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संयमित होकर किटनाशक का प्रयोग करें, इससे बीमारियां बढ़ती हैंः कृषि मंत्री लालचंद कटारिया

जयपुर में पीड़कनाशियों का सुरक्षित और विवेकपूर्ण उपयोग के लिए अखिल भारतीय पीड़कनाशी अवशेष नेटवर्क परियोजना की ओर से प्रशिक्षण का आयोजन दुर्गापुरा स्थित कृषि अनुसंधान संस्थान में शनिवार को किया गया. इस प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्घाटन कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने किया.

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Published : Dec 7, 2019, 10:15 PM IST

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पीड़कनाशियों का सुरक्षित उपयोग के लिए प्रशिक्षण

जयपुर. अखिल भारतीय पीड़कनाशी अवशेष नेटवर्क परियोजना की ओर से पीड़कनाशियों का सुरक्षित और विवेकपूर्ण उपयोग के लिए प्रशिक्षण का आयोजन दुर्गापुरा स्थित कृषि अनुसंधान संस्थान में शनिवार को किया गया. इस प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्घाटन कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने किया.

पीड़कनाशियों का सुरक्षित और विवेकपूर्ण उपयोग के लिए प्रशिक्षण का आयोजन

प्रशिक्षण कार्यशाला को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री कटारिया ने कहा कि हमें अपनी जड़ों की ओर लौटना होगा. तकनीक का अधिक उपयोग सही नहीं है. साथ ही कटारिया ने कहा कि हमें संयमित होकर कीटनाशकों का उपयोग करना चाहिए. इसे बढ़ाने के चक्कर में हम बीमारियों को न्यौता देंगे.

कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि जैविक खेती के बारे में हम लोग सब जानते हैं. आज जिस तरह की खेती हो रही है, उसमें कीटनाशी का अधिक उपयोग किया जा रहा है और उसके कारण बीमारियां भी फैल रही है. कैंसर जैसी बीमारियां हर तीसरे चौथे व्यक्ति को हो रही है. हर तरह की बीमारियों से लोग ग्रसित हैं इसलिए जैविक खेती में हमे आगे आना ही पड़ेगा.

पढ़ेंः रोडवेज यूनियन ने बसों की मरम्मत और रखरखाव को लेकर उठाए सवाल, परिवहन मंत्री को दिया ज्ञापन

कृषि मंत्री ने बताया कि पुरानी परंपरागत जैविक खेती के तरीकों को हमें अपनाना ही पड़ेगा. जैविक रसायन में जो नए-नए नवाचार हो रहे है उसके लिए किसानों को जागरूक किया जाएगा. साथ ही उन्होने कहा कि फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए कीटनाशक का उपयोग किया गया लेकिन आज यहीं कीटनाशक बीमारियों को बढ़ा रहा है. कीटनाशी से उत्पादन तो बढ़ा है साथ ही जमीन भी जहरीली हो गई है. किसानों को कीटनाशक के स्थान पर जैविक खेती के लिए जागरूक करने का काम करना पड़ेगा.

कृषि मंत्री ने इस बात से इनकार किया कि जैविक खेती अपनाने से उत्पादन कम होता है, उन्होंने कहा जैविक खेती में नए-नए नवाचार हो रहे हैं. जिससे उतना ही उत्पादन होता है जितना किसी अन्य खेती पद्धति से होता है. यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि लोगों को जैविक खेती के लिए जागरूक किया जाए.

जयपुर. अखिल भारतीय पीड़कनाशी अवशेष नेटवर्क परियोजना की ओर से पीड़कनाशियों का सुरक्षित और विवेकपूर्ण उपयोग के लिए प्रशिक्षण का आयोजन दुर्गापुरा स्थित कृषि अनुसंधान संस्थान में शनिवार को किया गया. इस प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्घाटन कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने किया.

पीड़कनाशियों का सुरक्षित और विवेकपूर्ण उपयोग के लिए प्रशिक्षण का आयोजन

प्रशिक्षण कार्यशाला को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री कटारिया ने कहा कि हमें अपनी जड़ों की ओर लौटना होगा. तकनीक का अधिक उपयोग सही नहीं है. साथ ही कटारिया ने कहा कि हमें संयमित होकर कीटनाशकों का उपयोग करना चाहिए. इसे बढ़ाने के चक्कर में हम बीमारियों को न्यौता देंगे.

कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि जैविक खेती के बारे में हम लोग सब जानते हैं. आज जिस तरह की खेती हो रही है, उसमें कीटनाशी का अधिक उपयोग किया जा रहा है और उसके कारण बीमारियां भी फैल रही है. कैंसर जैसी बीमारियां हर तीसरे चौथे व्यक्ति को हो रही है. हर तरह की बीमारियों से लोग ग्रसित हैं इसलिए जैविक खेती में हमे आगे आना ही पड़ेगा.

पढ़ेंः रोडवेज यूनियन ने बसों की मरम्मत और रखरखाव को लेकर उठाए सवाल, परिवहन मंत्री को दिया ज्ञापन

कृषि मंत्री ने बताया कि पुरानी परंपरागत जैविक खेती के तरीकों को हमें अपनाना ही पड़ेगा. जैविक रसायन में जो नए-नए नवाचार हो रहे है उसके लिए किसानों को जागरूक किया जाएगा. साथ ही उन्होने कहा कि फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए कीटनाशक का उपयोग किया गया लेकिन आज यहीं कीटनाशक बीमारियों को बढ़ा रहा है. कीटनाशी से उत्पादन तो बढ़ा है साथ ही जमीन भी जहरीली हो गई है. किसानों को कीटनाशक के स्थान पर जैविक खेती के लिए जागरूक करने का काम करना पड़ेगा.

कृषि मंत्री ने इस बात से इनकार किया कि जैविक खेती अपनाने से उत्पादन कम होता है, उन्होंने कहा जैविक खेती में नए-नए नवाचार हो रहे हैं. जिससे उतना ही उत्पादन होता है जितना किसी अन्य खेती पद्धति से होता है. यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि लोगों को जैविक खेती के लिए जागरूक किया जाए.

Intro:जयपुर। अखिल भारतीय पीड़कनाशी अवशेष नेटवर्क परियोजना की ओर से पीडकनाशियों का सुरक्षित एवं विवेकपूर्ण उपयोग के लिए प्रशिक्षण का आयोजन दुर्गापुरा स्थित कृषि अनुसंधान संस्थान में शनिवार को किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्घाटन कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने किया।


Body:प्रशिक्षण कार्यशाला को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री कटारिया ने कहा कि हमें अपनी जड़ों की ओर लौटना होगा। तकनीक का अधिक उपयोग सही नहीं है। कटारिया ने कहा कि हमें संयमित होकर कीटनाशकों का उपयोग करना चाहिए। इसे बढ़ाने के चक्कर में हम बीमारियों को न्योता देंगे।
मीडिया से बात करते हुए कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि जैविक खेती के बारे में हम लोग सब जानते हैं आज जिस तरह की खेती हो रही है उसमें कीटनाशी का अधिक उपयोग किया जा रहा है और उसके कारण बीमारियां भी फैल रही है। कैंसर जैसी बीमारियां हर तीसरे चौथे व्यक्ति को हो रही है। हर तरह की बीमारियों से लोग ग्रसित हैं इसलिए जैविक खेती में हमे आगे आना ही पड़ेगा। पुरानी परंपरागत जैविक खेती के तरीकों को हमे अपनाना ही पड़ेगा। जैविक रसायन में जो नए-नए नवाचार हो रहे हैं उसके लिए किसानों को जागरूक किया जाएगा।
कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए कीटनाशक का उपयोग किया गया लेकिन आज यही कीटनाशक बीमारियों को बढ़ा रहा है। कीटनाशी से उत्पादन तो बढ़ा है साथ ही जमीन भी जहरीली हो गई है। कहीं ना कहीं हम लोगों से गलती हुई है। किसानों को कीटनाशक के स्थान पर जैविक खेती के लिए जागरूक करने का काम करना पड़ेगा। कृषि मंत्री ने इस बात से इनकार किया कि जैविक खेती अपनाने से उत्पादन कम होता है उन्होंने कहा जैविक खेती में नए-नए नवाचार हो रहे हैं जिससे उतना ही उत्पादन होता है जितना किसी अन्य खेती पद्धति से होता है। यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि लोगों को जैविक खेती के लिए जागरूक किया जाए ।

बाईट लालचंद कटारिया, कृषि मंत्री


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