जयपुर. आम तौर पर देश में पोलो जैसे खेल को रॉयल परिवार से जोड़कर देखा जाता है. अब तक जितने भी बड़े खिलाड़ी हुए हैं वे किसी ना किसी राजघराने से तालुकात रखते हैं. वहीं जयपुर का एक खिलाड़ी ऐसा भी है जो एक छोटे से गांव से निकला और उसने इस राजशाही खेल में महारथ हासिल की.
जयपुर के सिरसी रोड निवासी लोकेंद्र सिंह ने खुद को साबित कर युवाओं को एक प्रेरणा दी है. लोकेंद्र जयपुर के उन चुनिंदा पोलो खिलाड़ियों में हैं, जिन्होंने भारतीय पोलो टीम में अपनी जगह बनाई है. उन्होंने अब तक कई बड़े टूर्नामेंट खेले हैं. हालांकि लोकेंद्र मानते हैं कि पोलो एक महंगा खेल हैं, लेकिन यह खेल काफी दिलचस्प भी है.
ईटीवी भारत के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि उन्हें बचपन से ही उन्हें घोड़ों से लगाव था. उनके परिवार में घोड़े पाले भी जाते थे, लेकिन उनके दादाजी ने उन्हें घुड़सवारी सिखाई. इसके बाद उन्हें पोलो खेलने में दिलचस्पी आई. उन्होंने विदेश में जाकर पोलो भी सीखा. जिसके बाद कई बड़े टूर्नामेंट खेले.
बता दें कि लोकेंद्र ने कई बड़े खिलाड़ियों के साथ मैच खेला है. प्रदेश की बात करें तो अशोक चांदना और विशाल सिंह जैसे जाने-माने पोलो खिलाड़ियों के साथ रहकर उन्होंने काफी कुछ सीखा. फिलहाल वे प्रदेश के खेल मंत्री अशोक चांदना की टीम से भी पोलो खेल रहे हैं. लोकेंद्र ने स्वेतबर्ग, कॉकस्टड पोलो चैंपियनशिप, हार्विक पोलो जैसे बड़े टूर्नामेंट खेल चुके हैं.