जयपुर. भारतीय जनता पार्टी की ओर से राजस्थान में जुलाई महीने में कांग्रेस सरकार के खिलाफ पोल खोल अभियान चलाने जा रही है. जिसके तहत झुंझुनू में किसान सम्मेलन, बीकानेर में लंपी मामले में सरकार को घेरने और अंत में जयपुर में फिर से सचिवालय घेराव किया जाएगा. भाजपा के आगामी प्रदर्शनों को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि किसानों के विरोध में तीन काले कानून लाने वाली भाजपा किस मुंह से किसान हितैषी होने की बात कर सकती है. लंपी बीमारी को लेकर तो राजस्थान एकमात्र राज्य है जो उन पशुपालकों को 40 हजार रुपये दे रहा है, जिन्होंने अपनी गाय इस रोग के चलते गंवाई.
ओबीसी अध्यक्ष को हटा जनरल को पार्टी अध्यक्ष बनने वली भाजपा नहीं हो सकती OBC हितैषी : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भाजपा पर ओबीसी विरोधी होने का आरोप यह कहते हुए लगाया कि अगर भाजपा ओबीसी हितैषी होती तो क्या ओबीसी के प्रदेश अध्यक्ष को हटाकर जनरल को प्रदेश अध्यक्ष बनाती ? उन्होंने कहा कि कांग्रेस जाति, धर्म की बात नहीं कर 36 कौम की बात करती है, लेकिन भाजपा वोट लेने के लिए किसी वर्ग विशेष की बात तो करती है, लेकिन फिर उसी वर्ग के साथ अन्याय, अत्याचार और दुर्व्यवहार करती है.
भाजपा के 5 लाख के दावे भी होंगे फेल : डोटासरा ने भाजपा की ओर से जयपुर में फिर से सचिवालय घेराव आंदोलन को लेकर कहा कि कुछ दिनों पहले भाजपा ने जो आंदोलन किया, उसमें सचिवालय घेराव के लिए 1 लाख का टारगेट दिया, लेकिन वहां पर डेढ़ हजार लोग ही इकट्ठे हो सके. भाजपा 5 लाख लोग जयपुर में इकट्ठे करने की बात कर रही है तो अगर वह 15 प्रतिशत लोग भी जुटा ले तो बड़ी बात होगी.
डोटासरा ने भाजपा संगठन में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के बढ़ते हस्तक्षेप को लेकर कहा कि राजेंद्र राठौड़ के नेता प्रतिपक्ष और सीपी जोशी के अध्यक्ष बनने के बाद इनके संगठन की दुर्गति ऐसी बनी है कि एक भी कार्यक्रम संगठन जारी नहीं करता है. सारे कार्यक्रम राजेंद्र राठौड़ बताते हैं. क्या बीजेपी में संगठन जीरो हो गया ? उन्होंने कहा कि संगठन का अध्यक्ष सीपी जोशी को बनाया ही क्यों, जब उन्हें इतना भी नहीं पता कि कब क्या प्रोग्राम करना है और संगठन प्रोग्राम की घोषणा भी राजेंद्र राठौड़ करते हैं. डोटासरा ने कहा कि भाजपा यह भी नहीं बता पा रही है कि हमारा चेहरा कौन होगा ? बार-बार कहते हैं कि मोदी हमारा चेहरा होंगे तो उन्हें याद रहे कि कर्नाटक में भी मोदी चेहरा थे. मोदी और भाजपा की क्या दुर्गति हुई, यह सबके सामने है. डोटासरा ने कहा कि राजस्थान में भाजपा संगठन का धणी-धोरी नहीं है. सतीश पूनिया के समय लगता था कि संगठन कुछ काम कर रहा है, लेकिन अब तो बिल्कुल जीरो हो गया.
भाजपा के सांसद किस मुंह से जनता के पास करेंगे मोदी सरकार का बखान : डोटासरा ने मोदी सरकार की ओर से चल रहे 9 साल की उपलब्धियों के कार्यक्रम पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जब मोदी ने 4 साल में कुछ किया ही नहीं तो इनके मंत्री मोदी शासन की योजनाओं का प्रचार करेंगे कहां से. राजस्थान के 25 में से 24 सांसद भाजपा के होने के बाद भी एक फूटी कौड़ी केंद्र से राजस्थान के लिए नहीं ला पाए. ऐसे में वो जनता के बीच किस मुंह से जाएंगे. उन्होंने कहा कि भाजपा के पास कहने को कुछ नहीं है और ना ही विपक्ष की भूमिका ये निभा सके. जब ये जनता के बीच जाएंगे तो लोग इनसे पूछेंगे कि इन्होंने गौमाता के लिए वोट मांगा, लेकिन गौमाता के लिए किया क्या ?