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PHED के बाबूओं की सरकार को चेतावनी, मांगे नहीं माने जाने तक जारी रहेगी कलमबंद हड़ताल

जयपुर में पीएचईडी विभाग के मंत्रलायिक कर्मचारियों ने बुधवार से हड़लात शुरू कर दी है. दरअसल, पीएचईडी विभाग के मंत्रलायिक कर्मचारी अपनी सात मांगों को लेकर कलमबंद हड़ताल पर हैं. उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाएगी यह हड़ताल जारी रहेगी.

जयपुर की खबर, PHED Department
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Published : Sep 25, 2019, 6:04 PM IST

जयपुर. प्रदेश भर के पीएचईडी विभाग के मंत्रलायिक कर्मचारियों ने बुधवार से कलमबंद हड़ताल शुरू कर दी है. अपनी सात सूत्रीय मांगों को लेकर पीएचईडी विभाग के सभी बाबू कलमबंद हड़ताल कर रहे है. इन बाबूओं ने सरकार को चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाती, तब तक उनकी कलमबंद हड़ताल जारी रहेगी.

राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ की शाखा पीएचईडी के अध्यक्ष विजय सिंह राजावत ने कहा कि पिछले 4 साल में हमनें भाजपा और कांग्रेस सरकार को कई बार ज्ञापन दिए. लेकिन हठधर्मिता के चलते उनकी वाजिब मांगें नहीं मानी जा रही है.

पढ़ें- हनुमान बेनीवाल ने चुनाव आयोग और डिप्टी CM को लिखा पत्र

उन्होंने कहा कि इन दिनों में मंत्री, शासन, सचिव और उच्च अधिकारियों को भी कई बार ज्ञापन दिया. लेकिन उनकी मांग नहीं मानी गई. इसी के चलते उन्होंने हड़ताल का निर्णय किया है. विजय सिंह राजावत ने साफ किया है कि कोई सांकेतिक हड़ताल नहीं है. जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाती तब तक वे पेन डाउन हड़ताल जारी रखेंगे.

जयपुर स्थित हेड ऑफिस जल भवन पर जयपुर के पीएचईडी विभाग के मंत्रलायिक कर्मचारी जमा हुए और उन्होंने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. हड़ताल के चलते पीएचईडी विभाग के दफ्तर भी सूने नजर आए. दफ्तरों में कोई भी काम नहीं हुआ. आम जनता को भी परेशानी का सामना करना पड़ा.

पढ़ें- डिजिटल इंडिया में आर्थिक स्तर पर निर्णायक स्थिति से कोसों दूर हैं शिक्षित महिलाएं

ये काम हुए प्रभावित

पीएचईडी विभाग के बाबूओं के पेन डाउन हड़ताल पर रहने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा. बाबूओं के पेन डाउन हड़ताल पर रहने से बिल नहीं बने, बिल जमा भी नहीं हुए, पानी के कनेक्शन में भी दिक्कत हुई. अन्य संस्थापन कार्य भी प्रभावित हुए.

पीएचईडी के बाबूओं की सरकार को चेतावनी

पीएचईडी विभाग के बाबूओं की ये है सात मांगे

मंत्रलायिक कर्मचारियों ने 7 सूत्रीय मांगों के लिए उच्च अधिकारियों को ज्ञापन दिया है, उनकी 7 सूत्री मांगे निम्न है-

1. मंत्रलायिक कर्मचारियों का स्थानांतरण, नियुक्ति अधिकारी को प्रदत्त शक्तियों के अनुसार मुख्य अभियंता ( प्रशासन) के स्तर पर ही करवाया जाए.

2. कनिष्ठ सहायक और वरिष्ठ सहायक के पदों के पुनर्गठन के फलस्वरूप किए जाने वाले मंत्रालयिक कर्मचारियों के समायोजन में यह ध्यान रखा जाए कि किसी भी कर्मचारी को जिले से बाहर या दूर नहीं किया जाए.

