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राजस्थान विश्वविद्यालय से राजनीति का पाठ पढ़कर सदन में पहुंचने वालों की लंबी फेहरिस्त

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 6, 2023, 7:26 AM IST

Updated : Dec 6, 2023, 9:09 AM IST

Jaipur, Rajasthan Vidhan Sabha Chunav Assembly Election Result 2023, राजस्थान विश्वविद्यालय से राजनीति का पाठ पढ़कर सदन में पहुंचने वालों की लंबी फेहरिस्त है. इस बार भी पहुंचे हैं. यहां जानिए ऐसे नेताओं का सफर...

Politics in Rajasthan University
राजनीति का पाठ पढ़कर सदन में पहुंचने वालों की लंबी फेहरिस्त

जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय में राजनीति का पाठ पढ़कर विधानसभा में दस्तक देने वाले नेताओं की एक लंबी फेहरिस्त है. इस बार भी विधानसभा चुनाव में राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्र संघ पदाधिकारी रहे 14 नेताओं ने अपना भाग्य आजमाया था, लेकिन इनमें से महज 5 नेता ही प्रदेश की जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरे, जिन्हें मतदाताओं ने विधानसभा तक पहुंचाया. जबकि 9 राजनेताओं को जनता ने पसंद नहीं किया.

विधानसभा चुनाव 2018 में 10 विधायक ऐसे थे जो राजस्थान विश्वविद्यालय में पढ़े. यहां छात्र राजनीति की और फिर सदन में बैठे. इनमें बीजेपी के कालीचरण सराफ, राजेंद्र राठौड़, अशोक लाहोटी, सतीश पूनिया और रामलाल शर्मा का नाम शामिल था. वहीं, कांग्रेस के रघु शर्मा, महेश जोशी, प्रताप सिंह खाचरियावास, महेंद्र चौधरी और राजकुमार शर्मा का नाम शामिल था. जबकि 2018 में चुनावी मैदान में बीजेपी के राजपाल सिंह शेखावत और कांग्रेस से मनीष यादव भी चुनाव लड़े थे, लेकिन तब विधानसभा तक पहुंच नहीं पाए थे.

हालांकि, इस बार राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्र संघ पदाधिकारी रहे 14 नेताओं ने विधानसभा चुनाव में अपना भाग्य आजमाया, लेकिन भाग्य ने सिर्फ पांच का ही साथ दिया. जिनमें मालवीय नगर से कालीचरण सराफ, खींवसर से हनुमान बेनीवाल, शाहपुरा से मनीष यादव, मुंडावर से ललित यादव और संगरिया से अभिमन्यु पूनिया का नाम शामिल हैं. जबकि महेश जोशी, अशोक लाहोटी और राजपाल सिंह पर इस बार बड़े राजनीतिक दलों ने दांव ही नहीं खेला.

पढ़ें : Rajasthan Assembly Election 2023 : चुनाव लड़ने के लिए राजस्थान यूनिवर्सिटी के 80 शिक्षकों को मिली अनुमति

कालीचरण सराफ : 1974-75 में राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्र संघ अध्यक्ष रहे कालीचरण सराफ आठवीं बार विधानसभा चुनाव में जीतकर विधायक बने हैं. सराफ ने लगातार तीसरी बार कांग्रेस की अर्चना शर्मा को मालवीय नगर विधानसभा सीट पर शिकस्त देते हुए 35494 वोटों से जीत दर्ज की.

हनुमान बेनीवाल : 1997-98 में राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्र संघ अध्यक्ष रहे हनुमान बेनीवाल खींवसर से अपनी ही पार्टी आरएलपी से चुनावी मैदान में उतरे. बेनीवाल ने सांसद रहते हुए खींवसर से चुनाव लड़ा और नजदीकी मुकाबले में बीजेपी के रेवंत राम को 2059 वोटों से हराया.

मनीष यादव : 2010-11 में एबीवीपी से छात्र संघ अध्यक्ष रहे मनीष यादव ने 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का दामन थामा. हालांकि, उस वक्त स्थानीय जनता ने उन्हें दरकिनार किया, लेकिन इस बार अपने क्षेत्र के विधायक आलोक बेनीवाल को 64908 वोटो के बड़े मार्जिन से हराते हुए उन्होंने विधानसभा में दस्तक दी.

