जयपुर. नेशनल अकेडमी ऑफ़ मेडिकल साइंसेज का 62वां अधिवेशन (National Academy of Medical Sciences convention) एवं नवनिर्वाचित मेंबर्स एवं फेलोज का दीक्षांत समारोह (NAMSCON Convocation) सवाई मान सिंह मेडिकल कॉलेज के नए एकेडमिक ब्लॉक ऑडिटोरियम में शुरू हुआ. इस मौके पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला कार्यक्रम में शामिल हुए और कॉन्फ्रेंस की शुरुआत की. इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में देश भर के 500 विशेषज्ञ जुट रहे हैं जो चिकित्सा विज्ञान के नए आयामों और शोध की दिशा पर मंथन करेंगे.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि कोविड काल में जब दुनिया के अंदर इस वैश्विक महामारी की भयावह स्थिति थी उस समय देश के चिकित्सकों ने अपने जीवन को दांव पर लगाकर सेवा समर्पण से प्रतिष्ठा पाई. कोरोना जैसे संकट के समय चिकित्सकों ने बता दिया कि डॉक्टर को भगवान का दर्जा देना गलत नहीं है. बिरला ने कहा मुझे खुशी है कि देश के प्रथम राष्ट्रपति इस अकादमी के कन्वोकेशन में आए और उसके बाद कई राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री भी आए थे.
ओम बिरला ने कहा कि सालों पहले हम कैम्पस में बौद्धिक क्षमता और शिक्षा का ज्ञान तो देते रहे लेकिन बदलते समय के अनुरूप उन कैम्पस को इनोवेशन का सेंटर नहीं बनाया. हालांकि दुनिया के कई देश हम से आगे रहे लेकिन अब हमारे प्रधानमंत्री जिनका एक नया विजन है और अब हम भारत को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं.
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500 विशेषज्ञ हो रहे शामिल
अधिवेशन के आयोजन सचिव डॉ. शिव गौतम ने बताया कि देश भर से 500 विशेषज्ञ 15 सेशन में चिकित्सा विज्ञान के नए आयामों पर एवं भविष्य में होने वाले शोध की दिशा पर मंथन करेंगे. शुक्रवार से शुरू हुए इस अधिवेशन का उद्घाटन आज शनिवार क़ो लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने किया. विशिष्ट अतिथि डॉ. अतुल गोयल डायरेक्टर जनरल हेल्थ सर्विसेज दिल्ली, प्रोफेसर अजय सूद प्रधानमंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार, नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके सारस्वत और राजस्थान यूनिवर्सिटी एंड हेल्थ साइंसेज के कुलपति डॉ. सुधीर भंडारी रहे. नेशनल अकेडमी ऑफ़ मेडिकल साइंस के अध्यक्ष डॉ. शिव कुमार सरीन, सचिव डॉ. उमेश कपिल सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.राजीव बगरहट्टा भी मौजूद रहे.