3. विभागीय मंत्रालयिक संवर्ग की लंबित वरिष्ठता सूची 1 अप्रैल 2019 तक की स्थिति में जारी कर पदोन्नति अतिशीघ्र की जाए साथ ही वरिष्ठ सहायक से सहायक प्रशासनिक अधिकारी पद के लिए पूर्व में संपन्न हुई पदोन्नति प्रक्रिया के फल स्वरुप पदस्थापन की कार्रवाई जो लंबे समय से अपेक्षित है अभिलंब करवाई जाए.

4. राजस्थान के विभिन्न विभागों में से मात्र जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग में ही हठधर्मिता से वेतन वसूली के नाम पर 9, 18 और 27 वर्षीय सेवा पर एसीपी / चयनित वेतनमान के प्रकरण दीर्घ अवधि से लंबित चल रहे हैं इनका जल्द निस्तारण करवाया जाए.

5. विभाग में अधिकारियों के अनुपात में मंत्रालयिक संवर्ग के पद अत्यंत कम संख्या में सृजित है. जिससे विभाग में मंत्रालयिक संवर्ग के कार्य में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हो रही है. अतः मंत्रालयिक संवर्ग के 1240 नवीन पदों की पत्रावली जो कि प्रशासनिक विभाग में लंबे समय से विचाराधीन है उसका तत्काल प्रभाव से निराकरण करवाया जाए.

6. विभाग में 2 वर्ष का परीक्षा प्रशिक्षण अवधि पूर्ण कर चुके मंत्रालय कर्मचारियों की वेतन नियमन की कार्य में भी कुछ अधिकारियों द्वारा द्वेषता पूर्ण अड़चन की जा रही है. उन प्रकरणों को अविलंब स्वीकृत करवाया जाए.

7. मृतक आश्रित कार्मिकों की अनुकंपा नियुक्ति एवं टंकण में शिथिलता सहित अन्य प्रकरण भी शीघ्र निष्पादित करवाया जाए.

जयपुर. प्रदेश भर के पीएचईडी विभाग के मंत्रलायिक कर्मचारियों ने बुधवार से कलमबंद हड़ताल शुरू कर दी है. अपनी सात सूत्रीय मांगों को लेकर पीएचईडी विभाग के सभी बाबू कलमबंद हड़ताल कर रहे है. इन बाबूओं ने सरकार को चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाती, तब तक उनकी कलमबंद हड़ताल जारी रहेगी.

राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ की शाखा पीएचईडी के अध्यक्ष विजय सिंह राजावत ने कहा कि पिछले 4 साल में हमनें भाजपा और कांग्रेस सरकार को कई बार ज्ञापन दिए. लेकिन हठधर्मिता के चलते उनकी वाजिब मांगें नहीं मानी जा रही है.

पढ़ें- हनुमान बेनीवाल ने चुनाव आयोग और डिप्टी CM को लिखा पत्र

उन्होंने कहा कि इन दिनों में मंत्री, शासन, सचिव और उच्च अधिकारियों को भी कई बार ज्ञापन दिया. लेकिन उनकी मांग नहीं मानी गई. इसी के चलते उन्होंने हड़ताल का निर्णय किया है. विजय सिंह राजावत ने साफ किया है कि कोई सांकेतिक हड़ताल नहीं है. जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाती तब तक वे पेन डाउन हड़ताल जारी रखेंगे.

जयपुर स्थित हेड ऑफिस जल भवन पर जयपुर के पीएचईडी विभाग के मंत्रलायिक कर्मचारी जमा हुए और उन्होंने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. हड़ताल के चलते पीएचईडी विभाग के दफ्तर भी सूने नजर आए. दफ्तरों में कोई भी काम नहीं हुआ. आम जनता को भी परेशानी का सामना करना पड़ा.

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ये काम हुए प्रभावित

पीएचईडी विभाग के बाबूओं के पेन डाउन हड़ताल पर रहने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा. बाबूओं के पेन डाउन हड़ताल पर रहने से बिल नहीं बने, बिल जमा भी नहीं हुए, पानी के कनेक्शन में भी दिक्कत हुई. अन्य संस्थापन कार्य भी प्रभावित हुए.

