जयपुर. राज्यपाल कल्याण सिंह की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन में बयानबाजी करना भारी पड़ गया. उनके खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट में पद की गरिमा को ठेस पहुंचाने की याचिका दायर हुई है. अधिवक्ता पूनम चंद भंडारी की ओर से याचिका दायर की गई है.
राज्यपाल कल्याण सिंह को पद से हटाने की गुहार करते हुए दायर याचिका पर अदालत आगामी सप्ताह में सुनवाई कर सकती है. याचिका में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 155 के तहत दिसंबर 2014 में कल्याण सिंह को प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया था. राज्यपाल का पद किसी पार्टी विशेष का नहीं होता है, उन्हें सभी को समान दृष्टि से देखना होता है, इसके बावजूद कल्याण सिंह ने अलीगढ़ दौरे के दौरान गत 23 मार्च को बयान जारी कर स्वयं को बीजेपी का कार्यकर्ता बताया था.
याचिका में कहा गया कि राज्यपाल ने नरेंद्र मोदी को एक बार फिर प्रधानमंत्री बनाने की इच्छा जताई हैं. याचिकाकर्ता ने इस संबंध में राष्ट्रपति को पत्र लिखकर कार्रवाई की गुहार की थी. वहीं चुनाव आयोग भी इस मामले में राष्ट्रपति को कल्याण सिंह के खिलाफ रिपोर्ट पेश कर चुका है.
याचिका में कहा गया है कि कल्याण सिंह ने बयानबाजी कर न केवल राज्यपाल पद की गरिमा को गिराया, बल्कि ली गई पद की शपथ के विरुद्ध भी काम किया है.