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ओम माथुर का बड़ा बयान, 2023 चुनाव पीएम मोदी के चेहरे पर ही लड़ा जाएगा...सीएम पार्लियामेंट्री बोर्ड तय करेगा

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Published : Oct 20, 2022, 4:22 PM IST

राजस्थान बीजेपी में चल रही सियासी अटकलों के बीच बीजेपी नेता ओम माथुर ने बड़ा बयान दिया है. माथुर ने कहा कि विधानसभा चुनाव 2023 सिर्फ और सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर (Om Mathur big statement on mission 2023) लड़ा जाएगा. सीएम कौन होगा और कौन नहीं यह पार्लियामेंट्री बोर्ड ही तय करेगा.

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जयपुर. राजस्थान की राजनीति में सियासी उठापटक बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही प्रमुख दलों में चल रही है. फर्क इतना है कि बीजेपी का संकट अंदरखाने हैं, जबकि कांग्रेस का संघर्ष खुल कर सबके सामने है. बीजेपी में पहले गुलाब चंद कटारिया यात्रा निकालने वाले थे, उसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अपनी अलग यात्रा निकाल रही हैं. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भी अलग से यात्रा की तैयारी में थे. पार्टी में अलग-अलग नेताओं की ओर से निकाली जा रही यात्रा पर बीजेपी नेता ओम माथुर का बड़ा बयान (Om Mathur on BJP leaders rally) सामने आया है.

ओम माथुर ने कहा कि विधानसभा चुनाव 2023 प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे (Om Mathur big statement on mission 2023) पर होगा. सीएम कौन होगा, कौन नहीं यह पार्लियामेंट्री बोर्ड (Parliamentary Board will decide CM) ही तय करेगा. पार्लियामेंट्री बोर्ड की बिना अनुमति कोई भी यात्रा या अन्य गतिविधियां सफल नहीं हो सकती.

ओम माथुर का बड़ा बयान

पार्टी नेतत्व की अनुमति से निकले यात्रा
ओम माथुर ने कहा कि पार्टी में कोई व्यक्ति स्वयं के निर्णय से कोई रैली और यात्रा नहीं निकाल सकता है. संगठन से अनुमति के साथ कोई भी काम किया जाता है तभी सफलता मिलती है. पार्टी के विचार विमर्श से किया गया कार्य ही सफल होता है. माथुर ने कहा कि बीजेपी पूर्ण रूपेण कार्यकर्ता आधारित पार्टी है. कार्यकर्ता वही करता है जो संगठन कहता है. बीजेपी में हमेशा संगठन का फैसला ही मान्य होता है. बड़ा कोई भी निर्णय लेना है तो उसके लिए पहले पार्लियामेंट्री बोर्ड के अंदर बात रखनी होगी. उसके बाद ही कोई यात्रा या रैली निकाल सकते हैं.

पढ़ें. कांग्रेस पर भाजपा के ओम माथुर का तंज, बोले- एक कुर्सी से चिपके हैं तो दूसरे चाहते हैं हड़पना

प्रदेश में आगामी चुनाव किसके चेहरे पर लड़ा जाएगा के सवाल पर उन्होंने कहा कि बीजेपी का पार्लियामेंट बोर्ड जो तय करता है वही होता है. इस समय देश में सिर्फ एक ही चेहरा है वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का है और आने वाले चुनाव में भी राजस्थान में उनके चेहरे पर ही चुनाव लड़ा जाएगा. चुनाव नतीजे बीजेपी के पक्ष में आने के बाद पार्लियामेंट्री बोर्ड तय करेगा कौन मुख्यमंत्री बनेगा.

दो बार मुख्यमंत्री रही हैं, नजरअंदाज नही करना चाहिए
कांग्रेस विधायकों के इस्तीफ के मामले पर दो दिन पहले बीजेपी के विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी से मुलाकात की. इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को साथ नहीं लेने पर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं. वसुंधरा को कार्यक्रम से दूर रखने पर ओम माथुर ने कहा कि इस पर ऑथेंटिक रूप से जवाब तो नेता प्रतिपक्ष या पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दे सकते हैं कि आखिर किस तरह का प्रोग्राम बना था और क्यों वसुंधरा राजे को साथ लेकर नहीं गए, लेकिन यह सही है कि दो बार की मुख्यमंत्री हैं और उनको भी साथ में लेना चाहिए था. यह मेरा व्यक्तिगत मानना है. माथुर ने कहा कि इसका आधिकारिक जवाब तो नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष ही दे सकते हैं.

पढ़ें. OM Mathur on Farmer Loan Waiver: जब राहुल गांधी ने 1 से 10 तक गिनती गिनी तब गहलोत सो रहे थे क्या ?

कुर्सी की जंग चल रही है
ओम माथुर में कांग्रेस में चल रही सियासी घटनाक्रम पर भी तंज कसते हुए कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरीके से बिगड़ी हुई है. आम जनता त्रस्त है लेकिन सरकार का इस ओर ध्यान नहीं है. माथुर ने कहा कि इस समय सिर्फ और सिर्फ कुर्सी की जंग चल रही है. एक जो मौजूदा मुख्यमंत्री हैं वह फेवीकोल लगाकर कुर्सी से चिपके हुए है और दूसरे जो मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं वह कुर्सी खींचने की कोशिश में लगे हैं. इसी खींचतान में प्रदेश की जनता पिस रही है.

