जयपुर. राजस्थान एसीबी के मुखिया डीजी बीएल सोनी शनिवार को रिटायर्ड हो गए. जयपुर एसीबी मुख्यालय में सोनी का विदाई कार्यक्रम आयोजित किया गया. एसीबी अधिकारियों व कर्मचारियों ने सोनी को पारंपरिक रूप से उनकी कार को खींचकर विदाई दी. इस दौरान सोनी ने एसीबी की ओर से की गई कार्रवाई की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि एसीबी ने साल 2022 में पिछले सालों के रिकॉर्ड तोड़े (Corruption cases during year 2022) हैं. 2022 में 511 प्रकरण दर्ज किए गए. जिनमें 465 ट्रैप, 19 पद के दुरुपयोग और 27 आय से अधिक संपत्ति के मामले शामिल हैं.
सोनी के रिटायरमेंट कार्यक्रम में एसीबी के कई अधिकारियों और कर्मचारियों ने गाना और कविताएं सुनाईं. राजनीतिक भविष्य को लेकर सोनी ने कहा कि सेवानिवृत्त होकर परिवार और अपने लोगों के साथ समय बिताएंगे. फिलहाल राजनीति में आने के बारे में नहीं सोचा है. जो जनता ने मुझे प्यार दिया है, उस प्यार को मैं जिंदगी में कभी नहीं भुला सकता. उन्होंने कहा कि अधिकारी जनता के बीच जाएं और उनकी बात सुनें.
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उन्होंने परिवादियों का तहे दिल से धन्यवाद किया. जिनकी वजह से एसीबी ने कार्रवाईयों को अंजाम दिया. आमजन से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि आमजन अपनी मेहनत और पसीने की कमाई भ्रष्ट लोगों को नहीं दें. एसीबी आपके लिए हमेशा तैयार खड़ी है. किसी भी तरह के भ्रष्टाचार की शिकायत एसीबी को करें. एसीबी ने रिश्वत लेने वाले और देने वालों के साथ दलालों को भी पकड़ा है.
बीएल सोनी ने बताया कि राजस्थान एसीबी को अभियोजन स्वीकृति में बड़ी सफलता मिली है. प्रकरणों की जांच में बहुत ही स्पीड से काम किया गया है. ट्रैप के मुकदमों को सिर्फ 80 दिन में डिस्पोजल किया गया. पहले इस प्रोसेस में 365 दिन से ज्यादा लगते थे. एसीबी ने जनता से जुड़ाव किया. हेल्पलाइन को मजबूत बनाया गया. व्हाट्सएप हेल्पलाइन भी सार्थक साबित हुई. किसी भी तरह की राजनीतिक नियुक्ति अगर मिले तो क्या स्वीकार करेंगे, इस सवाल पर सोनी ने कहा कि ऐसी कोई विशेष इच्छा कभी जाहिर नहीं की है.
पुलिस तंत्र में फैले भ्रष्टाचार पर उन्होंने कहा कि सरकार का दिखने वाला हिस्सा पुलिस है. इसलिए ऐसे मामले ज्यादा ध्यान में आते हैं. लेकिन पुलिस के उच्च अधिकारियों ने अब टोकना कम कर दिया है. इसलिए पुलिस में घूस के मामले बढ़ रहे हैं. सरकार की दखलअंदाजी को लेकर बीएल सोनी ने कहा कि अपने स्वार्थ के लिए ऐसी दखलअंदाजी स्वीकार नहीं करनी चाहिए. यह स्वविवेक और अधिकारी का निर्णय होता है. हमें केवल कोर्ट में जवाब देना होता है.
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सोनी ने कहा कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध शुरू किए गए अभियान के अनुक्रम में एसीबी मुख्यालय की ओर से प्रति यूनिट स्तर पर ग्राम सड़क योजना की शुरुआत की गई है. इस योजना के तहत प्रत्येक यूनिट की ओर से एक गांव का चयन करके संबंधित आमजन को भ्रष्टाचार के विरुद्ध जागरूक करके उन्हें अपने अधिकारों और हितों के संबंध में जानकारी दी जा रही है. साथ ही अन्य विभागों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए सरकारी योजनाओं से लाभान्वित किया जाना है.