जयपुर. राजस्थान में चुनावी माहौल में ईडी की एंट्री के बाद सियासी भूचाल मचा हुआ है. कांग्रेस नेता और स्वयं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ईडी की जांच पर लगातार सवाल उठा रहे हैं. कांग्रेस की ओर से ईडी की एंट्री पर विरोध-प्रदर्शन करने की चेतावनी दी जा रही है तो वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ईडी के अधिकारियों को राजनीतिक द्वेष के चलते कार्रवाई से बचने की नसीहत दी है. कांग्रेस के आंदोलन की चेतावनी और सीएम गहलोत की धमकी भरे बयान के बाद नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने तीखा प्रहार किया. राठौड़ ने कहा कि जिन लोगों की सरपरस्ती में भ्रष्टाचार हुआ, सचिवालय ने धन और सोने उगला तो अब जनता चाहेगी कि पूरे मामले की जांच हो और दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए.
आवाम चाहती है कि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए : नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि ईडी की एंट्री पर कांग्रेस सवाल कर रही है, लेकिन कांग्रेस से राजस्थान की आवाम सवाल कर रही थी, तब कांग्रेस और मुख्यमंत्री खामोश क्यों थे. जनता जानना चाह रही थी कि डीपी जारोली ने कहा कि मैं तो बलि का बकरा बनाया गया हूं, तार और कहीं जुड़े हुए हैं, तब कांग्रेस और सीएम गहलोत चुप क्यों थे ? राजीव गांधी स्टडी को एग्जाम कंडक्ट कराने के अधिकार किसने दिए ? किसके कहने पर उनके सुपरविजन में रीट की परीक्षा कराई गई ? आरपीएससी सदस्य बनाने की नाम पर बाबूलाल कटारा से डेढ़ करोड़ रुपए किसने लिए ? ब्लैक मनी का सर्कुलेशन सामने आ जाता है तो खामोश क्यों हैं ? राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस सरकार में मंत्रियों के सोशल मीडिया संचालन करने वाले भूपेंद्र को अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया, जिसक नाम भ्रष्टाचार में सामने आ चूका है. उन्होंने कहा कि अब निश्चित तौर पर कांग्रेस बौखलाई हुई है, लेकिन प्रदेश की आम आवाम चाहती है कि अब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए. जनता जानना चाहती है कि आखिर असली किरदार कौन है ?
जांच एजेंसियों को धमकी, संघवाद को कमजोर करना : राजेंद्र राठौड़ ने मुख्यमंत्री के उस बयान पर भी पलटवार किया, जिसमें उन्होंने ईडी अफसरों को धमकी भरे अंदाज में कहा था कि राजनीतिक टूल नहीं बनें, वक्त बदल रहा है. राठौड़ ने कहा कि जांच एजेंसियों से जनता उम्मीद लगाए बैठी है कि असली किरदार को सबके सामने लेकर आएंगी. लेकिन जिस तरह से कांग्रेस और मुख्यमंत्री धमकी भरे अंदाज में बयान दे रहे हैं, वो शोभा नहीं देता. आज देश के अंदर संविधान है. केंद्रीय एजेंसियां हों या राज्य की जांच एजेंसी, जांच में बाधा पैदा करने की नियत के साथ प्रदर्शन और धमकी भरे अंदाज में बोलना, संघवाद को कमजोर करने की कोशिश है. मुख्यमंत्री को शोभा नहीं देता कि वो जांच अधिकारियों को धमकाएं. राठौड़ ने कहा कि सीएम गहलोत ने अधिकारियों को जिस तरह से वक्त बदलने की बात कही तो हम भी कह रहे हैं वक्त बदला रहा हैं. जिनके संरक्षण में सचिवालय सोना और धन उगल रहा है वो भी सावधान रहें . राठौड़ ने कहा कि चुनावी साल में ईडी कोई भी एक्शन में नहीं आई है. एजेंसी अलग समय में आती है. इनकी सरकार के वक्त जब हमने सीबाआई की जांच में राजनीतिक हस्तक्षेप की बात कही थी तब इन्होंने कहा कि सीबीआई इन्वेस्टिगेशन ठीक करती है. आज वो ही एजेंसी के बारे में इस तरह की बात कर रहे हैं.
19 हजार किसानों की जमीन की नीलामी : 19 हजार किसानों की जमीन नीलामी की खबरों के बीच नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किसान कर्जमाफी के नाम पर प्रदेश के किसानों से की गई वादाखिलाफी के कारण हजारों किसानों की जमीनें नीलाम हो चुकी हैं. गहलोत सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया है. राष्ट्रीयकृत और अनुसूचित बैंकों से करीब 6 लाख किसानों ने लोन लिया था, उनका एक पैसा भी माफ नहीं हुआ. हमने विधानसभा में सवाल खड़े किये थे कि जो कानून सरकार बना रही है उससे किसानों की जमीन नीलाम होने से नहीं रुकेगी. गहलोत सरकार ने किसानों के साथ वन टाइम सेटलमेंट का वादा किया था, लेकिन प्रदेश में 19 हजार से ज्यादा किसानों की जमीन नीलाम हुई है. इसके अलावा एक लाख तेरह हजार किसानों के खाते एनपीए हो चुके हैं, जिनकी जल्द ही जमीन नीलाम होने वाली है. राठौड़ ने कहा कि गहलोत सरकार का किसान विरोधी चेहरा सबके सामने आ चुका है.
विधायकों की खरीद-फरोख्त के सबूत दें : ईडी एक्शन पर सवाल उठाने वाले सीएम गहलोत पर नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा है कि कई बार सार्वजनिक मंचों से मानेसर गए विधायकों को बड़ी धनराशि देने की बात कहते रहे हैं. अब इन विधायकों के नाम और कितना धन इनके पास आया, उसकी जानकारी ईडी को उपलब्ध कराएं. सीएम गहलोत जब यहां तक कहते हैं कि विधायकों के पास जो धनराशि आई, उसमें से कुछ खर्च हो गईं हो तो उसे भी एआईसीसी से दिलवा देंगे तो इसका मतलब ये है कि उनके पास पुख्ता सबूत है. उन्हें तो आगे बढ़कर ईडी को सबूत सौंपने चाहिए .