जयपुर.प्रदेश में इस बार हमारी योजनाओं के चलते जनता कांग्रेस की सरकार रिपीट करवाएगी. उक्त बातें राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को जयपुर एयरपोर्ट पर मीडियाकर्मियों से रूबरू होने के दौरान कही. सीएम ने आगे कहा कि चाहे कैंपेन हो या टिकट वितरण, हमसे भी गलती हो सकती है, लेकिन हमारे कार्यकर्ता और जनता को यह मालूम है कि हम उनके विकास और उत्थान के लिए काम करते हैं. उन्होंने कहा कि हमने पूरे 5 साल जनता के लिए काम किया है. पहले कोरोना आया और फिर जब सरकार गिर रही थी तो उसको उन्होंने बचा लिया. गहलोत ने कहा कि उस समय जनता का उनके साथ सपोर्ट रहा, लेकिन 5 साल कोई न कोई घटना होती रही है. इसके बावजूद उनकी सरकार पूरे पांच सालों तक चली.
सरकार गिराने के षड्यंत्र को अब भी नहीं भूली जनता : सीएम गहलोत ने सरकार गिराने वाली घटना का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य की जनता कुछ भी भूली नहीं है. ऐसे में अब जनता ही इन्हें सबक सिखाएगी. उन्होंने कहा कि जनता के दिल में उस समय से ही बहुत गुस्सा है. साथ ही सभी ने मन बना लिया है कि फिर से राज्य में कांग्रेस की सरकार रिपीट करानी है.
भाजपा में ऐसा रिवॉल्ट पहले नहीं देखा : मुख्यमंत्री ने कहा कि टिकट वितरण के बाद भाजपा में जिस तरह का रिवॉल्ट हुआ है, वो इससे पहले ऐसा कभी नहीं देखे थे. खैर, ये भाजपा का मामला है. गहलोत ने कहा कि राजस्थान में इस बार जो काम हुए हैं, उतना राजस्थान के इतिहास में कभी नहीं हुआ था. यही कारण है कि 1 करोड़ 82 लाख परिवार आकर सरकार से गारंटियों के कार्ड लेकर गए. हमारे कानूनों की चर्चा देश में ही नहीं, बल्कि दुनिया में हो रही है.
ओपीएस की ब्रांड एंबेसडर राजकुमारी जैन के सवाल पर ये बोले सीएम : राजस्थान में ओपीएस की ब्रांड एंबेसडर राजकुमारी जैन की पेंशन घटाकर 13500 फिक्स की गई थी. इस पर राजकुमारी जैन ने आवाज भी उठाई थी. मुख्यमंत्री ने इस मसले पर कहा कि इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है, लेकिन अगर ऐसा कोई मामला होगा तो वो उसे जरूर देखेंगे. बता दें कि शिक्षा विभाग से रिटायर राजकुमारी जैन से उनके रिटायरमेंट और ओपीएस को लेकर सरकार के प्रचार की कमान संभालने वाले लोगों ने वीडियो रिकॉर्ड करवाया और उनकी फोटो के साथ अखबार में विज्ञापन भी छापा लेकिन 60 साल की उम्र पूरी कर रिटायर होने वाली राजकुमारी जैन को अनुदानित शिक्षण से सरकारी सेवा में समायोजन करने के बावजूद 1992 की जगह 2011 से नौकरी मानी गई, जिसके चलते उनकी पेंशन 13500 ही बनी है, जबकि जब वो रिटायर हुई तब उनकी सैलरी 87000 महीना थी.