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एनएसयूआई ने की एबीवीपी पर बैन की मांग, निकाला पैदल मार्च, प्रदेशाध्यक्ष बोले- गुंडागर्दी करते हैं एबीवीपी कार्यकर्ता - एबीवीपी पर बैन करने की मांग

जयपुर में एनएसयूआई ने पैदल मार्च निकालकर एबीवीपी पर बैन करने की मांग की है. एनएसयूआई का आरोप है कि एबीवीपी कार्यकर्ता गुंडागर्दी करते हैं.

NSUI demands ban on ABVP, put allegations by leaders
एनएसयूआई ने की एबीवीपी पर बैन की मांग, निकाला पैदल मार्च, प्रदेशाध्यक्ष बोले- गुंडागर्दी करते हैं एबीवीपी कार्यकर्ता
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Published : Jul 20, 2023, 7:24 PM IST

Updated : Jul 20, 2023, 11:34 PM IST

एनएसयूआई ने पैदल मार्च निकालकर की एबीवीपी पर बैन करने की मांग

जयपुर. चुनावी साल में राजस्थान का सियासी पारा चढ़ा हुआ है. भाजपा और कांग्रेस के नेता अपनी तरकश से चुन-चुनकर बयानी बाण निकालकर परस्पर जुबानी हमला कर रहे हैं और लगातार आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. इन सबके बीच दोनों पार्टियों से जुड़े छात्र संगठन भी खुलकर मैदान में हैं. भाजपा से जुड़े एबीवीपी और कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई ने भी एक-दूसरे के खिलाफ सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक मोर्चा खोला हुआ है. अब आज एनएसयूआई ने पैदल शांति मार्च निकालकर एबीवीपी पर बैन लगाने की मांग रख दी है.

गुरुवार को एनएसयूआई ने प्रदेशाध्यक्ष अभिषेक चौधरी के नेतृत्व में राजस्थान विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार से शहीद स्मारक तक पैदल शांति मार्च निकाला. एनएसयूआई से जुड़ी छात्राएं भी इस पैदल मार्च में शामिल हुई. एनएसयूआई के प्रदेशाध्यक्ष अभिषेक चौधरी का कहना है कि प्रदेशभर में शिक्षण संस्थानों में इस कुत्सित विचारधारा के परिषद के कार्यकर्ताओं ने जो हालात बना रखे हैं. जो परिस्थितयां बना रखी हैं. वो सबके सामने हैं. बहन बेटियों का उत्पीड़न हो रहा है. यहां तक कि शिक्षकों का उत्पीड़न हो रहा है. आए दिन ये लोग गुंडागर्दी करते हैं. उनका आरोप है कि ये राजभवन के नाम पर गुंडागर्दी करते हैं.

पढ़ें: Gangrape in JNUV: NSUI ने ABVP के खिलाफ किया प्रोटेस्ट, पुलिस ने किया बल प्रयोग, 18 हिरासत में

विचारधारा की धमकी देकर शिक्षकों में खौफः एनएसयूआई के प्रदेशाध्यक्ष अभिषेक चौधरी ने आरोप लगाया कि अपनी विचारधारा की धमकी देकर इन्होंने महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों के शिक्षकों में खौफ का माहौल बना रखा है. आज प्रदेशभर की छात्र शक्ति एनएसयूआई के बैनर तले इकठ्ठा होकर गुरुवार को शांति मार्च निकाला जा रहा है. इसके बाद कुलाधिपति राज्यपाल को ज्ञापन देकर एक कमेटी बनाकर उच्च शिक्षण संस्थाओं में घटी घटनाओं की जांच करवाने और विद्यार्थी परिषद को प्रतिबंधित करने की मांग की जा रही है.

पढ़ें: Gangrape in JNVU : ABVP और NSUI का प्रदर्शन, दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग

एनएसयूआई के अमरदीप सिंह परिहार ने कहा कि ये बात करते हैं ज्ञान, शील और एकता की. लेकिन यह एक ऐसा संगठन है, जो पूर्ण रूप से अश्लील है. उनका आरोप है कि महाविद्यालयों और विश्वविद्यालय परिसर में आए दिन छेड़छाड़ की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है. जोधपुर में नाबालिग से गैंगरेप और आसोप में टिकट के नाम पर दुष्कर्म की घटनाएं इसका उदहारण है. उन्होंने मांग दोहराई कि एबीवीपी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. एनएसयूआई की रितु बराला ने कहा कि एनएसयूआई के कार्यकर्ता आज सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं. ऐसी घटनाओं को घटिया तरीके से प्रचारित करते हैं. इनके विरोध में यह पैदल मार्च निकाला जा रहा है.

