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अनूठा है ये मंदिर.... यहां थ्रेसर से बनता है चूरमा और जेसीबी से मीठा मिलाकर बनाते हैं प्रसाद - jcb used to mix sweet in churma prasad

जयपुर के कोटपुतली में ग्राम कुहाड़ा स्थित अरावली की पहाड़ियों में बने श्री छांपाला वाला भैंरू जी महाराज के मंदिर अपने आप में अनूठा है. यहां 30 जनवरी को आयोजित होने वाले वार्षिकोत्सव में एक से डेढ़ लाख लोगों के जुटने की उम्मीद है. इस दौरान आयोजित लक्खी मेले में कई राजनीतिक हस्तियां भी जुटेंगी.

threasar used to make churma prasad, कोटपुतली(जयपुर) की खबर
श्री छांपाला वाला भैंरू जी महाराज का मंदिर का वार्षिकोत्सव
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Published : Jan 30, 2021, 2:52 PM IST

कोटपुतली(जयपुर). जयपुर के कोटपुतली में ग्राम कुहाड़ा स्थित अरावली की पहाड़ियों में बने श्री छांपाला वाला भैंरू जी महाराज का वार्षिकोत्सव प्रतिवर्ष की भांति आने वाली 30 जनवरी को हर्षोल्लास के साथ आयोजित किया जाएगा. इसके लिए तैयारियां भी शुरू हो चुकी हैं.

श्री छांपाला वाला भैंरू जी महाराज का मंदिर का वार्षिकोत्सव

आपने कभी चूरमे का पहाड़ देखा है, यदि नहीं तो आज हम आपको जो तस्वीरे दिखा रहे हैं, वह किसी मिट्टी के टीले या पहाड़ की नहीं बल्कि चूरमे के प्रसाद के ढेर की है. राजस्थान में प्रचलित चूरमे आटा, चीनी, देसी घी, मावा और ड्राई फ्रूट्स से तैयार किया जा रहा है. इस बार मंदिर के वार्षिकोत्सव में लक्खी मेले में भैंरू बाबा के दर्शन के लिए आने वाले करीब एक लाख श्रद्धालुओं के लिए जेसीबी व थ्रेसर की सहायता से चूरमा तैयार किया जा रहा है.

वहीं चूरमे के लिए बनाई गई मुठियां लाने के लिए ट्रैक्टर-ट्रॉली का प्रयोग किया जा रहा है. प्रसाद तैयार करने के लिए करीब 6 दर्जन हलवाई लगभग एक सप्ताह से कार्य कर रहे हैं. भण्डारे के लिए करीब डेढ़ लाख से अधिक पत्तल व तीन लाख से अधिक दोने एवं पानी के लिए एक दर्जन टैंकर की व्यवस्था की गई है.

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अनूठा है ये मंदिर

पढ़ें: SPECIAL : हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से घर की छत पर उगा ली पेस्टीसाइड्स फ्री सब्जियां...जोधपुर के चार दोस्तों का नवाचार

मेले मेें 11 सदस्यीय मेला कमेटी की देखरेख में करीब 200 वालंटियर्स व 21 स्कूलों के करीब एक हजार छात्र पार्किंग व्यवस्था, जल वितरण, प्रसाद वितरण आदि कार्यो में सेवाएं देते हैं. प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में लाखों की संख्या में श्रद्धालु शिरकत करते हैं. इस मौके पर विशाल लक्खी मेले, भण्डारे व जागरण का आयोजन किया जााता है. इसबार भी तैयारियां चल रही हैं. इस वर्ष बाबा का 12वां विशाल जागरण आयोजित किया जा रहा है. मेले को लेकर शुक्रवार को महिलाओं द्वारा गांव के विभिन्न मार्गों से मंदिर परिसर तक विशाल कलश यात्रा निकाली जाएगी.

समारोह के मुख्य अतिथि आरएलपी के राष्ट्रीय संयोजक व नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल रहेंगे. जबकि अध्यक्षता पूर्व संसदीय सचिव रामस्वरूप कसाना करेंगे. विशिष्ठ अतिथि के रूप में आरएलपी प्रदेशाध्यक्ष व विधायक पुखराज गर्ग, मेड़ता सिटी विधायक इन्दिरा बावरी, खींवसर विधायक नारायण बेनीवाल, विराटनगर विधायक इन्द्राज गुर्जर, बानसूर विधायक शकुन्तला रावत, किसान सभा राजस्थान के अध्यक्ष रामपाल जाट, पूर्व मंत्री प्रेमसिंह बाजौर व समाज कल्याण विभाग की पूर्व अध्यक्ष रेणु पोषवाल समेत बड़ी संख्या में अतिथि भाग लेंगे

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6 दर्जन हलवाई कर रहे काम

हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा, विशाल सामाजिक सम्मेलन का होगा आयोजन

इस मौके पर विशाल सामाजिक सम्मेलन का आयोजन भी होगा. यहां विभिन्न म्हासियों द्वारा नेहड़े व धमाल प्रस्तुति दी जाएगी. मन्दिर परिसर व कार्यक्रम स्थल पर प्रत्येक दो घंटे में पुष्प वर्षा विशेष आकर्षण का केन्द्र रहते हैं. उल्लेखनीय है कि श्री छांपाला वाला भैंरू बाबा का धाम उनके परम शिष्य सोनगिरा पोषवाल प्रथम की अटूट आस्था की कहानी से जुड़ा हुआ है.