ओम माथुर ने कहा कि बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार 4 साल में कहीं भी नजर नहीं आ रही है. सिर्फ और सिर्फ दिल्ली के दौरे लग रहे हैं और कुर्सी बचाने की कोशिश हो रही है. माथुर ने कहा कि मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ कि जब मैंने देखा कि एक नई पद यात्रा शुरू हुई है और उसका नाम भारत जोड़ो यात्रा दिया है. ऐसे में अच्छा होता कि इसका नाम कांग्रेस जोड़ो रखा जाता.

जयपुर. राजस्थान की राजनीति में सियासी उठापटक बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही प्रमुख दलों में चल रही है. फर्क इतना है कि बीजेपी का संकट अंदरखाने हैं, जबकि कांग्रेस का संघर्ष खुल कर सबके सामने है. बीजेपी में पहले गुलाब चंद कटारिया यात्रा निकालने वाले थे, उसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अपनी अलग यात्रा निकाल रही हैं. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भी अलग से यात्रा की तैयारी में थे. पार्टी में अलग-अलग नेताओं की ओर से निकाली जा रही यात्रा पर बीजेपी नेता ओम माथुर का बड़ा बयान (Om Mathur on BJP leaders rally) सामने आया है.

ओम माथुर ने कहा कि विधानसभा चुनाव 2023 प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे (Om Mathur big statement on mission 2023) पर होगा. सीएम कौन होगा, कौन नहीं यह पार्लियामेंट्री बोर्ड (Parliamentary Board will decide CM) ही तय करेगा. पार्लियामेंट्री बोर्ड की बिना अनुमति कोई भी यात्रा या अन्य गतिविधियां सफल नहीं हो सकती.

ओम माथुर का बड़ा बयान

पार्टी नेतत्व की अनुमति से निकले यात्रा
ओम माथुर ने कहा कि पार्टी में कोई व्यक्ति स्वयं के निर्णय से कोई रैली और यात्रा नहीं निकाल सकता है. संगठन से अनुमति के साथ कोई भी काम किया जाता है तभी सफलता मिलती है. पार्टी के विचार विमर्श से किया गया कार्य ही सफल होता है. माथुर ने कहा कि बीजेपी पूर्ण रूपेण कार्यकर्ता आधारित पार्टी है. कार्यकर्ता वही करता है जो संगठन कहता है. बीजेपी में हमेशा संगठन का फैसला ही मान्य होता है. बड़ा कोई भी निर्णय लेना है तो उसके लिए पहले पार्लियामेंट्री बोर्ड के अंदर बात रखनी होगी. उसके बाद ही कोई यात्रा या रैली निकाल सकते हैं.

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प्रदेश में आगामी चुनाव किसके चेहरे पर लड़ा जाएगा के सवाल पर उन्होंने कहा कि बीजेपी का पार्लियामेंट बोर्ड जो तय करता है वही होता है. इस समय देश में सिर्फ एक ही चेहरा है वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का है और आने वाले चुनाव में भी राजस्थान में उनके चेहरे पर ही चुनाव लड़ा जाएगा. चुनाव नतीजे बीजेपी के पक्ष में आने के बाद पार्लियामेंट्री बोर्ड तय करेगा कौन मुख्यमंत्री बनेगा.

दो बार मुख्यमंत्री रही हैं, नजरअंदाज नही करना चाहिए
कांग्रेस विधायकों के इस्तीफ के मामले पर दो दिन पहले बीजेपी के विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी से मुलाकात की. इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को साथ नहीं लेने पर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं. वसुंधरा को कार्यक्रम से दूर रखने पर ओम माथुर ने कहा कि इस पर ऑथेंटिक रूप से जवाब तो नेता प्रतिपक्ष या पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दे सकते हैं कि आखिर किस तरह का प्रोग्राम बना था और क्यों वसुंधरा राजे को साथ लेकर नहीं गए, लेकिन यह सही है कि दो बार की मुख्यमंत्री हैं और उनको भी साथ में लेना चाहिए था. यह मेरा व्यक्तिगत मानना है. माथुर ने कहा कि इसका आधिकारिक जवाब तो नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष ही दे सकते हैं.

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कुर्सी की जंग चल रही है
ओम माथुर में कांग्रेस में चल रही सियासी घटनाक्रम पर भी तंज कसते हुए कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरीके से बिगड़ी हुई है. आम जनता त्रस्त है लेकिन सरकार का इस ओर ध्यान नहीं है. माथुर ने कहा कि इस समय सिर्फ और सिर्फ कुर्सी की जंग चल रही है. एक जो मौजूदा मुख्यमंत्री हैं वह फेवीकोल लगाकर कुर्सी से चिपके हुए है और दूसरे जो मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं वह कुर्सी खींचने की कोशिश में लगे हैं. इसी खींचतान में प्रदेश की जनता पिस रही है.

ओम माथुर ने कहा कि बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार 4 साल में कहीं भी नजर नहीं आ रही है. सिर्फ और सिर्फ दिल्ली के दौरे लग रहे हैं और कुर्सी बचाने की कोशिश हो रही है. माथुर ने कहा कि मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ कि जब मैंने देखा कि एक नई पद यात्रा शुरू हुई है और उसका नाम भारत जोड़ो यात्रा दिया है. ऐसे में अच्छा होता कि इसका नाम कांग्रेस जोड़ो रखा जाता.

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