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हंगामे की भेट चढ़ी जयपुर निगम की बैठक...मेयर के वित्तीय अधिकार और प्रशासनिक शक्तियां कम करने का प्रस्ताव

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Published : Aug 26, 2019, 10:44 PM IST

जयपुर नगर निगम के पांचवीं बोर्ड की 13वीं साधारण सभा बैठक हंगामे की भेंट चढ़ गई. जहां बैठत में एजेंडों के बजाय दोनों ही पार्टियों के जनप्रतिनिधि एक दूसरे को निशाने पर लेते नजर आए

Uproar in an ordinary meeting, साधारण सभा बैठक में हंगामा

जयपुर. शहरी सरकार के पांचवीं बोर्ड की 13वीं साधारण सभा बैठक में शहर के जनप्रतिनिधि विकास के बजाय अपनी राजनीति चमकाते दिखाई दिए. दरअसल, इसी साल निकाय चुनाव होने हैं और कुछ महीने बाद आचार संहिता लग जाएगी ऐसे में बीजेपी के साथ ही कांग्रेस के पार्षद अपनी आवाज बुलंद करते नजर आ रहे है. बैठक के शुरुआती 1 घंटे में ही 3 बार बैठक को हंगामे के चलते स्थगित किया गया.

साधारण सभा बैठक में हंगामा

वहीं बाद में शहर की सफाई व्यवस्था और सफाई कर्मचारियों को वार्डों से शिफ्ट करने के मामले को लेकर बीजेपी पार्षद करीब डेढ़ घंटे तक वेल में बैठकर धरना देते रहे. पहले प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान डिप्टी मेयर मनोज भारद्वाज ने नगर निगम की कार्यशैली पर सवाल उठाया. भारद्वाज ने व्यंग भरे शब्दों में ये तक कह दिया कि नगर निगम में कुत्ते भेलपुरी खा रहे हैं. साथ ही मेयर पर तंज करते हुए कहा कि उन्हें तो अध्यात्म गुरु होना चाहिए.

पढ़ें- जयपुर में नगर निगम की साधारण सभा से पहले भाजपा पार्षदों की हुई बैठक

इसके बाद कांग्रेसी पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया. इस बीच मेयर की प्रशासनिक और वित्तीय शक्तियां कम करने के प्रस्ताव को बीजेपी पार्षदों ने हाथ उठाकर समर्थन देते हुए निगम आयुक्त को सौंपा.
वहीं मेयर विष्णु लाटा ने साधारण सभा को स्थगित करने का ठीकरा बीजेपी पार्षदों के सिर फोड़ा, उन्होंने कहा कि बीजेपी पार्षदों का शहर के विकास से कोई सरोकार नहीं है बीजेपी की कथनी और करनी में अंतर है. साथ ही कहा कि मेयर के खिलाफ बीजेपी की ओर से लाए गए प्रस्ताव को विष्णु लाटा और नेता प्रतिपक्ष उमर दराज ने गलत बताया.

जयपुर. शहरी सरकार के पांचवीं बोर्ड की 13वीं साधारण सभा बैठक में शहर के जनप्रतिनिधि विकास के बजाय अपनी राजनीति चमकाते दिखाई दिए. दरअसल, इसी साल निकाय चुनाव होने हैं और कुछ महीने बाद आचार संहिता लग जाएगी ऐसे में बीजेपी के साथ ही कांग्रेस के पार्षद अपनी आवाज बुलंद करते नजर आ रहे है. बैठक के शुरुआती 1 घंटे में ही 3 बार बैठक को हंगामे के चलते स्थगित किया गया.

साधारण सभा बैठक में हंगामा

वहीं बाद में शहर की सफाई व्यवस्था और सफाई कर्मचारियों को वार्डों से शिफ्ट करने के मामले को लेकर बीजेपी पार्षद करीब डेढ़ घंटे तक वेल में बैठकर धरना देते रहे. पहले प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान डिप्टी मेयर मनोज भारद्वाज ने नगर निगम की कार्यशैली पर सवाल उठाया. भारद्वाज ने व्यंग भरे शब्दों में ये तक कह दिया कि नगर निगम में कुत्ते भेलपुरी खा रहे हैं. साथ ही मेयर पर तंज करते हुए कहा कि उन्हें तो अध्यात्म गुरु होना चाहिए.

