जयपुर. राजस्थान में कांग्रेस पार्टी अब चुनाव की तैयारियों में पूरी तरीके से जुट गई है. तीन दिन कांग्रेस आलाकमान द्वारा विधायकों का फीडबैक वन टू वन लिया गया. इसमें उनके क्षेत्र की कमियों, खामियों और दोबारा जीत के आधार के बारे में जाना गया. इससे साफ दिखता है कि कांग्रेस पार्टी विधानसभा चुनाव के 7 महीने पहले ही इस कवायद में जुट गई है कि कौन विधायक चुनाव जीत सकता है. इसके अलावा किस विधायक का टिकट काटना जीत का आधार बनेगा. इसके साथ ही विधायकों का उनके क्षेत्र में कितना वर्चस्व है, वह चुनाव जीत सकते हैं या उनके हालात विधानसभा क्षेत्र में खराब है. इसे लेकर राजस्थान कांग्रेस की ओर से एक सर्वे भी करवाया गया है. इसी सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर ही विधायकों को उनकी कमियां और मजबूती बता दी गईं हैं.
रिपोर्ट पर कट सकता है टिकटः राजस्थान में विधायकों का सर्वे कांग्रेस पार्टी की ओर से करवाया गया है. खास बात यह है कि अगर कोई सर्वे में आज की तारीख में कोई विधायक चुनाव हार रहा है तो ऐसा नहीं है कि उसे दोबारा मौका नहीं मिलेगा और उसका टिकट कटना तय है. इसके साथ ही ऐसा भी तय नहीं है कि अगर किसी विधायक की सर्वे रिपोर्ट चुनाव जिताऊ की आई है तो उसे टिकट मिलना तय है. पार्टी ने यह तय किया है कि अब चुनाव से पहले तक लगातार हर महीने कांग्रेस पार्टी विधायकों के सर्वे करवाएगी. यह सर्वे रिपोर्ट वह विधायकों से साझा भी करेगी. साफ है कि यह विधायकों के लिए एक मौका भी होगा कि वह अपनी खराब रिपोर्ट को सही कर टिकट की दौड़ में वापस शामिल हो सकें. यह उन विधायकों के लिए भी एक चेतावनी की तरह होगा कि कोई भी विधायक इस सर्वे को फाइनल सर्वे नहीं समझे. बेहतर काम अपने क्षेत्र के लिए करता रहे ताकि आगे के सर्वे में भी उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आए.
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सर्वे पर विधायकों की रायः राजस्थान में जिस सर्वे के आधार पर कांग्रेस विधायकों को टिकट देने या काटने की बात चल रही है. उसे लेकर विधायकों की राय बंटी हुई है. हालांकि हर कोई यह तो कह रहा है कि सर्वे में जिसकी रिपोर्ट इतनी खराब है कि उसकी जमानत जब्त हो रही है तो उसका टिकट बिना किसी भेदभाव के काट देना चाहिए. इसके साथ ही विधायकों का यह भी कहना है कि टिकट देने में अन्य बातें भी देखनी पड़ती है. मंत्री मुरारी लाल मीणा ने इसे लेकर कहा कि अगर सर्वे में किसी की रिपोर्ट खराब आए तो उसका बेहिचक टिकट काटना चाहिए. कांग्रेस टिकट नहीं काटती इसी के चलते नतीजे खराब आते हैं. वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी कह दिया कि अगर सर्वे में खुद उनकी रिपोर्ट खराब आए तो उनका भी टिकट काटने में पार्टी को नहीं सोचना चाहिए.