पढ़ें: SPECIAL: अजमेर नगर निगम चुनाव का फाइनल काउंटडाउन....निर्दलीय प्रत्याशियों ने मुकाबला बनाया दिलचस्प

ग्रामीणों ने बताया कि सोनगिरा भैंरू बाबा की मूर्ति को कुहाड़ा में स्थापित करना चाहते थे. मूर्ति लाने के लिए जब वे काशी गए तो भैंरू बाबा ने उनसे पुत्र की बलि मांगी जो उन्होंने दे दी. इसके बाद सोनगिरा ने पंच पीरों के साथ कुहाड़ा गांव की स्थापना की. सोनगिरी से सोनगिरा द्वितीय पैदा हुआ जिसने अपनी बेटी पदमा की शादी बगड़ावत सवाई भोज के साथ की. जिसमें पंच देव खेजड़ी वृक्ष का मंडप लगाया गया जो वर्तमान में भी मौजुद है. किंवदंती है कि जिस स्त्री को संतान नहीं हैं अगर वह मंडप में उपस्थित जड़ के नीचे से निकलती है तो उसे संतान सुख की प्राप्ति होती है. यहां लोग भैंरू बाबा व खेजड़ी के वृक्ष की पूजा अर्चना करते हैं.

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श्री छांपाला वाला भैंरू जी महाराज का मंदिर

सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबन्द

मेले के लिए ग्रामीणों में अपार उत्साह का माहौल देखने को मिल रहा था. कल्याणपुरा व कुहाड़ा गांव के ग्रामीण पिछले करीब एक माह से तैयारियों में जुटे हुए हैं. ग्रामीणों की ओर से मेले की व्यवस्था बेहद व्यवस्थित ढंग से की गई है जो बाहर से आने वाले लोगों के लिए आश्चर्य का केन्द्र बनी हुई है. हजारों की संख्या में वाहनों की पार्किंग की जिम्मेदारी ग्रामीणों द्वारा उठाई जाती है. विभिन्न जगहों पर स्वयं ग्रामीण ही स्वयंसेवक के रूप में तैनात रहते हैं. यह मेला ग्राम एकता का नायाब उदाहरण है. वहीं दूसरी ओर मेले में व्यवस्था के लिए पुलिस प्रशासन भी चाक-चौबन्द हैं. इसके लिए करीब चार थानों से पुलिस के जवान तैनात रहेंगे. मौके पर एम्बूलेंस, फायर ब्रिगेड आदि संसाधन भी तैनात रहेंगे.

कोटपुतली(जयपुर). जयपुर के कोटपुतली में ग्राम कुहाड़ा स्थित अरावली की पहाड़ियों में बने श्री छांपाला वाला भैंरू जी महाराज का वार्षिकोत्सव प्रतिवर्ष की भांति आने वाली 30 जनवरी को हर्षोल्लास के साथ आयोजित किया जाएगा. इसके लिए तैयारियां भी शुरू हो चुकी हैं.

श्री छांपाला वाला भैंरू जी महाराज का मंदिर का वार्षिकोत्सव

आपने कभी चूरमे का पहाड़ देखा है, यदि नहीं तो आज हम आपको जो तस्वीरे दिखा रहे हैं, वह किसी मिट्टी के टीले या पहाड़ की नहीं बल्कि चूरमे के प्रसाद के ढेर की है. राजस्थान में प्रचलित चूरमे आटा, चीनी, देसी घी, मावा और ड्राई फ्रूट्स से तैयार किया जा रहा है. इस बार मंदिर के वार्षिकोत्सव में लक्खी मेले में भैंरू बाबा के दर्शन के लिए आने वाले करीब एक लाख श्रद्धालुओं के लिए जेसीबी व थ्रेसर की सहायता से चूरमा तैयार किया जा रहा है.

वहीं चूरमे के लिए बनाई गई मुठियां लाने के लिए ट्रैक्टर-ट्रॉली का प्रयोग किया जा रहा है. प्रसाद तैयार करने के लिए करीब 6 दर्जन हलवाई लगभग एक सप्ताह से कार्य कर रहे हैं. भण्डारे के लिए करीब डेढ़ लाख से अधिक पत्तल व तीन लाख से अधिक दोने एवं पानी के लिए एक दर्जन टैंकर की व्यवस्था की गई है.