पढ़ें- जयपुर में नगर निगम की साधारण सभा से पहले भाजपा पार्षदों की हुई बैठक

इसके बाद कांग्रेसी पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया. इस बीच मेयर की प्रशासनिक और वित्तीय शक्तियां कम करने के प्रस्ताव को बीजेपी पार्षदों ने हाथ उठाकर समर्थन देते हुए निगम आयुक्त को सौंपा.
वहीं मेयर विष्णु लाटा ने साधारण सभा को स्थगित करने का ठीकरा बीजेपी पार्षदों के सिर फोड़ा, उन्होंने कहा कि बीजेपी पार्षदों का शहर के विकास से कोई सरोकार नहीं है बीजेपी की कथनी और करनी में अंतर है. साथ ही कहा कि मेयर के खिलाफ बीजेपी की ओर से लाए गए प्रस्ताव को विष्णु लाटा और नेता प्रतिपक्ष उमर दराज ने गलत बताया.

Intro:जयपुर - नगर निगम के पांचवीं बोर्ड की 13वीं साधारण सभा बैठक हंगामे की भेंट चढ़ गई। बैठक में एजेंडों के बजाय दोनों ही पार्टियों के जनप्रतिनिधि एक दूसरे को निशाने पर लेते नजर आए। खासकर मेयर बीजेपी पार्षदों की रडार पर रहे। बैठक में दो प्रस्ताव रखे गए। लेकिन एक पर भी चर्चा नहीं हुई। हंगामे के बीच मेयर के वित्तीय अधिकार और प्रशासनिक शक्तियां कम करने के लिए बीजेपी पार्षदों ने निगम आयुक्त को प्रस्ताव भी सौंपा।


Body:शहरी सरकार के पांचवीं बोर्ड की 13वीं साधारण सभा बैठक में शहर के जनप्रतिनिधि विकास के बजाय अपनी राजनीति चमकाते दिखे। या यूं कहें कि पांचवीं बोर्ड की आखिरी साधारण सभा की बैठक में सभी अपनी उपस्थिति हंगामे के जरिए दर्ज कराने में जुटे। दरअसल, इसी साल निकाय चुनाव होने हैं। और कुछ महीने बाद आचार संहिता लग जाएगी। ऐसे में बीजेपी के साथ ही कांग्रेस के पार्षद अपनी आवाज बुलंद करते नजर आए। बैठक के शुरुआती 1 घंटे में ही 3 बार बैठक को हंगामे के चलते स्थगित किया गया। वहीं बाद में शहर की सफाई व्यवस्था और सफाई कर्मचारियों को वार्डों से शिफ्ट करने के मामले को लेकर बीजेपी पार्षद करीब डेढ़ घंटे तक वेल में बैठकर धरना देते रहे।
बाईट - मुकेश लख्यानी, बीजेपी पार्षद
बाईट - मनोज भारद्वाज, डिप्टी मेयर

वहीं पहले प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान डिप्टी मेयर मनोज भारद्वाज ने नगर निगम की कार्यशैली पर सवाल उठाया। भारद्वाज ने व्यंग भरे शब्दों में ये तक कह दिया कि नगर निगम में कुत्ते भेलपुरी खा रहे हैं। उन्होंने मेयर पर भी तंज कसे हुए कहा कि उन्हें तो अध्यात्म गुरु होना चाहिए। क्योंकि उन्हें उन कुत्तों में भगवान नजर आते हैं, जो मासूम बच्चों को काटते हैं। इसके बाद कांग्रेसी पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया। इस बीच मेयर की प्रशासनिक और वित्तीय शक्तियां कम करने के प्रस्ताव को बीजेपी पार्षदों ने हाथ उठाकर समर्थन देते हुए निगम आयुक्त को सौंपा।
बाईट - मनोज भारद्वाज, डिप्टी मेयर

उधर, मेयर विष्णु लाटा ने साधारण सभा को स्थगित करने का ठीकरा बीजेपी पार्षदों के सिर फोड़ा। उन्होंने कहा कि बीजेपी पार्षदों का शहर के विकास से कोई सरोकार नहीं। बीजेपी की कथनी और करनी में अंतर है।
बाईट - विष्णु लाटा, मेयर

वहीं मेयर के खिलाफ बीजेपी की ओर से लाए गए प्रस्ताव को विष्णु लाटा और नेता प्रतिपक्ष उमर दराज ने गलत बताया।
बाईट - विष्णु लाटा, मेयर
बाईट - उमर दराज, नेता प्रतिपक्ष


Conclusion:बहरहाल, शहरी सरकार की ये अंतिम बोर्ड बैठक कही जा सकती है। इसी साल नगर निगम के चुनाव भी होने हैं। यही वजह है कि अब सभी पार्षदों का फोकस चुनाव पर है। ऐसे में पार्षदों का बोर्ड बैठक के बहाने अपनी आवाज बुलंद करना लाजमी है।
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