जयपुर. प्रदेश के तृतीय श्रेणी अध्यापकों के तबादलों की मांग को लेकर अब सभी शिक्षक संगठनों ने शिक्षक संयुक्त मोर्चा बनाया है. यह मोर्चा आगामी 25 दिसंबर से तबादला आक्रोश रैली निकालने (Teachers Fast unto Death) जा रही है. जिसका आह्वान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष हरपाल दादरवाल ने रविवार को किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकार तृतीय श्रेणी तबादला पर कोई सकारात्मक पहल नहीं करती है तो संयुक्त मोर्चा आगामी 25 दिसंबर से आमरण अनशन पर बैठेगा. जिसके लिए केवल व केवल राज्य सरकार जिम्मेदार होगी. साथ ही 25 दिसंबर से जयपुर के शहीद स्मारक से तबादला आक्रोश रैली के साथ ही निमंत्रण कार्ड बांटने के अभियान की भी शुरुआत होगी. जिसके जरिए प्रदेश के शिक्षकों को बुलावा देने के लिए आमंत्रण यात्रा निकाली जाएगी.
प्रदेश के तृतीय श्रेणी शिक्षक पिछले करीब 4 सालों से तबादलों का इंतजार कर रहे हैं. बीते दिनों शिक्षा विभाग की ओर से तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले नहीं करने की बात कही गई. जिसके बाद से तृतीय श्रेणी के शिक्षकों में आक्रोश है. विरोध के चलते अब एक बार फिर 25 दिसंबर को राजधानी जयपुर के शहीद स्मारक पर तृतीय श्रेणी शिक्षक जुटेंगे और इस बार उन्होंने सरकार से आर-पार की लड़ाई की चेतावनी दी है.
आंदोलन को सफल बनाने के लिए शिक्षक संगठन शादी के निमंत्रण कार्ड की तरह आमंत्रण पत्र बांट रहे हैं. राजस्थान एकीकृत शिक्षक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष हरपाल सिंह दादरवाल ने (Announcement of state president of United Front) बताया कि शिक्षक पहले भी तबादले की मांग को लेकर करीब 6 बार शहीद स्मारक पर प्रदर्शन कर चुके हैं, लेकिन सरकार से कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिलने की सूरत में अब शिक्षक आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं.
25 तारीख के आंदोलन को लेकर शिक्षकों की ओर से निमंत्रण कार्ड बांट कर शिक्षकों को आंदोलन में शरीक होने के लिए आमंत्रित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस बार किसी मंत्री या विधायक से नहीं, बल्कि केवल सीएम से मुलाकात होने और 85 हजार शिक्षकों के तबादलों की सूची जारी करने के आश्वासन पर ही शहिद स्मारक छोड़ा जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि अबकी वो स्वयं इस आंदोलन का नेतृत्व करते हुए आमरण अनशन पर बैठेंगे.
बता दें कि राजस्थान में चार साल के लंबे इंतजार के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अगस्त 2021 में थर्ड ग्रेड शिक्षकों के तबादलों के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे. करीब 85 हजार शिक्षकों ने तबादलों के लिए आवेदन किए थे, लेकिन इसके बाद भी उनके तबादले नहीं किए गए. शिक्षा मंत्री तबादला नीति पारित होने के बाद थर्ड ग्रेड शिक्षकों के तबादले की बात कहते रहे, लेकिन इस घोषणा के बाद 85 हजार आवेदन रद्द कर दिए गए.