जयपुर. राजस्थान विधानसभा में आज गुरुवार को मंत्री शांति धारीवाल ने अपना स्पष्टीकरण देते हुए यह तो कह दिया कि वह वीरांगना मंजू जाट के बारे में नहीं बोल रहे थे, लेकिन इसके साथ ही वह यह बोल गए कि उन्होंने दूसरी वीरांगना सुंदरी गुर्जर के नाते पर जाने की बात कही थी. अब धारीवाल अपने इस बयान के बाद एक बार फिर कांग्रेसी विधायक दिव्या मदेरणा के निशाने पर आ गए हैं.
मंजू जाट और सुंदरी देवी राजस्थान का गौरवः दिव्या मदेरणा ने शांति धारीवाल के आज गुरुवार के बयान की निंदा करते हुए कहा कि धारीवाल ने उस दिन जो कहा था मैंने आज वापस सुना है और देखा है. धारीवाल ने उस दिन मंजू जाट को लेकर ही कमेंट किया था. नहीं तो उनके देवर के शादीशुदा होने का जिक्र करने का मतलब ही क्या था. उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की तो खुशी है कि धारीवाल आज स्पष्टीकरण देकर बैकफुट पर आए, लेकिन गुरुवार को उन्होंने जिस तरह से दूसरी वीरांगना सुंदरी गुर्जर के नाते पर जाने की बात कही है, उससे दूसरी वीरांगना का भी चरित्र हनन करने का काम शांति धारीवाल ने किया है. जिसकी मैं पुरजोर तरीके से निंदा करती हूं. उन्होंने कहा कि आज शांति धारीवाल सदन में ठोक-ठोक कर बोल रहे थे कि सुंदरी देवी नाते गई या नहीं जबकि सुंदरी देवी भी एक वीरांगना है और सुंदरी देवी भी राजस्थान का गौरव हैं. उन्होंने कहा कि मंजू जाट हमारे समाज की है, तो सुंदरी देवी भी हमारे राजस्थान की गौरव है. मैं सुंदरी देवी की भी पूरी तरीके से पैरवी करती हूं.
शांति धारीवाल का नया अंदाजः मदेरणा ने आगे कहा कि पहले छींटाकशी करना और फिर अपने बयान को अगले दिन वापस लेने का धारीवाल ने अपना नया अंदाज बना लिया है. दिव्या मदेरणा ने कहा कि आज धारीवाल को स्पष्टीकरण देने की क्या जरूरत पड़ी? स्पष्टीकरण के बाद भी वह आज वापस छींटाकशी कर रहे थे और यह उनकी आदत है. धारीवाल ने पहले मर्दों का प्रदेश कहा, तो वापस अगले दिन कहा कि स्लिप आफ टंग हो गया. राजस्थान में हाईकमान को चुनौती दी, पैरेलल सीएलपी की मीटिंग की, उन इस्तीफों को वापस लेना पड़ा और अब मंजू जाट के मामले में बैकफुट लिया. हर बात को कह कर फिर मजाक कहकर अगले दिन वापस ले लेते हैं, यह धारीवाल अंदाज हो गया है. दिव्या मदेरणा ने कहा कि मैं उनके वक्तव्य का निंदा करती हूं.
आलाकमान को चुनौती देने वालों के प्रति कोई निष्ठा नहींः उनसे कोई कुंठा नहीं, लेकिन जो कांग्रेस आलाकमान को चुनौती दे मेरी उसके लिए कोई वफादारी नहीं. दिव्या मदेरणा ने कहा कि शांति धारीवाल यह कह रहे हैं कि किसी के मन में उनके प्रति कुंठा हो सकती है,लेकिन मेरे मन में उनके प्रति कोई कुंठा नहीं है. मैं कांग्रेस की सच्ची छोटी ईमानदार कार्यकर्ता हूं, लेकिन आलाकमान को जो चुनौती देगा उसके प्रति मेरी कोई वफादारी कभी नहीं होगी. उन्होंने कहा कि मैं अपने दादा और पिता से उसूल सीखकर राजनीति में आई हूं और सार्वजनिक जीवन में अपना आचरण होना चाहिए उससे मैंने कंप्रोमाइज नहीं किया.
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मुख्यमंत्री से बात करेंगी दिव्या मदेरणाः दिव्या मदेरणा ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि 25 सितंबर को हुई समानांतर विधायक दल की बैठक के लिए मंत्री शांति धारीवाल जिम्मेदार हैं. 25 सितंबर की शाम को जो मीटिंग बुलाई थी उसमें मैं नहीं थी. महेश जोशी और शांति धारीवाल ने जो कहा था मैं उसके खिलाफ उस समय ही खड़ी थी और मैं उस पर आज भी स्टैंड करती हूं. मैंने दूसरी बार धारीवाल की तो निंदा की तो उन्होंने मेरी 44 सड़कें काट दीं. अब मैं इस संबंध में मुख्यमंत्री से बात करूंगी. पहले भी मुख्यमंत्री ने महेश जोशी वाले मामले में हमारा काम करवाया था. दिव्या ने कहा मैं मुख्यमंत्री से अनुरोध करूंगी कि वह वह इसमें इन्टरवींन करे क्योंकि मुख्यमंत्री ने मेरे साथ ऐसा व्यवहार कभी नहीं किया. महेश जोशी के मामले में भी उन्होंने इन्टरवींन किया और मेरे क्षेत्र में टंकियां लगवाई थीं. यह उनका डिपार्टमेंट है और अगर वह जिद पर आ जाते हैं तो मैं अब मुख्यमंत्री से वार्ता करूंगी और उम्मीद करती हैं कि ओसिया जो जोधपुर में आता है मुख्यमंत्री हमारी सड़कें बनवाएंगे.