जयपुर. राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है. बुधवार को 15वीं विधानसभा की कार्यवाही का अंतिम दिन था, जो पूरी तरह हंगामे की भेंट चढ़ गई. शून्य काल के बाद दो बार आधे-आधे घंटे के लिए विधानसभा की कार्यवाही स्थगित की गई. तीसरी बात जब विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो हंगामे के बीच ही सरकार की ओर से बिना चर्चा के पांच महत्वपूर्ण विधेयक पास कर दिए गए. इस दौरान भाजपा के विधायक लगातार सदन में नारेबाजी करते रहे.
विधायकों के निलंबन के साथ कार्यवाही समाप्त : 2 विधायकों के निलंबन के साथ कार्यवाही समाप्त होना संभवतः विधानसभा में इतिहास में पहली बार हुआ होगा. विधानसभा की अंतिम बैठक में भाजपा विधायक मदन दिलावर और कांग्रेस विधायक राजेंद्र गुढ़ा निलंबित विधायक के तौर पर ही रहे. राजस्थान विधानसभा में कार्यवाही के दौरान हंगामा होना कोई बड़ी बात नहीं है. इसी क्रम में विधानसभा की अंतिम कार्यवाही के दिन भी हंगामा हुआ और हंगामे के बीच ही कार्यवाही अनिश्चित काल तक के लिए स्थगित कर दी गई, जो राजस्थान विधानसभा के इतिहास में पहली बार हुआ.
इस तरह बना इतिहास : हंगामे के बीच विधानसभा अनिश्चित काल के लिए स्थगित होना, कार्यवाही के दौरान 2 विधायकों का निलंबित होना और किसी कारण से अंतिम दिन किसी मुख्यमंत्री का विधान सभा में मौजूद नहीं रहना अपने आप में इतिहास बना. विधानसभा की कार्यवाही अंतिम दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ गई. विधानसभा के स्थगित होने से पहले हुए राष्ट्रगान के समय ही भाजपा विधायक अपनी टेबल पर शांति से खड़े रहे. इस दौरान दोपहर 1:33 बजे शुरू हुई विधानसभा में 5 विधेयक 1:56 बजे तक यानी आधे घंटे से भी कम समय में बिना चर्चा के पास किए गए.
ये 5 विधेयक हुए पास : आज विधानसभा में नाथद्वारा मंदिर (संशोधन) विधेयक 2023, राजस्थान अभिधृत्ति (संशोधन) विधेयक 2023, राजस्थान राज्य कृषक ऋण राहत आयोग विधेयक 2023, महात्मा गांधी दिव्यांग विश्वविद्यालय जोधपुर विधेयक 2023 और राजस्थान विद्युत शुल्क विधेयक 2023 बिना चर्चा के पास किया गया.