहा कि सरकार का बजट पॉपुलिस्टिक रहा है. OPS और ERCP भी एक बड़ी चुनौती है, जिन पर पार्टी को अभी लाइन तैयार करनी है. साथ ही भरोसा जताया है कि इन चुनौतियों का हम मिलकर सामना करेंगे.
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गुटबाजी और राजे पर बेबाक जवाब : सतीश पूनिया से जब पूछा गया कि पार्टी की गुटबाजी को लेकर अक्सर बातचीत होती है. सीपी जोशी ने भी दिल्ली में नियुक्ति के तत्काल बाद प्रतिक्रिया में इस बात का जिक्र किया तो उन्होंने कहा कि राजनीति में गॉसिप्स की जगह हमेशा होती है. लेकिन मेरा मानना है कि न तो मेरे मन में और न ही जोशी जी के मन में इस तरह का कोई खयाल होगा. वसुंधरा राजे से दूरियों को लेकर किए गए सवाल के जवाब में पूनिया ने कहा कि संगठन के कार्यकर्ता के नाते मेरी कोशिश हमेशा रही है कि मैं सभी को लेकर आगे बढ़ूं.
हालांकि, उन्होंने माना कि राजनीति में स्वभावगत कुछ चीजें और चर्चाएं होती हैं, जिनका कोई छोर नहीं होता है. उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत तौर पर मेरे मन में ऐसे किसी नेता के प्रति श्रद्धा की कोई कमी नहीं रही. जाट नेता को प्रदेश अध्यक्ष पद पर से हटाए जाने के सवाल को लेकर जारी खबरों के बीच सतीश पूनिया ने आरोप लगाया कि यह कांग्रेस से प्रेरित लोगों का स्टंट था. उन्होंने कहा कि जिस तरह का आचरण किया गया, वह पार्टी के कार्यकर्ता का कृत्य नहीं हो सकता. पूनिया ने अंदेशा जताया कि मुझे या मेरी पार्टी के लोगों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश के तहत यह किया गया था. उन्होंने कहा कि सभी को योग्यता के मुताबिक अवसर दिया जाता है.
अगला चुनाव भी आमेर से लड़ने की इच्छा : साल 2023 के आगामी विधानसभा चुनाव में सतीश पूनिया किस सीट से मैदान में उतरेंगे ? इस बात की चर्चा राजनीतिक गलियारों में होती रही है. पूनिया के सीट बदलने की भी अटकलें लगाई जाती हैं. ईटीवी भारत के सवाल पर उन्होंने कहा कि आमेर मेरे लिए परिवार जैसा है. इसलिए मेरी पहली और अंतिम इच्छा है कि मैं आमेर से ही अगला चुनाव लड़ूं. उन्होंने कहा कि बीते 10 साल में आमेर के विकास के लिए मैंने काफी कुछ प्रयास किया है और अभी कुछ और प्रयास हैं, जिन्हें मूर्त रूप दिया जाना बाकी है. उन्होंने कहा कि आमेर उनके लिए प्रोफेशन नहीं, बल्कि पैशन है. हालांकि, पूनिया ने यह भी कहा कि उनके चुनाव लड़ने या ना लड़ने की भूमिका को पार्टी की तरफ से तय किया जाना है.