जयपुर. 26 दिसम्बर को नौगांव में आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम में करीब 400 से ज्यादा लोग अन्नकूट प्रसादी खाने (Outbreak of diarrhea in Gangapur City) के बाद डायरिया के शिकार हो गए थे, जिसके चलते अस्पताल बीमारों की लंबी लाइन लग गई थी. जिनमें अधिकतर बच्चे शामिल थे. जनस्वास्थ्य निदेशक डॉक्टर केएल मीणा ने बताया कि नौगांव में प्रसादी का कार्यक्रम रखा गया था. प्रसादी लेने के बाद बड़ी संख्या में लोगों की तबियत बिगड़ गई थी. अभी भी डॉक्टर्स की अलग-अलग तीन टीमें गांव में कैम्प लगाकर लोगों का इलाज कर रही है.
400 से ज्यादा लोग प्रसाद खाने से बीमार: डॉक्टर केएल मीणा ने कहा कि 400 से ज्यादा लोग इसमें प्रभावित हुए थे. जिसमें बड़ी संख्या में बच्चे भी शामिल हैं. उन्होंने बताया कि अभी भी 82 लोगों का इलाज जारी है. इन सभी के अन्नकूट खाने के बाद उल्टी दस्त की शिकायत हुईं.
ये भी पढ़ें: ओडिशा के गांव में डायरिया फैलने से 100 से ज्यादा लोग बीमार
सभी पीड़ित खतरे से बाहर: उन्होंने बताया कि सभी पीड़ित खतरे से बाहर है और चिकित्सकों की ओर से बीमारों का इलाज किया जा रहा है. फिलहाल, लोकल हेल्थ टीम के अलावा स्वास्थ्य विभाग ने एक एपिडेमिक लिस्ट के नेतृत्व में तीन डॉक्टर्स की टीम को गंगापुर सिटी (Health Department Surveillance Team Gangapur City) भेजा है. ये टीम आउट ब्रेक की जांच कर डिटेल रिपोर्ट बनाकर स्वास्थ्य विभाग को सौपेंगी.
अन्नकूट प्रसादी का क्या है पूरा मामला जानिए: बता दें कि नौगांव में हुए एक धार्मिक आयोजन में अन्नकूट प्रसादी (Annakoot Prasadi in religious event in Naugaon) के 6 घंटे बाद अचानक प्रसादी ग्रहण करने वाले लोगों की तबियत बिगड़ना शुरू हो गई थी. शुरुआत में तकरीबन 87 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इस दौरान कुछ लोगों को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया था. हालांकि, अभी भी पीड़ित सामने आ रहे हैं.