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Rajasthan High Court: छात्रसंघ चुनाव रोकने के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट में फिर याचिका दायर

राजस्थान में छात्रसंघ चुनाव नहीं कराने के फैसले को हाईकोर्ट में एक बार फिर से चुनौती दी गई है. हाईकोर्ट की खंडपीठ अगले सप्ताह सुनवाई करेगी.

Petition filed again in Rajasthan High,  Petition filed in Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट में फिर याचिका दायर.
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 25, 2023, 9:16 PM IST

जयपुर. राज्य सरकार की ओर से मौजूदा 2023-24 के शैक्षणिक सत्र में प्रदेश के विश्वविद्यालय और कॉलेजों में छात्रसंघ के चुनाव नहीं कराए जाने के फैसले को हाईकोर्ट में एक बार फिर से चुनौती दी गई है. राजस्थान विवि के छात्र जय राव ने यह याचिका दायर की है. जिसपर हाईकोर्ट की खंडपीठ अगले सप्ताह सुनवाई करेगी. पूर्व में हाईकोर्ट की खंडपीठ मामले में अधिवक्ता शांतनु पारीक की ओर से दायर जनहित याचिका को वापस लेने के आधार पर खारिज कर चुका है.

याचिका में कहा है कि याचिकाकर्ता को छात्र प्रतिनिधि चुनने का मौलिक अधिकार है और राज्य सरकार की ओर से छात्रसंघ चुनाव नहीं कराए जाकर इस अधिकार का हनन किया जा रहा है. हाईकोर्ट की तीन जजों की खंडपीठ ने भी एक मामले में यह तय किया था कि राजस्थान में छात्र संघ चुनाव पर रोक नहीं लगाई जा सकती. वहीं लिंगदोह समिति की रिपोर्ट खुद कहती है कि छात्र संघ चुनाव हर साल होने चाहिए.

पढ़ेंः छात्रसंघ चुनाव पर रोक लगाने से कांग्रेस के रिपीटेशन की बात खत्म, बीजेपी का चेहरा भी आया सामने : सांसद हनुमान बेनीवाल

छात्र संघ चुनाव के जरिए छात्रों को उनका प्रतिनिधि चुनने का मौलिक अधिकार है. यह अधिकार उन्हें संविधान से मिला है. सुप्रीम कोर्ट ने भी केरल राज्य बनाम काउंसिल प्रिंसिपल कॉलेज के मामले में इसे मौलिक अधिकार का दर्जा दिया था. राज्य सरकार की ओर से केवल एक परिपत्र से ही तर्कहीन व असंवैधानिक कारणों से छात्रसंघ चुनावों को नहीं कराने का निर्णय लिया है, जो गलत है. इसलिए राज्य सरकार के चुनाव नहीं करवाने वाले परिपत्र को रद्द कर छात्रसंघ चुनाव करवाए जाएं.

जयपुर. राज्य सरकार की ओर से मौजूदा 2023-24 के शैक्षणिक सत्र में प्रदेश के विश्वविद्यालय और कॉलेजों में छात्रसंघ के चुनाव नहीं कराए जाने के फैसले को हाईकोर्ट में एक बार फिर से चुनौती दी गई है. राजस्थान विवि के छात्र जय राव ने यह याचिका दायर की है. जिसपर हाईकोर्ट की खंडपीठ अगले सप्ताह सुनवाई करेगी. पूर्व में हाईकोर्ट की खंडपीठ मामले में अधिवक्ता शांतनु पारीक की ओर से दायर जनहित याचिका को वापस लेने के आधार पर खारिज कर चुका है.

याचिका में कहा है कि याचिकाकर्ता को छात्र प्रतिनिधि चुनने का मौलिक अधिकार है और राज्य सरकार की ओर से छात्रसंघ चुनाव नहीं कराए जाकर इस अधिकार का हनन किया जा रहा है. हाईकोर्ट की तीन जजों की खंडपीठ ने भी एक मामले में यह तय किया था कि राजस्थान में छात्र संघ चुनाव पर रोक नहीं लगाई जा सकती. वहीं लिंगदोह समिति की रिपोर्ट खुद कहती है कि छात्र संघ चुनाव हर साल होने चाहिए.

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छात्र संघ चुनाव के जरिए छात्रों को उनका प्रतिनिधि चुनने का मौलिक अधिकार है. यह अधिकार उन्हें संविधान से मिला है. सुप्रीम कोर्ट ने भी केरल राज्य बनाम काउंसिल प्रिंसिपल कॉलेज के मामले में इसे मौलिक अधिकार का दर्जा दिया था. राज्य सरकार की ओर से केवल एक परिपत्र से ही तर्कहीन व असंवैधानिक कारणों से छात्रसंघ चुनावों को नहीं कराने का निर्णय लिया है, जो गलत है. इसलिए राज्य सरकार के चुनाव नहीं करवाने वाले परिपत्र को रद्द कर छात्रसंघ चुनाव करवाए जाएं.

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