जयपुर. राजस्थान में अगले माह विधानसभा चुनाव होना है. ऐसे में चुनावी तैयारियों के बीच टिकट वितरण को लेकर भी कवायद तेज हो गई. साथ ही गहलोत और पायलट के बीच जारी शीत युद्ध भी फिलहाल शांत है. चुनाव के समय क्या होगा, ये तो वक्त बताएगा, लेकिन वर्तमान में दोनों ही नेता साथ मिलकर चुनाव लड़ने और जीतने की बात कर रहे हैं. प्रत्याशियों के नामों को लेकर भी मंथन का दौर जारी है और उम्मीद जताई जा रही है कि दिल्ली में शनिवार से होने वाली स्क्रीनिंग कमेटी बैठक में पहली सूची पर मुहर लग सकती है. इससे पहले शुक्रवार को जयपुर स्थित कांग्रेस वॉर रूम में प्रदेश चुनाव समिति की बैठक हुई थी. इस बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ ही पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा सहित पार्टी के तमाम पदाधिकारी मौजूद थे. इसके इतर प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ भी टिकट समेत अन्य अहम विषयों पर चर्चा की थी.
गहलोत बोले- हम साथ-साथ हैं : वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी साफ कर दिया है कि पार्टी को गुट नहीं, बल्कि जिताऊ प्रत्याशी चाहिए. गहलोत ने कहा कि 5 साल में क्या हुआ? क्या नहीं, यह अलग बात है और हर राजनीतिक दल में ऐसी छोटी-मोटी बातें होती रहती हैं. अब हम चाहते हैं कि सारी पुरानी बातें भूलकर मैरिट के आधार पर टिकट फाइनल हों. सीएम ने कहा कि टिकट केवल जिताऊ उम्मीदवार को ही मिलेगा. भले ही वो किसी भी गुट से क्यों न ताल्लुक रखता हो.
हालांकि, इस बीच उन्होंने दबी जुबान ही सही 2020 के पायलट की बगावत के घटना का जिक्र करते हुए कहा कि अब हम सब कुछ भूलकर केवल चुनाव जीतने पर फोकस कर रहे हैं. हम सभी निष्पक्ष होकर चुनाव लड़ेंगे और निष्पक्ष होकर प्रत्याशियों का चयन करेंगे, क्योंकि हमें कोई भ्रम नहीं है और हम अच्छे से जानते हैं कि अगर कांग्रेस पार्टी का प्रत्याशी कामयाब होगा, तभी हमारी सरकार बनेगी.
लोकल विधायक के खिलाफ एंटी इनकम्बेंसी आम : मुख्यमंत्री ने यह भी स्वीकार किया कि चुनाव भले ही किसी भी राज्य में कोई भी पार्टी लड़े, लेकिन लोकल विधायक के खिलाफ हमेशा एंटी इनकंबेंसी होती है. ऐसा इसलिए क्योंकि विधायक सीधे जनता से जुड़ा होता है. ऐसे में उसके खिलाफ ये बातें आम हैं. आगे उन्होंने कहा कि ये अफवाह भी हो सकती है या फिर उसके खिलाफ षड्यंत्र भी हो सकता है. खैर ये हर चुनाव में होता है, लेकिन इस बार जब टिकट फाइनल होंगे तो आलाकमान केवल ये देखेगा कि कौन चुनाव जीत सकता है.
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पायलट संग डोटासरा ने की लंबी मंत्रणा : इधर, टिकट को लेकर आज दिल्ली में स्क्रीनिंग कमेटी की अहम बैठक होनी है. इस बैठक में भाग लेने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य सचिन पायलट दिल्ली में रहेंगे. शुक्रवार को दिल्ली जाने से पहले देर रात सचिन पायलट और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के बीच भी एक अहम बैठक हुई. इस दौरान डोटासरा और पायलट ने करीब एक घंटे बंद कमरे में चर्चा की, जिसको लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म है.