पीएचईडी के बाबूओं की सरकार को चेतावनी

पीएचईडी विभाग के बाबूओं की ये है सात मांगे

मंत्रलायिक कर्मचारियों ने 7 सूत्रीय मांगों के लिए उच्च अधिकारियों को ज्ञापन दिया है, उनकी 7 सूत्री मांगे निम्न है-

1. मंत्रलायिक कर्मचारियों का स्थानांतरण, नियुक्ति अधिकारी को प्रदत्त शक्तियों के अनुसार मुख्य अभियंता ( प्रशासन) के स्तर पर ही करवाया जाए.

2. कनिष्ठ सहायक और वरिष्ठ सहायक के पदों के पुनर्गठन के फलस्वरूप किए जाने वाले मंत्रालयिक कर्मचारियों के समायोजन में यह ध्यान रखा जाए कि किसी भी कर्मचारी को जिले से बाहर या दूर नहीं किया जाए.

3. विभागीय मंत्रालयिक संवर्ग की लंबित वरिष्ठता सूची 1 अप्रैल 2019 तक की स्थिति में जारी कर पदोन्नति अतिशीघ्र की जाए साथ ही वरिष्ठ सहायक से सहायक प्रशासनिक अधिकारी पद के लिए पूर्व में संपन्न हुई पदोन्नति प्रक्रिया के फल स्वरुप पदस्थापन की कार्रवाई जो लंबे समय से अपेक्षित है अभिलंब करवाई जाए.

4. राजस्थान के विभिन्न विभागों में से मात्र जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग में ही हठधर्मिता से वेतन वसूली के नाम पर 9, 18 और 27 वर्षीय सेवा पर एसीपी / चयनित वेतनमान के प्रकरण दीर्घ अवधि से लंबित चल रहे हैं इनका जल्द निस्तारण करवाया जाए.

5. विभाग में अधिकारियों के अनुपात में मंत्रालयिक संवर्ग के पद अत्यंत कम संख्या में सृजित है. जिससे विभाग में मंत्रालयिक संवर्ग के कार्य में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हो रही है. अतः मंत्रालयिक संवर्ग के 1240 नवीन पदों की पत्रावली जो कि प्रशासनिक विभाग में लंबे समय से विचाराधीन है उसका तत्काल प्रभाव से निराकरण करवाया जाए.

6. विभाग में 2 वर्ष का परीक्षा प्रशिक्षण अवधि पूर्ण कर चुके मंत्रालय कर्मचारियों की वेतन नियमन की कार्य में भी कुछ अधिकारियों द्वारा द्वेषता पूर्ण अड़चन की जा रही है. उन प्रकरणों को अविलंब स्वीकृत करवाया जाए.

7. मृतक आश्रित कार्मिकों की अनुकंपा नियुक्ति एवं टंकण में शिथिलता सहित अन्य प्रकरण भी शीघ्र निष्पादित करवाया जाए.

Intro:जयपुर। प्रदेश भर के पीएचईडी विभाग के मंत्रलायिक कर्मचारियों ने बुधवार से कलमबंद हड़ताल शुरू कर दी। अपनी सात सूत्रीय मांगों को लेकर पीएचईडी विभाग के सभी बाबू कलमबंद हड़ताल कर रहे है। इन बाबूओ ने सरकार को चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाती, तब तक उनकी कलमबंद हड़ताल जारी रहेगी।


Body:राजस्थान राज्य मंत्राललयिक कर्मचारी महासंघ की शाखा पीएचईडी के अध्यक्ष विजय सिंह राजावत ने कहा कि पिछले 4 साल में हमने भाजपा और कांग्रेस सरकार को कई बार ज्ञापन दिए लेकिन हठधर्मिता के चलते उनकी वाजिब मांगें नहीं मानी जा रही है उन्होंने कहा कि इन दिनों में मंत्री, शासन सचिव और उच्च अधिकारियों को भी कई बार ज्ञापन दिया लेकिन उनकी मांग नहीं मानी गई। इसी के चलते उन्होंने हड़ताल का निर्णय किया है विजय सिंह राजावत ने साफ किया कि है कोई साकेतिक हड़ताल नहीं है जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाती तब तक वे पेन डाउन हड़ताल जारी रखेंगे।
जयपुर स्थित हेड ऑफिस जल भवन पर जयपुर के पीएचईडी विभाग के मंत्रलायिक कर्मचारी जमा हुए और उन्होंने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। हड़ताल के चलते पीएचईडी विभाग के दफ्तर भी सूने नजर आए। दफ्तरों में कोई भी काम नहीं हुआ। आम जनता को भी परेशानी का सामना करना पड़ा।