ललित यादव : 2012-13 में राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्र संघ महासचिव रहे ललित यादव मुंडावर से कांग्रेस की टिकट पर ताल ठोकी. ललित यादव बीजेपी के मनजीत चौधरी को 35624 वोट से शिकस्त देते हुए विधानसभा पहुंचने में कामयाब हुए.

अभिमन्यु पूनिया : 2013-14 में राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्र संघ महासचिव रहे अभिमन्यु पूनिया पहली बार चुनावी मैदान में उतरे. उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर संगरिया से चुनाव लड़ा और यहां बीजेपी के गुरदीप सिंह को 42010 वोट के बड़े अंतर से हराया.

RU Uniiversity Leader
राजस्थान विश्वविद्यालय से राजस्थान विधानसभा तक...

ये भी पहुंचे विधानसभा : राजस्थान विश्वविद्यालय और इससे जुड़े संघटक कॉलेज में सक्रिय रहे कुछ छात्र नेताओं ने भी विधानसभा चुनाव जीतकर अपनी साख बनाई. इनमें राजस्थान कॉलेज से उपाध्यक्ष रहे कैलाश वर्मा ने बीजेपी के टिकट पर बगरू से चुनाव लड़ा और यहां कांग्रेस की गंगा देवी को 45 हजार 250 वोट से शिकस्त दी. जबकि लॉ कॉलेज के अध्यक्ष रहे रामनिवास गावड़िया ने परबतसर से चुनाव लड़ते हुए बीजेपी के मानसिंह किनसरिया को 10 हजार 316 वोट से हराया. इनके साथ ही 2010 में राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्र संघ अध्यक्ष का चुनाव हारने वाले मुकेश भाकर लगातार दूसरी बार लाडनू से विधायक बने. उन्होंने बीजेपी के करणी सिंह को 15 हजार 954 वोट से हराया.

ये दिग्गज हारे : कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे सांगानेर से पुष्पेंद्र भारद्वाज, सिविल लाइन से प्रताप सिंह खाचरियावास, नवलगढ़ से राजकुमार शर्मा, नावां से महेंद्र चौधरी और केकड़ी से रघु शर्मा को जनता ने दरकिनार कर दिया. इसी तरह बीजेपी की टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे आमेर से सतीश पूनिया, तारानगर से राजेंद्र राठौड़ और चौमूं से रामलाल शर्मा को भी हार का मुंह देखना पड़ा.

जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय में राजनीति का पाठ पढ़कर विधानसभा में दस्तक देने वाले नेताओं की एक लंबी फेहरिस्त है. इस बार भी विधानसभा चुनाव में राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्र संघ पदाधिकारी रहे 14 नेताओं ने अपना भाग्य आजमाया था, लेकिन इनमें से महज 5 नेता ही प्रदेश की जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरे, जिन्हें मतदाताओं ने विधानसभा तक पहुंचाया. जबकि 9 राजनेताओं को जनता ने पसंद नहीं किया.

विधानसभा चुनाव 2018 में 10 विधायक ऐसे थे जो राजस्थान विश्वविद्यालय में पढ़े. यहां छात्र राजनीति की और फिर सदन में बैठे. इनमें बीजेपी के कालीचरण सराफ, राजेंद्र राठौड़, अशोक लाहोटी, सतीश पूनिया और रामलाल शर्मा का नाम शामिल था. वहीं, कांग्रेस के रघु शर्मा, महेश जोशी, प्रताप सिंह खाचरियावास, महेंद्र चौधरी और राजकुमार शर्मा का नाम शामिल था. जबकि 2018 में चुनावी मैदान में बीजेपी के राजपाल सिंह शेखावत और कांग्रेस से मनीष यादव भी चुनाव लड़े थे, लेकिन तब विधानसभा तक पहुंच नहीं पाए थे.

हालांकि, इस बार राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्र संघ पदाधिकारी रहे 14 नेताओं ने विधानसभा चुनाव में अपना भाग्य आजमाया, लेकिन भाग्य ने सिर्फ पांच का ही साथ दिया. जिनमें मालवीय नगर से कालीचरण सराफ, खींवसर से हनुमान बेनीवाल, शाहपुरा से मनीष यादव, मुंडावर से ललित यादव और संगरिया से अभिमन्यु पूनिया का नाम शामिल हैं. जबकि महेश जोशी, अशोक लाहोटी और राजपाल सिंह पर इस बार बड़े राजनीतिक दलों ने दांव ही नहीं खेला.

