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सावन की पहली बारिश में जमवारामगढ़ बांध पर आया पानी

श्रावण मास के पहले सोमवार को बरसों से पानी की बूंद बूंद के लिए तरस रहे जमवारामगढ़ बांध पर इंद्रदेव मेहरबान हुए हैं. जमवारामगढ़ क्षेत्र में झमाझम बारिश से रोड़ा नदी में पानी की आवक को देखकर आसपास के लोगों और किसानों के चेहरे खिल उठे हैं.

जमवारामगढ़ बांध, Jamwaramgarh Dam, जयपुर न्यूज, jaipur news
जमवारामगढ़ बांध पर मेहरबान हुए इंद्रदेव
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Published : Jul 6, 2020, 10:02 PM IST

जयपुर. श्रावण मास के पहले सोमवार को बरसों से पानी की बूंद बूंद के लिए तरस रहे जमवारामगढ़ बांध पर इंद्रदेव मेहरबान हुए हैं. जमवारामगढ़ बांध की रोड़ा नदी में सावन मास की पहली बारिश का पानी बहने से लोगों के चेहरे खिल उठे.

जमवारामगढ़ क्षेत्र में झमाझम बारिश से रोड़ा नदी में पानी की आवक को देखकर आसपास के लोगों और किसानों के चेहरे खिल उठे हैं. जमवारामगढ़ बांध में बाणगंगा नदी और रोड़ा नदी का पानी पहुंचता है. लेकिन काफी समय से नदियों के रास्तों में अतिक्रमण होने से बारिश का पानी बांध तक नहीं पहुंच पा रहा. जिसकी वजह से जमवारामगढ़ बांध सूख चुका है. बाणगंगा नदी के रास्तों में तो जगह जगह पर अतिक्रमण होने से बारिश का पानी बांध तक नहीं पहुंच पाता.

जमवारामगढ़ बांध पर मेहरबान हुए इंद्रदेव

पढ़ेंः सोमवार से सावन का महीना शुरू, भक्तों ने सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाकर की भोलेनाथ की आराधना

वहीं दूसरी ओर रोड़ा नदी का पानी अब जमवारामगढ़ बांध तक पहुंचने लगा है. लोगों का मानना है कि बाणगंगा नदी के रास्तों से अतिक्रमण हटा दिया जाए तो जमवारामगढ़ बांध फिर से जीवित हो सकता है. क्योंकि ज्यादा पानी बाणगंगा नदी के रास्ते से ही जमवारामगढ़ बांध तक पहुंचता था. हालांकि हाईकोर्ट के आदेशों के बाद जेडीए प्रशासन की ओर से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई तो की गई, लेकिन कार्रवाई केवल खानापूर्ति ही साबित होकर रह गई.

पढ़ेंः अजमेरः सावन के पहले सोमवार पर जमकर बरसे बदरा...मौसम विभाग ने दी ये चेतावनी

बांध के बहाव क्षेत्र में अभी भी कई जगहों पर फार्म हाउस और रिसोर्ट बने हुए है. भाजपा के जयपुर देहात जिला संयोजक हनुमान परिडवाल ने बताया कि सावन की पहली बारिश से रोड़ा नदी में पानी आया है, जो कि सभी ग्रामीणों के लिए बहुत ही खुशी की बात है. सावन मास में अच्छी बारिश होने की उम्मीद की जा रही है जिससे बांध में भी पानी आ सके. इसी तरह बारिश का पानी नदियों से बांध तक पहुंचता रहा तो, बांध में पानी फिर से भरने लगेगा. बांध में पानी आने से जमवारामगढ़ क्षेत्र में जलस्तर भी ऊपर आएगा. कई जगह पर पानी की कमी के चलते किसानों की खेती भी नहीं हो पा रही. ऐसे में बांध का पानी भरने से किसानों को भी काफी फायदा मिलेगा.

जयपुर. श्रावण मास के पहले सोमवार को बरसों से पानी की बूंद बूंद के लिए तरस रहे जमवारामगढ़ बांध पर इंद्रदेव मेहरबान हुए हैं. जमवारामगढ़ बांध की रोड़ा नदी में सावन मास की पहली बारिश का पानी बहने से लोगों के चेहरे खिल उठे.

जमवारामगढ़ क्षेत्र में झमाझम बारिश से रोड़ा नदी में पानी की आवक को देखकर आसपास के लोगों और किसानों के चेहरे खिल उठे हैं. जमवारामगढ़ बांध में बाणगंगा नदी और रोड़ा नदी का पानी पहुंचता है. लेकिन काफी समय से नदियों के रास्तों में अतिक्रमण होने से बारिश का पानी बांध तक नहीं पहुंच पा रहा. जिसकी वजह से जमवारामगढ़ बांध सूख चुका है. बाणगंगा नदी के रास्तों में तो जगह जगह पर अतिक्रमण होने से बारिश का पानी बांध तक नहीं पहुंच पाता.

जमवारामगढ़ बांध पर मेहरबान हुए इंद्रदेव

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वहीं दूसरी ओर रोड़ा नदी का पानी अब जमवारामगढ़ बांध तक पहुंचने लगा है. लोगों का मानना है कि बाणगंगा नदी के रास्तों से अतिक्रमण हटा दिया जाए तो जमवारामगढ़ बांध फिर से जीवित हो सकता है. क्योंकि ज्यादा पानी बाणगंगा नदी के रास्ते से ही जमवारामगढ़ बांध तक पहुंचता था. हालांकि हाईकोर्ट के आदेशों के बाद जेडीए प्रशासन की ओर से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई तो की गई, लेकिन कार्रवाई केवल खानापूर्ति ही साबित होकर रह गई.

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बांध के बहाव क्षेत्र में अभी भी कई जगहों पर फार्म हाउस और रिसोर्ट बने हुए है. भाजपा के जयपुर देहात जिला संयोजक हनुमान परिडवाल ने बताया कि सावन की पहली बारिश से रोड़ा नदी में पानी आया है, जो कि सभी ग्रामीणों के लिए बहुत ही खुशी की बात है. सावन मास में अच्छी बारिश होने की उम्मीद की जा रही है जिससे बांध में भी पानी आ सके. इसी तरह बारिश का पानी नदियों से बांध तक पहुंचता रहा तो, बांध में पानी फिर से भरने लगेगा. बांध में पानी आने से जमवारामगढ़ क्षेत्र में जलस्तर भी ऊपर आएगा. कई जगह पर पानी की कमी के चलते किसानों की खेती भी नहीं हो पा रही. ऐसे में बांध का पानी भरने से किसानों को भी काफी फायदा मिलेगा.

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