जयपुर. भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर विधानसभा आम चुनाव 2023 के दौरान राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को अपने आपराधिक रिकॉर्ड को 3 बार अलग-अलग तय समयावधि में समाचार पत्रों में प्रकाशित कराना होगा और टीवी चैनल्स में प्रसारित कराना होगा.
दलों को दिए ये निर्देश : जिला निर्वाचन अधिकारी प्रकाश राजपुरोहित ने बुधवार को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अनुपालना में आयोग ने दिशा-निर्देश जारी किए है कि यदि किसी उम्मीदवार का कोई आपराधिक रिकॉर्ड है तो उसे जनता के सामने लेकर आएं. आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को निर्देशित किया है कि निर्वाचन आयोग के निर्धारित नए प्रारूप सी-7 के तहत ऐसे अभ्यर्थी के चयन से 48 घंटे के भीतर यह प्रकाशित करें कि उन्होंने आपराधिक रिकॉर्ड रखने वाले व्यक्ति को ही उम्मीदवार क्यों चुना है.
प्रारूप सी-8 में 72 घंटे के भीतर पार्टियों की ओर से प्रकाशन की सूचना भारत निर्वाचन आयोग को भी भेजना आवश्यक होगा. राजनीतिक दलों और अभ्यर्थियों के आपराधिक मामलों के प्रचार-प्रसार के लिए उन्हें फॉर्म सी-1 व सी-2 की ओर से राष्ट्रीय व स्थानीय समाचार पत्रों और टीवी चैनल्स में प्रसारित करवाना होगा. प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि अभ्यर्थी ने नामांकन पत्र में यदि स्वयं के संबंध में कोई आपराधिक मामला दर्ज होने की सूचना दी है, तो अभ्यर्थी व संबंधित राजनीतिक दल को निश्चित प्रारूप में सूची के अनुसार जानकारी प्रकाशित व प्रसारित करवानी होगी.
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आयोग के अनुसार विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों में यदि किसी का आपराधिक रिकॉर्ड है तो प्रथम प्रचार नामांकन वापसी के प्रथम चार दिनों के भीतर, दूसरा प्रचार अगले पांच से 8 दिनों के बीच और तीसरा प्रचार 9वें दिन से प्रचार अभियान के अंतिम दिन यानी 23 नवंबर तक समाचार पत्रों व टीवी चैनल पर प्रकाशित व प्रसारित करने होंगे.
अभ्यर्थियों एवं राजनैतिक दलों को सी-1 एवं सी-2 प्रारूप में इस प्रकार कराना होगा प्रकाशन :
- प्रथम प्रकाशन 10 से 13 नवंबर के बीच
- द्वितीय प्रकाशन 14 से 17 नवंबर के बीच
- तृतीय प्रकाशन 18 से 23 नवंबर
ये रहेगा प्रकाशन का पैमाना : उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों को सी-1 व सी-2 प्रारूप उन राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्रों में प्रकाशित कराने होंगे जिनकी प्रसार संख्या 75 हजार प्रतिदिन हो. इसी प्रकार स्थानीय समाचार पत्र जिसकी प्रतिदिन 25 हजार प्रतियां प्रकाशित होती हो उनमें भी प्रकाशित कराने होंगे. विभिन्न टीवी चैनल में भी इनका प्रसारण करवाना होगा, जिसकी समयावधि प्रातः 8 से रात्रि 10 बजे के बीच न्यूनतम 7 सेकंड के लिए की जानी आवश्यक होगी. प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि आयोग के निर्देशानुसार फॉर्मेट सी-1 उम्मीदवारों के लिए होगा और सी-2 राजनीतिक दलों के लिए होगा. निर्धारित प्रपत्र के अनुसार पूरी जानकारी भरकर समाचार पत्रों व न्यूज चैनल पर प्रकाशित-प्रसारित करवाना होगा.
12 फोंट के आकार में होगी सूचना : फॉर्मेट सी-1 में आपराधिक मामलों में घोषणा करते समय अभ्यर्थी के विरूद्ध लंबित आपराधिक मामलों से संबंधित विवरण मोटे अक्षरों में देने होगें, समाचार पत्रों में सूचना न्यूनतम 12 फोंट के आकार में प्रकाशित कराई जाएगी. प्रत्येक मामले के लिए विवरण अलग-अलग पंक्तियों में अलग-अलग दिया जाना चाहिए. यदि कोई अभ्यर्थी किसी दल विशेष के टिकट पर चुनाव लड़ रहा है, तो उसे अपने विरूद्ध लंबित आपराधिक मामलों के बारे में अपने दल को सूचना देनी होगी. जैसे ही आपराधिक मामलों के संबंध में घोषणा प्रकाशित हो जाती है, अभ्यर्थी तत्काल इसकी सूचना रिटर्निंग अधिकारी को देंगे. इसके अतिरिक्त, निर्वाचन परिणाम की घोषणा के 30 दिनों के भीतर वे निर्वाचन व्ययों के लेखा सहित फार्मेट सी-4 में मामलों के संबंध में घोषणा के प्रकाशन के बारे में एक रिपोर्ट जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करेंगे.
फॉर्मेट सी-2 जिसके तहत राजनीतिक दलों की ओर से वेबसाइट्स, समाचार चैनलों और समाचार पत्रों में दल द्वारा खड़े किए गए अभ्यर्थियों के आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में जानकारी देनी होगी. साथ ही राजनीतिक दल आपराधिक रिकॉर्ड वाले अभ्यर्थियों से संबंधित सूचना दल की ऑफिसियल वेबसाइट के होमपेज पर डालने के लिए भी बाध्य होंगे.