जयपुर. सूडान में आंतरिक संघर्ष के बीच फंसे भारतीयों की घर वापसी का सिलसिला जारी है. लगातार केंद्र सरकार की मदद से ऑपरेशन कावेरी के तहत सूडान से भारतीयों को स्वदेश लाया जा रहा है. इसके तहत सूडान पोर्ट तक इन भारतीय नागरिकों को लाने के बाद, नजदीकी देशों में ले जाया जाता है और फिर वहां से दिल्ली तक भेजा जा रहा है. राजस्थान सरकार भी दिल्ली से राजस्थान तक ऐसे नागरिकों को लाने में मदद कर रही है.
इस बीच चूरू जिले के रतनगढ़ निवासी मुकेश दुलार ने सूडान से जेद्दा पहुंचने के बाद ईटीवी भारत के साथ एक वीडियो साझा किया. अपने इस वीडियो में जय हिंद का नारा बुलंद करते हुए मुकेश ने कहा कि सूडान से कुल 28 लोगों को रेस्क्यू करने के बाद जेद्दा लाया गया था, जहां से मंगलवार को उन लोगों की वतन वापसी होगी. उनके साथ बचाए गए अन्य लोग भारत पहुंच चुके हैं, लेकिन वह और उत्तर प्रदेश के उनके एक दोस्त को मंगलवार को स्वदेश भेजा जा रहा है.
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खुशी जाहिर करते हुए मुकेश ने कहा कि आज मेरा भी नंबर आ गया है. उधर रतनगढ़ में मुकेश के परिजन भी लगातार परेशान दिखे. संपर्क नहीं होने के कारण मुकेश के बड़े भाई बजरंग ने भी ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा था कि वह अपने भाई को लेकर चिंतित हैं. वहीं, मुकेश ने कहा कि वे भारत सरकार और भारतीय दूतावास के साथ-साथ देश की सेना का भी शुक्रिया अदा करना चाहते हैं, जिन्होंने उन्हें बिना किसी तकलीफ के वतन वापसी का मौका दिलाया.
केंद्र सरकार से लगाई थी जान बचाने की गुहार : इससे पहले मुकेश दुलार ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करते हुए केंद्र सरकार और भारतीय दूतावास से जान बचाने की गुहार लगाई थी. उन्होंने बताया था कि वह कैसे एक 5 मंजिला इमारत में कैद रहे और कई दिनों तक उन्हें भूखे वक्त गुजारना पड़ा. पानी पीने के लिए उन्हें नजदीक की एक इमारत तक जान जोखिम में रखकर जाना पड़ रहा था.
लगातार दनदनाती गोलियों की आवाज के बीच उन्हें हर वक्त किसी बुलेट की चपेट में आने का खतरा रहता था. इस वीडियो में मुकेश ने बताया था कि उनके साथ देश के अलग-अलग राज्यों के करीब 27 और लोग भी उसी बिल्डिंग में फंसे हुए थे. इस वीडियो के वायरल होने के बाद सूडान में ऑपरेशन कावेरी को तेज किया गया था और संघर्ष विराम के दौर में मुकेश को बंदरगाह तक लाया गया था. जहां से उन्हें रेस्क्यू किया गया.