जयपुर. शिक्षा के अधिकार कानून के तहत निजी स्कूलों में आज यानी बुधवार से एडमिशन प्रक्रिया शुरू हो गई है. छात्र प्रदेश के विभिन्न निजी स्कूलों में 29 मार्च से 10 अप्रैल तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. राइट टू एजुकेशन की नई गाइडलाइन के अनुसार अभिभावक वरीयता तय करते हुए 5 प्राइवेट स्कूलों में आवेदन कर सकेंगे. आवेदन के बाद 12 अप्रैल को छात्रों के नामों की लॉटरी निकाली जाएगी. हालांकि विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि जो छात्र पहले ही आरटीई के तहत एडमिशन ले चुके हैं, वो दोबारा आवेदन नहीं कर सकेंगे.
प्रदेश में पहली बार प्राइवेट स्कूलों में प्री प्राइमरी क्लासेज से पहली कक्षा तक आरटीई के तहत एडमिशन हो सकेंगे. प्राइवेट स्कूलों की 25 फ़ीसदी सीटों पर छात्रों को निशुल्क एजुकेशन देने के नियमों के तहत बुधवार से ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया भी शुरू हुई. इसके अनुसार प्रत्येक निजी स्कूल में तीन छात्रों के बाद चौथे छात्र का प्रवेश आरटीई के तहत ही होगा. विभाग की ओर से सभी प्राइवेट स्कूलों को अपनी प्रोफाइल अपडेट करने के निर्देश दिए गए हैं. जिसके आधार पर आगे की क्लासेज में दाखिला दिया जाएगा. प्रदेशभर के प्राइवेट स्कूल संचालकों को प्री प्राइमरी क्लासेज यानी पीपी 3 (नर्सरी), पीपी 4 (एलकेजी) और पीपी 5 (यूकेजी) तक तीन क्लास में 25 प्रतिशत सीटों पर एडमिशन देना अनिवार्य होगा. हालांकि सरकार यह स्पष्ट कर चुकी है कि इन छात्रों की फीस का पुनर्भरण सरकार की ओर से नहीं किया जाएगा. आरटीई के तहत प्रवेश के बाद राज्य सरकार की ओर से भुगतान की प्रक्रिया पहली कक्षा से ही शुरू होगी.
पढ़ें आरटीई के तहत 1.38 लाख बच्चों को मिला निजी स्कूलों में प्रवेश, जयपुर में सबसे ज्यादा
बता दें कि 10 अप्रैल तक ऑनलाइन आवेदन के बाद 12 अप्रैल को एलआईसी की ओर से ऑनलाइन लॉटरी निकाली जाएगी. इसके बाद 20 अप्रैल तक अभिभावक ऑनलाइन रिपोर्टिंग कर सकेंगे. जबकि स्कूल 28 अप्रैल तक आवेदन पत्रों की जांच पड़ताल करेगा. इसके बाद अभिभावकों को अपना रिकॉर्ड सुधारने (अगर कोई गलत डॉक्यूमेंट दिया है तो उसे ठीक और कोई डॉक्यूमेंट नहीं दिया है तो उसे संलग्न) के लिए 5 मई तक का समय दिया जाएगा.
वहीं 19 अप्रैल से 20 मई तक सीबीओ की ओर से जांच की जाएगी. 23 मई को ऑटो वेरिफाइड होते हुए आखिर में 24 मई को एनआईसी की ओर से आरटीई सीट्स का चयन किया जाएगा. खास बात ये है कि प्राइवेट स्कूल लॉटरी से चयनित छात्रों के दस्तावेज पर महज आपत्ति जता सकेंगे, उन्हें रिजेक्ट करने का अधिकार प्राइवेट स्कूलों के पास नहीं होगा. स्कूल की ओर से दर्ज कराई गई आपत्ति को सीबीओ की ओर से जांचने के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जा सकेगा.