ये काम हुए प्रभावित-
पीएचईडी विभाग के बाबूओ के पेन डाउन हड़ताल पर रहने से लोगो को परेशानी का सामना करना पड़ा। बाबूओ के पेन डाउन हड़ताल पर रहने से बिल नही बने, बिल जमा भी नही हुए, पानी के कनेक्शन में भी दिक्कत हुई। अन्य संस्थापन कार्य भी प्रभावित हुए।


Conclusion:पीएचईडी विभाग के बाबूओं की ये है सात मांगे-
मंत्रलायिक कर्मचारियों ने 7 सूत्रीय मांगों के लिए उच्च अधिकारियों को ज्ञापन दिया है, उनकी 7 सूत्री मांगे निम्न है-
1. मंत्रलायिक कर्मचारियों का स्थानांतरण, नियुक्ति अधिकारी को प्रदत्त शक्तियों के अनुसार मुख्य अभियंता ( प्रशासन) के स्तर पर ही करवाया जाए।
2. कनिष्ठ सहायक तथा वरिष्ठ सहायक के पदों के पुनर्गठन के फलस्वरूप किए जाने वाले मंत्रालयिक कर्मचारियों के समायोजन में यह ध्यान रखा जाए कि किसी भी कर्मचारी को जिले से बाहर या दूर नहीं किया जाए।
3. विभागीय मंत्रालयिक संवर्ग की लंबित वरिष्ठता सूची 1 अप्रैल 2019 तक की स्थिति में जारी कर पदोन्नति अतिशीघ्र की जाए साथ ही वरिष्ठ सहायक से सहायक प्रशासनिक अधिकारी पद के लिए पूर्व में संपन्न हुई पदोन्नति प्रक्रिया के फल स्वरुप पदस्थापन की कार्रवाई जो लंबे समय से अपेक्षित है अभिलंब करवाई जाए।
4. राजस्थान के विभिन्न विभागों में से मात्र जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग में ही हठधर्मिता से वेतन वसूली के नाम पर 9, 18 तथा 27 वर्षीय सेवा पर एसीपी / चयनित वेतनमान के प्रकरण दीर्घ अवधि से लंबित चल रहे हैं इनका जल्द निस्तारण करवाया जाए।
5. विभाग में अधिकारियों के अनुपात में मंत्रालयिक संवर्ग के पद अत्यंत कम संख्या में सृजित है जिससे विभाग में मंत्रालयिक संवर्ग के कार्य में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हो रही है अतः मंत्रालयिक संवर्ग के 1240 नवीन पदों की पत्रावली जो कि प्रशासनिक विभाग में लंबे समय से विचाराधीन है उसका तत्काल प्रभाव से निराकरण करवाया जाए।
6. विभाग में 2 वर्ष का परीक्षा प्रशिक्षण अवधि पूर्ण कर चुके मंत्रालय कर्मचारियों की वेतन नियमन की कार्य में भी कुछ अधिकारियों द्वारा द्वेषता पूर्ण अड़चन की जा रही है। उन प्रकरणों को अविलंब स्वीकृत करवाया जाए।
7. मृतक आश्रित कार्मिकों की अनुकंपा नियुक्ति एवं टंकण में शिथिलता सहित अन्य प्रकरण भी शीघ्र निष्पादित करवाया जाए।

बाईट 1. विजय सिंह राजावत, अध्यक्ष पीएचईडी शाखा राजस्थान राज्य मंत्रलायिक कर्मचारी महासंघ
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