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पॉक्सो कोर्ट का आदेश: दुष्कर्म के दो मामलों में तीन अभियुक्तों को सजा

पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म (pocso court order) के दो मामलों में तीन अभियुक्तों को सजा सुनाई है. फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि दालत ने कहा कि नाबालिग की सहमति कानून में कोई महत्व नहीं रखती है.

दुष्कर्म के दो मामलों में तीन अभियुक्तों को सजा
दुष्कर्म के दो मामलों में तीन अभियुक्तों को सजा
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Published : Nov 14, 2022, 11:01 PM IST

जयपुर. पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-1 महानगर द्वितीय (pocso court order) ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त शाहरुख कुरैशी और आरिफ कुरैशी को सात साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्तों पर कुल 24 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने मामले में दो लोगों को बरी भी किया है. वहीं महानगर द्वितीय की पॉक्सो कोर्ट ने नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त सोनू राज यादव को बीस साल की सजा (imprisonment of three accused in two rape cases) सुनाई है. अदालत ने कहा कि नाबालिग की सहमति कानून में कोई महत्व नहीं रखती है.

अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया गया कि नौ मई 2016 को पीड़िता के पिता ने माणक चौक थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि एक दिन पहले उसकी बेटी सहेली के पास पढ़ाई के नोट्स लेने गई थी, लेकिन वापस नहीं लौटी. दस मार्च को मिलने पर उसने बताया कि अभियुक्त उसे होटलों में ले गए थे और वहां ले जाकर दुष्कर्म किया था. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्तों को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया.

पढ़ें. बालिका से दुष्कर्म और हत्या के आरोपी को फांसी, पॉक्सो कोर्ट ने सुनाई सजा

दूसरे प्रकरण में पीड़िता के पिता ने दो दिसंबर को मुहाना थाने में रिपोर्ट दी कि उसकी 15 साल की बेटी बिना बताए कहीं चली गई है. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने करीब तीन माह बाद अभियुक्त को गिरफ्तार कर पीड़िता को बरामद किया. पीड़िता ने अदालत को बताया कि वह अपनी मर्जी से अभियुक्त के साथ गई थी और करीब तीन माह दिल्ली में पति-पत्नी की तरह रहने के बाद वे गोनेर रोड आकर रहने लगे. इस पर अदालत ने माना की नाबालिग की सहमति कानून में कोई महत्व नहीं रखती है.

जयपुर. पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-1 महानगर द्वितीय (pocso court order) ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त शाहरुख कुरैशी और आरिफ कुरैशी को सात साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्तों पर कुल 24 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने मामले में दो लोगों को बरी भी किया है. वहीं महानगर द्वितीय की पॉक्सो कोर्ट ने नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त सोनू राज यादव को बीस साल की सजा (imprisonment of three accused in two rape cases) सुनाई है. अदालत ने कहा कि नाबालिग की सहमति कानून में कोई महत्व नहीं रखती है.

अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया गया कि नौ मई 2016 को पीड़िता के पिता ने माणक चौक थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि एक दिन पहले उसकी बेटी सहेली के पास पढ़ाई के नोट्स लेने गई थी, लेकिन वापस नहीं लौटी. दस मार्च को मिलने पर उसने बताया कि अभियुक्त उसे होटलों में ले गए थे और वहां ले जाकर दुष्कर्म किया था. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्तों को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया.

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दूसरे प्रकरण में पीड़िता के पिता ने दो दिसंबर को मुहाना थाने में रिपोर्ट दी कि उसकी 15 साल की बेटी बिना बताए कहीं चली गई है. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने करीब तीन माह बाद अभियुक्त को गिरफ्तार कर पीड़िता को बरामद किया. पीड़िता ने अदालत को बताया कि वह अपनी मर्जी से अभियुक्त के साथ गई थी और करीब तीन माह दिल्ली में पति-पत्नी की तरह रहने के बाद वे गोनेर रोड आकर रहने लगे. इस पर अदालत ने माना की नाबालिग की सहमति कानून में कोई महत्व नहीं रखती है.

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