जयपुर. एसएमएस अस्पताल में भर्ती बेरोजगार एकीकृत महासंघ के अध्यक्ष उपेन यादव ने आईसीयू (ICU) में इलाज लेना बंद कर दिया है. साथ ही डॉक्टर को भी लिखित में दिया है कि वे स्वेच्छा से उपचार नहीं ले रहे हैं और अगर किसी भी तरह की कोई भी अनहोनी होती है तो उसकी जिम्मेदारी उनकी और राज्य सरकार दोनों की ही होगी. डॉक्टरों के अनुसार, उपेन यादव के शरीर में कीटोन का लेवल काफी बढ़ा हुआ है और शुगर का लेवल भी गिरकर 60 तक पहुंच गया है. हालांकि, कोई अप्रिय घटना ना हो इसके लिए पुलिस प्रशासन उन्हें समझाने की कोशिश कर रही है.
लगभग 38 दिनों सो गुजरात में विभिन्न मांगों को लेकर सत्याग्रह करते समय प्रदेश के युवा बेरोजगारों के नेता उपेन यादव ने गुजरात में ही काली दिवाली मनाई, और अब आरपीएससी अजमेर के बाहर बेरोजगारों पर लाठी चार्ज करने वाले एसएचओ को निलंबित करने की मांग को लेकर अन्न-जल त्याग कर आंदोलन कर रहे यादव होली पर एसएमएस अस्पताल के आईसीयू में भर्ती हैं.
दरअसल, बीते 26 दिन से अन्न और 5 दिन से जल त्याग कर अपनी मांगों के लिए आंदोलन कर रहे उपेन यादव की तबीयत लगातार बिगड़ती ही जा रही है. पहले उन्हें बेरोजगार एकीकृत महासंघ कार्यालय पर ही ड्रिप चढ़ाई गई, उसके बाद पुलिस प्रशासन उन्हें जयपुरिया अस्पताल लेकर गया, जहां से उपेन को एसएमएस अस्पताल रेफर कर दिया गया था. उपेंद्र फिलहाल एसएमएस अस्पताल के ही आईसीयू में भर्ती हैं. जहां उनकी स्थिति लगातार बिगड़ती ही जा रही है. उसके बावजूद भी उपेन ने ट्रीटमेंट लेने से इनकार कर दिया है. इस कारण से अब उनके शरीर में कीटोन का स्तर बढ़ता ही जा रहा है और शुगर का स्तर भी गिरता जा रहा है.
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डॉक्टर की बातों पर विश्वास करें तो लंबे समय तक कुछ नहीं खाने पीने से शरीर की वसा खुद को कीटोन में तब्दील करती है. जिसका शरीर पर दुष्प्रभाव पड़ने लगता है. वसा टूटने से बना कीटोन मूत्र के जरिए बाहर निकलता है. लेकिन जब इसकी मात्रा शरीर में ज्यादा बढ़ जाती है, तो ये जानलेवा भी साबित हो सकता है.
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बता दें कि उपेन यादव ने फिजिकल टीचर इंस्ट्रक्टर (पीटीआई) भर्ती परीक्षा का फाइनल रिजल्ट जारी कर नियुक्ति देने और सीएचओ भर्ती को निरस्त कर एक महीने में दोबारा परीक्षा आयोजित करने जैसी मांगों को लेकर राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के खिलाफ भी मोर्चा खोल रखा है. इसके अलावा उनकी प्रमुख मांग 7 फरवरी को अजमेर आरपीएससी के बाहर युवा बेरोजगारों पर लाठीचार्ज करने वाले अजमेर सिविल लाइंस के थाना अधिकारी को निलंबित कर बेरोजगारों पर लगे मुकदमे को वापस लेने की है.