पढ़ें : Rajasthan Assembly Election 2023 : चुनाव लड़ने के लिए राजस्थान यूनिवर्सिटी के 80 शिक्षकों को मिली अनुमति

कालीचरण सराफ : 1974-75 में राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्र संघ अध्यक्ष रहे कालीचरण सराफ आठवीं बार विधानसभा चुनाव में जीतकर विधायक बने हैं. सराफ ने लगातार तीसरी बार कांग्रेस की अर्चना शर्मा को मालवीय नगर विधानसभा सीट पर शिकस्त देते हुए 35494 वोटों से जीत दर्ज की.

हनुमान बेनीवाल : 1997-98 में राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्र संघ अध्यक्ष रहे हनुमान बेनीवाल खींवसर से अपनी ही पार्टी आरएलपी से चुनावी मैदान में उतरे. बेनीवाल ने सांसद रहते हुए खींवसर से चुनाव लड़ा और नजदीकी मुकाबले में बीजेपी के रेवंत राम को 2059 वोटों से हराया.

मनीष यादव : 2010-11 में एबीवीपी से छात्र संघ अध्यक्ष रहे मनीष यादव ने 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का दामन थामा. हालांकि, उस वक्त स्थानीय जनता ने उन्हें दरकिनार किया, लेकिन इस बार अपने क्षेत्र के विधायक आलोक बेनीवाल को 64908 वोटो के बड़े मार्जिन से हराते हुए उन्होंने विधानसभा में दस्तक दी.

ललित यादव : 2012-13 में राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्र संघ महासचिव रहे ललित यादव मुंडावर से कांग्रेस की टिकट पर ताल ठोकी. ललित यादव बीजेपी के मनजीत चौधरी को 35624 वोट से शिकस्त देते हुए विधानसभा पहुंचने में कामयाब हुए.

अभिमन्यु पूनिया : 2013-14 में राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्र संघ महासचिव रहे अभिमन्यु पूनिया पहली बार चुनावी मैदान में उतरे. उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर संगरिया से चुनाव लड़ा और यहां बीजेपी के गुरदीप सिंह को 42010 वोट के बड़े अंतर से हराया.

RU Uniiversity Leader
राजस्थान विश्वविद्यालय से राजस्थान विधानसभा तक...

ये भी पहुंचे विधानसभा : राजस्थान विश्वविद्यालय और इससे जुड़े संघटक कॉलेज में सक्रिय रहे कुछ छात्र नेताओं ने भी विधानसभा चुनाव जीतकर अपनी साख बनाई. इनमें राजस्थान कॉलेज से उपाध्यक्ष रहे कैलाश वर्मा ने बीजेपी के टिकट पर बगरू से चुनाव लड़ा और यहां कांग्रेस की गंगा देवी को 45 हजार 250 वोट से शिकस्त दी. जबकि लॉ कॉलेज के अध्यक्ष रहे रामनिवास गावड़िया ने परबतसर से चुनाव लड़ते हुए बीजेपी के मानसिंह किनसरिया को 10 हजार 316 वोट से हराया. इनके साथ ही 2010 में राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्र संघ अध्यक्ष का चुनाव हारने वाले मुकेश भाकर लगातार दूसरी बार लाडनू से विधायक बने. उन्होंने बीजेपी के करणी सिंह को 15 हजार 954 वोट से हराया.

ये दिग्गज हारे : कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे सांगानेर से पुष्पेंद्र भारद्वाज, सिविल लाइन से प्रताप सिंह खाचरियावास, नवलगढ़ से राजकुमार शर्मा, नावां से महेंद्र चौधरी और केकड़ी से रघु शर्मा को जनता ने दरकिनार कर दिया. इसी तरह बीजेपी की टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे आमेर से सतीश पूनिया, तारानगर से राजेंद्र राठौड़ और चौमूं से रामलाल शर्मा को भी हार का मुंह देखना पड़ा.

Last Updated : Dec 6, 2023, 9:09 AM IST
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