जयपुर. प्याज के भाव इन दिनों आसमान पर पहुंच रहे हैं. प्याज के भावों से आई इस तेजी की वजह से घर का बजट भी बिगाड़ रहा है. जयपुर की सब्जी मंडियों में प्याज के भाव अधिक होने के कारण ग्राहकों की कमी से दुकानदारों में मायूसी भी नजर आ रही है. वहीं आमजन इस महंगाई की मार में प्याज के अधिक दामों से परेशान है. राजधानी में प्याज को लेकर बने ऐसे हालतों को लेकर माना जा रहा है कि बाहर से प्याज नहीं आने की वजह से राजधानी में प्याज की किल्लत पढ़ी है.
पिछले 3 सप्ताह से बाजार में प्याज के खुदरा भाव लगातार दोगुना होते जा रहे हैं. जहां मंडी में थोक में प्याज के भाव 40 से लेकर 42 रुपए में रहता है, तो वहीं अब यह बढ़कर 70 रुपये तक हो गया है. आम ग्राहकों को यह प्याज 90 से 100 रुपये किलो में में मिल रही है.
- नासिक और महाराष्ट्र में हुई बारिश:
प्याज की कीमतों में उछाल के चलते सरकारी भी चिंता में है . कीमत को नियंत्रित करने के लिए भी कई कदम उठाए जा रहे हैं. वही दुकानदारों का कहना है कि प्याज की आवक आगे से कम आने के कारण प्याज के दाम में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. इस कारण अधिक बारिश हो जाना है. नासिक और महाराष्ट्र में हुई बारिश की वजह से प्याज की फसल खराब हो गई थी. जिससे प्याज में तेजी आई है.
- कीमतों में और बढ़ोतरी:
वहीं व्यापारियों का कहना है कि अब राजस्थान का प्याज भी बाहर जाने लगा है जिसकी वजह से प्याज की कीमत लगातार बढ़ती जा रही है. आने वाले दिनों में प्याज की कीमतों में और बढ़ोतरी भी देखने को मिल सकती है.
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- प्याज के दामों ने आसमान छू लिया:
लालकोठी सब्जी मंडी के अध्यक्ष हीरालाल सैनी का कहना है कि प्याज के दामों में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है. लेकिन पिछले 1 सप्ताह से प्याज के दामों ने आसमान छू लिया है. हीरालाल सैनी का कहना है कि इस समय केवल अलवर से ही प्याज आ रहा है. ऐसे में प्याज की कीमत लगातार बढ़ती जा रही है. हीरालाल का कहना है कि इस समय नासिक से भारी मात्रा में प्याज राजस्थान में आता था. लेकिन वहां हुई बारिश की वजह से फसल बर्बाद हो गई. और प्याज की कीमतें लगातार बढ़ती चली गई.
- 50 किलो भी रोजाना नहीं बिक रहा:
वहीं राजधानी जयपुर को लेकर बात करते हुए सैनी कहते हैं कि एक दुकानदार रोजाना 200 किलो तक प्याज बेच देता था. तो वहीं अब इसकी इतनी गिरावट आ गई कि प्याज अब 50 किलो भी रोजाना नहीं बिक पा रहा है जिसकी वजह से प्याज की बिक्री में लगातार कमी देखने को मिल रही है.