जयपुर. पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-3 महानगर द्वितीय ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त राहुल सिंह शेखावत को 20 साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 1 लाख 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि भले ही पीड़िता और उसके परिजन पक्षद्रोही हो गए हों, लेकिन मेडिकल साक्ष्य से साबित है कि पीड़िता के साथ अभियुक्त ने दुष्कर्म किया है. इसके अलावा नाबालिग की सहमति भी कानून में कोई महत्व नहीं रखती है. अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक ललिता संजीव महरवाल ने अदालत को बताया कि 28 अप्रैल, 2020 को पीड़िता के पिता ने करणी विहार थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी.
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रिपोर्ट में कहा गया था कि दो दिन पहले दोपहर के समय अभियुक्त उसके घर आया था और पीड़िता को छत पर बने बाथरूम में ले गया. यहां अभियुक्त ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया. मेडिकल जांच और डीएनए रिपोर्ट में आया कि अभियुक्त ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया था. वहीं ट्रायल के दौरान पीड़िता और उसके परिजन बयानों से मुकर गए. इस पर अदालत ने उन्हें पक्षद्रोही घोषित करते हुए अभियुक्त को सजा सुनाई.
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ऐसा ही एक मामले में धौलपुर पॉक्सो कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी को सजा सुनाई है. धौलपुर की पॉक्सो कोर्ट ने साल 2020 में 16 साल की नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में फैसला देते हुए डीएनए रिपोर्ट को आधार बनाया. दोषी को 10 साल के कठोर कारावास की सजा दी गई है. इस मामले में भी पीड़िता ट्रायल के दौरान अपने बयानों से पलट गई थी.