जयपुर/बांसवाड़ा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मानगढ़ धाम दौरे से आदिवासियों को एक बार फिर बड़ी मायूसी हाथ (PM Modi in Rajasthan Mangarh Dham) लगी है. उम्मीद की जा रही थी कि पीएम मोदी मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करेंगे, लेकिन पीएम क्षेत्र के विकास के लिए चार राज्यों के संयुक्त काम करने की बात कह कर रह गए. मोदी ने सीएम अशोक गहलोत की तारीफ तो की, लेकिन उनकी उठाई गई मांगों को नजरअंदाज कर गए.
राष्ट्रीय स्मारक की मांग को टाल गए : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मानगढ़ दौरे से ये उम्मीद की जा रही थी कि इस बार पीएम ऐतिहासिक मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. प्रधानमंत्री लगभग दस साल बाद मानगढ़ धाम पहुंचे. यहां उन्होंने 1500 आदिवासियों की शहीद स्थली को नमन कर आदिवासियों के बलिदान और संघर्ष को याद किया. मोदी ने कहा कि 1857 के स्वतंत्रता संग्राम से पहले आदिवासी समाज का आजादी में योगदान रहा है. हम आदिवासी समाज के योगदानों के ऋणी हैं.
चार राज्यों के सहयोग से होगा मानगढ़ का विकास : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि खुशी की बात है कि आज एक बार फिर मानगढ़ की इस पवित्र धरती पर आकर सिर झुकाने का अवसर मिला है. प्रधानमंत्री ने कहा कि मानगढ़ धाम के विकास की इच्छा सब में है. इसके लिए गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र को मिलकर काम करने की आवश्यकता है. मोदी ने कहा कि चार राज्यों के सरकार से आग्रह है कि इस दिशा में विस्तृत चर्चा करें और एक रोडमैप तैयार करें, ताकि गुरु गोविंद का यह स्थल पूरे विश्व में अपनी पहचान बनाए.
मोदी ने कहा कि मुझे विश्वास है कि मानगढ़ धाम का विकास नई पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक (PM Modi in Rajasthan Praised CM gehlot) होगा. भारत सरकार विश्वास दिलाती है कि जितनी जल्दी, जितना ज्यादा क्षेत्र निर्धारित करेंगे इसका और अधिक विकास कर सकते हैं. फिर इसको भले ही राष्ट्रीय स्मारक या कोई और नाम दे देंगे. भारत सरकार के नेतृत्व में मानगढ़ धाम का विकास होगा.
गहलोत की तारीफ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मानगढ़ धाम सभा में सीएम गहलोत की तारीफ की. मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री के नाते अशोक गहलोत और मैंने साथ-साथ काम किया है. उन्होंने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री की जमात में अशोक गहलोत सबसे सीनियर मुख्यमंत्रियों में रहे हैं. अभी भी जो मंच पर बैठे हैं, उनमें भी गहलोत सीनियर मुख्यमंत्री में से एक हैं. उनका यहां आना, इस कार्यक्रम में उपस्थित रहना अच्छी बात है. हालांकि, पीएम मोदी ने सीएम गहलोत की एक भी डिमांड को पूरा नहीं किया. गहलोत ने मंच से पीएम मोदी से मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की मांग की थी. इसके साथ ही गहलोत ने पीएम मोदी से राजस्थान की चिरंजीवी योजना को एग्जामिन कराने, पूरे देश में लागू करने और बांसवाड़ा को रेल मार्ग से जोड़ने की मांग की. लेकिन पीएम मोदी ने इन तीनों मांगों पर कोई जवाब नहीं दिया.
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मोदी-गहलोत मंच पर चर्चा : वैसे तो ऐसा बहुत कम होता है कि केंद्र और राज्य में सरकार अलग-अलग (PM Modi Statement on Mangarh Dham) हो और दोनों ही सरकार के मुखिया एक मंच पर हों, लेकिन इस कार्यक्रम में पीएम मोदी और सीएम गहलोत एक मंच पर दिखे. मंच पर दोनों चर्चा करते दिखे.
गहलोत लिख चुके पत्र : बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार को पीएम के दौरे पर आने से पहले ही पत्र लिख कर मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की मांग की थी. गहलोत ने कहा था कि मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया जाए तो यहां आदिवासी क्षेत्र का और अधिक विकास हो सकेगा. इस मानगढ़ धाम की ख्याति और इसका महत्व देश विदेश तक पहुंच सकेगा.
गुरु गोविंद को दी श्रद्धांजलि : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार सुबह करीब 10:30 बजे मानगढ़ धाम (Demand to declare Mangarh as national monument) पहुंचने के बाद तमाम सहित और गुरु गोविंद को श्रद्धांजलि दी. इसके बाद सभा को करीब 19 मिनट तक संबोधित किया. मंच से सबसे पहले केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने संबोधन किया. इसके बाद शिवगंगा संस्थान के महेश शर्मा, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गुजरात के सीएम भूपेंद्र भाई पटेल और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंच से संबोधित किया. आखिर में पीएम मोदी ने पूरे आदिवासी समाज को संबोधित किया.
1857 पहले आदिवासियों ने देश की आजादी के लिए बिगुल फूंका : मोदी ने अपने अभिभाषण में कहा कि मानगढ़ धाम पर 17 नवंबर 1913 को अंग्रेजों ने निहत्थे भीलों पर गोलियां चलाई. यह अंग्रेजी हुकूमत का क्रूरतम पराकाष्ठा थी. 1500 लोगों की हत्या का महापाप उन्होंने किया. उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के तहत वे आज मानगढ़ धाम की पहाड़ी पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने आए हैं. उन्होंने कहा कि 30 अक्टूबर को गोविंद गुरु महाराज की पुण्यतिथि मनाई जाती है, ऐसे में वह श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. उन्होंने कहा जो हत्याकांड हुआ उसमें कई परिवारों ने अपनों को खोया था. इस घटना के बाद गोविंद गुरु को गिरफ्तार कर लिया गया. पहले उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई और बाद में उसे आजीवन कारावास में बदल दिया गया. गोविंद गुरु ने अपने जीवन का अंतिम समय मानगढ़ धाम पहाड़ी के गुजरात के हिस्से में पड़ने वाले क्षेत्र में गुजारा था.
गोविंद गुरु ने परिवार खोया था पर हौसला नहीं : मंच से मोदी ने आदिवासी परिवारों को हौसला बढ़ाते हुए कहा कि आजादी के संघर्ष में गोविंद गुरु ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ लड़ाई तो लड़ी ही, साथ में अपने समाज को उत्थान पर ले जाने का काम भी किया. संघर्ष के दिनों में गोविंद गुरु ने अपना परिवार खो दिया पर उन्होंने हौसला नहीं खोया. मोदी ने अपने अभिभाषण में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तारीफ की और कहा कि जब वे मुख्यमंत्री थे तब भी गहलोत सबसे सीनियर मुख्यमंत्री माने जाते थे और आज भी गहलोत सीनियर मुख्यमंत्री हैं.