जयपुर. राजस्थान में मुख्यमंत्री कौन होगा, इसको लेकर चल रही सियासी सरगर्मी के बीच बीजेपी में बाड़ेबंदी की खबरों ने सियासी पारा गरमा दिया है. हालांकि, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने किसी भी तरह की बाड़ेबंदी से साफ इनकार करते हुए कहा कि इस तरह की कोई बात नहीं है. सब विधायक अपने-अपने क्षेत्रों में देव दर्शन और जनता से मुलाकात कर रहे हैं. जल्द ही विधायक दल की बैठक होगी और आगे के कार्यक्रम होंगे.
पार्टी का अपना आंतरिक लोकतंत्र है : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को पूर्ण बहुमत जनता ने दिया है. राजस्थान की जनता का आभार है. जल्द विधायक दल की बैठक होगी. पहले पर्यवेक्षक की नियुक्ति होगी. जैसे ही पर्यवेक्षक की नियुक्ति होगी, उसके तुरंत बाद विधायक दल की बैठक बुलाई जाएगी. विधायक दल की बैठक के बाद आगामी कार्यक्रमों की प्रक्रिया शुरू होगी. बीजेपी में बाड़ेबंदी को लेकर सीपी जोशी ने कहा कि कोई बाड़ेबंदी नहीं है. सब लोग अपने-अपने क्षेत्रों में जनता को धन्यवाद दे रहे हैं. जैसे ही विधायक दल की बैठक होगी, सब अपने नेता को चुनेंगे.
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विधायक ललित मीणा को जबरन होटल में रखने पर उन्होंने कहा कि सभी अपने क्षेत्र में जनता को धन्यवाद दे रहे हैं. इस तरह की कोई बात नहीं है. मुख्यमंत्री कौन होगा, इसको लेकर अलग-अलग नाम सामने आने के सवाल पर जोशी ने कहा कि यह सभी निर्णय विधायक दल की बैठक के बाद होंगे. मैं सोचता हूं कि पार्लियामेंट्री बोर्ड जो तय करेगा वह सभी को मान्य होगा. पार्टी के अंदर आंतरिक लोकतंत्र है, जो भी होगा वह पार्टी के हित में होगा.
ललित मीणा को जबर बाड़ेबंदी में रखा : बता दें कि नया मुख्यमंत्री कौन होगा, यह सवाल भाजपा कार्यकर्ताओं से लेकर जनता तक के मन में तैर रहा है. इस सवाल के बीच बुधवार को भाजपा में बड़ा ड्रामा सामने आया. जयपुर में मंगलवार देर रात सीकर रोड पर एक होटल में भाजपा के 5-6 विधायक ठहरे थे. इनमें किशनगंज विधायक ललित मीणा भी थे. साथी विधायकों की बातें व हाव-भाव देख ललित को शक हुआ कि पार्टी के किसी बड़े नेता के इशारे पर लॉबिंग हो रही है, क्योंकि वे कोटपूतली से आगे किसी होटल में जाने की बात कर रहे थे. ललित मीणा को लगा कि उन्हें जबरन बाड़ेबंदी में ले जाने की कोशिश की जा रही है. इस बीच ललित मीणा ने इसकी शिकायत अपने पिता हेमराज मीणा और पार्टी संगठन को की. इसके बाद संगठन के कुछ नेताओं ने जाकर उन्हें उस होटल से बाहर निकाला. इस घटना के बाद सियासी चर्चा तेज हो गई कि कहीं बीजेपी का एक दूसरा धड़ा बाड़ेबंदी की तैयारी में तो नहीं है.