पढ़ें: Rape case in Jodhpur: बलात्कार के आरोप में एबीवीपी का पूर्व जिला पदाधिकारी गिरफ्तार

एबीवीपी का पलटवारः एबीवीपी के राष्ट्रीय मंत्री होशियार मीणा ने इस पर पलटवार करते हुए कहा है कि जिस तरह से राजस्थान में बहन-बेटियों और जनजातीय समाज की बेटियों के साथ ज्यादाती की घटनाएं बढ़ी हैं. विद्यार्थी परिषद लगातार इन्हें लेकर संघर्ष कर रहा है, लेकिन सरकार द्वारा सुनियोजित तरीके से विद्यार्थी परिषद को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है. लोकतंत्र में विश्वास करने की बात करने वाले यह लोग आज कहां चले गए और आज एक सामाजिक संगठन विद्यार्थी परिषद को बंद करने की बैन करने की मांग कर रहे हैं. इन्हें शर्म आनी चाहिए.

एनएसयूआई ने पैदल मार्च निकालकर की एबीवीपी पर बैन करने की मांग

जयपुर. चुनावी साल में राजस्थान का सियासी पारा चढ़ा हुआ है. भाजपा और कांग्रेस के नेता अपनी तरकश से चुन-चुनकर बयानी बाण निकालकर परस्पर जुबानी हमला कर रहे हैं और लगातार आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. इन सबके बीच दोनों पार्टियों से जुड़े छात्र संगठन भी खुलकर मैदान में हैं. भाजपा से जुड़े एबीवीपी और कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई ने भी एक-दूसरे के खिलाफ सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक मोर्चा खोला हुआ है. अब आज एनएसयूआई ने पैदल शांति मार्च निकालकर एबीवीपी पर बैन लगाने की मांग रख दी है.

गुरुवार को एनएसयूआई ने प्रदेशाध्यक्ष अभिषेक चौधरी के नेतृत्व में राजस्थान विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार से शहीद स्मारक तक पैदल शांति मार्च निकाला. एनएसयूआई से जुड़ी छात्राएं भी इस पैदल मार्च में शामिल हुई. एनएसयूआई के प्रदेशाध्यक्ष अभिषेक चौधरी का कहना है कि प्रदेशभर में शिक्षण संस्थानों में इस कुत्सित विचारधारा के परिषद के कार्यकर्ताओं ने जो हालात बना रखे हैं. जो परिस्थितयां बना रखी हैं. वो सबके सामने हैं. बहन बेटियों का उत्पीड़न हो रहा है. यहां तक कि शिक्षकों का उत्पीड़न हो रहा है. आए दिन ये लोग गुंडागर्दी करते हैं. उनका आरोप है कि ये राजभवन के नाम पर गुंडागर्दी करते हैं.

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विचारधारा की धमकी देकर शिक्षकों में खौफः एनएसयूआई के प्रदेशाध्यक्ष अभिषेक चौधरी ने आरोप लगाया कि अपनी विचारधारा की धमकी देकर इन्होंने महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों के शिक्षकों में खौफ का माहौल बना रखा है. आज प्रदेशभर की छात्र शक्ति एनएसयूआई के बैनर तले इकठ्ठा होकर गुरुवार को शांति मार्च निकाला जा रहा है. इसके बाद कुलाधिपति राज्यपाल को ज्ञापन देकर एक कमेटी बनाकर उच्च शिक्षण संस्थाओं में घटी घटनाओं की जांच करवाने और विद्यार्थी परिषद को प्रतिबंधित करने की मांग की जा रही है.

पढ़ें: Gangrape in JNVU : ABVP और NSUI का प्रदर्शन, दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग

एनएसयूआई के अमरदीप सिंह परिहार ने कहा कि ये बात करते हैं ज्ञान, शील और एकता की. लेकिन यह एक ऐसा संगठन है, जो पूर्ण रूप से अश्लील है. उनका आरोप है कि महाविद्यालयों और विश्वविद्यालय परिसर में आए दिन छेड़छाड़ की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है. जोधपुर में नाबालिग से गैंगरेप और आसोप में टिकट के नाम पर दुष्कर्म की घटनाएं इसका उदहारण है. उन्होंने मांग दोहराई कि एबीवीपी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. एनएसयूआई की रितु बराला ने कहा कि एनएसयूआई के कार्यकर्ता आज सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं. ऐसी घटनाओं को घटिया तरीके से प्रचारित करते हैं. इनके विरोध में यह पैदल मार्च निकाला जा रहा है.

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एबीवीपी का पलटवारः एबीवीपी के राष्ट्रीय मंत्री होशियार मीणा ने इस पर पलटवार करते हुए कहा है कि जिस तरह से राजस्थान में बहन-बेटियों और जनजातीय समाज की बेटियों के साथ ज्यादाती की घटनाएं बढ़ी हैं. विद्यार्थी परिषद लगातार इन्हें लेकर संघर्ष कर रहा है, लेकिन सरकार द्वारा सुनियोजित तरीके से विद्यार्थी परिषद को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है. लोकतंत्र में विश्वास करने की बात करने वाले यह लोग आज कहां चले गए और आज एक सामाजिक संगठन विद्यार्थी परिषद को बंद करने की बैन करने की मांग कर रहे हैं. इन्हें शर्म आनी चाहिए.

Last Updated : Jul 20, 2023, 11:34 PM IST
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