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अनूठा है ये मंदिर

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मेले मेें 11 सदस्यीय मेला कमेटी की देखरेख में करीब 200 वालंटियर्स व 21 स्कूलों के करीब एक हजार छात्र पार्किंग व्यवस्था, जल वितरण, प्रसाद वितरण आदि कार्यो में सेवाएं देते हैं. प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में लाखों की संख्या में श्रद्धालु शिरकत करते हैं. इस मौके पर विशाल लक्खी मेले, भण्डारे व जागरण का आयोजन किया जााता है. इसबार भी तैयारियां चल रही हैं. इस वर्ष बाबा का 12वां विशाल जागरण आयोजित किया जा रहा है. मेले को लेकर शुक्रवार को महिलाओं द्वारा गांव के विभिन्न मार्गों से मंदिर परिसर तक विशाल कलश यात्रा निकाली जाएगी.

समारोह के मुख्य अतिथि आरएलपी के राष्ट्रीय संयोजक व नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल रहेंगे. जबकि अध्यक्षता पूर्व संसदीय सचिव रामस्वरूप कसाना करेंगे. विशिष्ठ अतिथि के रूप में आरएलपी प्रदेशाध्यक्ष व विधायक पुखराज गर्ग, मेड़ता सिटी विधायक इन्दिरा बावरी, खींवसर विधायक नारायण बेनीवाल, विराटनगर विधायक इन्द्राज गुर्जर, बानसूर विधायक शकुन्तला रावत, किसान सभा राजस्थान के अध्यक्ष रामपाल जाट, पूर्व मंत्री प्रेमसिंह बाजौर व समाज कल्याण विभाग की पूर्व अध्यक्ष रेणु पोषवाल समेत बड़ी संख्या में अतिथि भाग लेंगे

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6 दर्जन हलवाई कर रहे काम

हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा, विशाल सामाजिक सम्मेलन का होगा आयोजन

इस मौके पर विशाल सामाजिक सम्मेलन का आयोजन भी होगा. यहां विभिन्न म्हासियों द्वारा नेहड़े व धमाल प्रस्तुति दी जाएगी. मन्दिर परिसर व कार्यक्रम स्थल पर प्रत्येक दो घंटे में पुष्प वर्षा विशेष आकर्षण का केन्द्र रहते हैं. उल्लेखनीय है कि श्री छांपाला वाला भैंरू बाबा का धाम उनके परम शिष्य सोनगिरा पोषवाल प्रथम की अटूट आस्था की कहानी से जुड़ा हुआ है.

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ग्रामीणों ने बताया कि सोनगिरा भैंरू बाबा की मूर्ति को कुहाड़ा में स्थापित करना चाहते थे. मूर्ति लाने के लिए जब वे काशी गए तो भैंरू बाबा ने उनसे पुत्र की बलि मांगी जो उन्होंने दे दी. इसके बाद सोनगिरा ने पंच पीरों के साथ कुहाड़ा गांव की स्थापना की. सोनगिरी से सोनगिरा द्वितीय पैदा हुआ जिसने अपनी बेटी पदमा की शादी बगड़ावत सवाई भोज के साथ की. जिसमें पंच देव खेजड़ी वृक्ष का मंडप लगाया गया जो वर्तमान में भी मौजुद है. किंवदंती है कि जिस स्त्री को संतान नहीं हैं अगर वह मंडप में उपस्थित जड़ के नीचे से निकलती है तो उसे संतान सुख की प्राप्ति होती है. यहां लोग भैंरू बाबा व खेजड़ी के वृक्ष की पूजा अर्चना करते हैं.

threasar used to make churma prasad, कोटपुतली(जयपुर) की खबर
श्री छांपाला वाला भैंरू जी महाराज का मंदिर

सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबन्द

मेले के लिए ग्रामीणों में अपार उत्साह का माहौल देखने को मिल रहा था. कल्याणपुरा व कुहाड़ा गांव के ग्रामीण पिछले करीब एक माह से तैयारियों में जुटे हुए हैं. ग्रामीणों की ओर से मेले की व्यवस्था बेहद व्यवस्थित ढंग से की गई है जो बाहर से आने वाले लोगों के लिए आश्चर्य का केन्द्र बनी हुई है. हजारों की संख्या में वाहनों की पार्किंग की जिम्मेदारी ग्रामीणों द्वारा उठाई जाती है. विभिन्न जगहों पर स्वयं ग्रामीण ही स्वयंसेवक के रूप में तैनात रहते हैं. यह मेला ग्राम एकता का नायाब उदाहरण है. वहीं दूसरी ओर मेले में व्यवस्था के लिए पुलिस प्रशासन भी चाक-चौबन्द हैं. इसके लिए करीब चार थानों से पुलिस के जवान तैनात रहेंगे. मौके पर एम्बूलेंस, फायर ब्रिगेड आदि संसाधन भी तैनात रहेंगे.

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