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Rajasthan University: शिक्षकों का पदोन्नति आदेश जारी, धरना समाप्त - etv bharat Rajasthan news

राजस्थान विश्वविद्यालय में पदोन्नति की मांग को लेकर 13 दिन से चल रहा धरना समाप्त हो गया. कुलपति ने शनिवार देर शाम पदोन्नति का आदेश जारी कर दिया जिसके बाद शिक्षकों ने धरना समाप्त कर दिया. इससे पूर्व शिक्षकों के प्रमोशन को लेकर एनएसयूआई के छात्र छज्जे पर चढ़े तो वहीं एबीवीपी के छात्र कुलपति सचिवालय के (NSUI and ABVP students protest) बाहर धरने पर बैठ गए थे.

NSUI and ABVP students protest
NSUI and ABVP students protest
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Published : Jan 7, 2023, 8:43 PM IST

Updated : Jan 8, 2023, 9:02 AM IST

शिक्षकों का पदोन्नति आदेश

जयपुर. राजस्थान यूनिवर्सिटी में पदोन्नति का लाभ नहीं मिलने पर 6 शिक्षक धरने पर बैठ गए थे. 13 दिन से उनका धरना जारी था. दीक्षांत समारोह से ठीक एक दिन पहले शनिवार को एबीवीपी और एनएसयूआई के छात्रों ने भी विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. एक ओर (NSUI and ABVP students protest) एनएसयूआई के छात्र कुलपति सचिवालय के छज्जे पर बैठ गए थे तो वहीं एबीवीपी के छात्रों ने सचिवालय में घुसकर धरना दिया था. चेतावनी दी थी कि यदि शिक्षकों की पदोन्नति के आदेश जारी नहीं किए जाते तो दीक्षांत समारोह के दौरान विरोध दर्ज कराया जाएगा. इसके बाद देर शाम कुलपति ने शिक्षकों का पदोन्नति आदेश जारी कर दिया जिसके बाद धरना खत्म हो गया.

साल 2001 से अपने प्रमोशन का इंतजार कर रहे 6 असिस्टेंट प्रोफेसर 26 दिसंबर से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए थे. साल 2009 में रिसर्च एसोसिएट अशोक सिंह, सुरेंद्र सिंह, नरेश मलिक, रमेश चावला, महिपाल यादव और पीएल बत्रा को असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर रिडेजिग्नेट किया गया था.

पढ़ें. अब राजस्थान यूनिवर्सिटी में लगेगी चौपाल, छात्रों की समस्या का होगा त्वरित समाधान

डीएसडब्ल्यू नरेश मलिक ने बताया कि सिंडिकेट भी असिस्टेंट प्रोफेसर्स को 19 मई 2001 से पदोन्नति का लाभ देने की अनुशंसा कर चुका था. खुद नीलिमा तक्षक ने भी सिंडिकेट के मिनट्स पर मुहर लगाई. उन्होंने आरोप लगाया था कि पदोन्नति के आदेश जारी करने में रजिस्ट्रार हठधर्मिता दिखा रही हैं, जबकि इस मामले पर सरकार भी दो बार विश्वविद्यालय को पत्र लिखकर प्रमोशन की मांग को जायज बताते हुए शिक्षकों को प्रमोशन देने के आदेश दे चुकी थी.

उधर, अपने गुरुजनों को न्याय दिलाने के लिए एनएसयूआई के छात्र नेता कुलपति सचिवालय के छज्जे पर तो एबीवीपी के छात्र कुलपति सचिवालय में घुसकर धरना दे रहे थे. साथ ही चेतावनी दी थी कि यदि शिक्षकों की पदोन्नति के (students protest for promotion of teachers) आदेश जारी नहीं किए जाते तो 8 जनवरी को होने वाले दीक्षांत समारोह के दौरान विरोध दर्ज कराया जाएगा. छात्रों ने रजिस्ट्रार पर मनमानी का आरोप लगाते हुए कहा कि रजिस्ट्रार के अड़ियल रवैये के कारण गुरुजनों के साथ अन्याय हो रहा है. इसका छात्र एक सुर में विरोध कर रहे हैं. जब तक कुलपति पदोन्नति के आदेशों को लेकर आश्वस्त नहीं कर देते तब तक छात्र सचिवालय नहीं छोड़ेंगे.

पदोन्नति आदेश जारी, धरना खत्म
राजस्थान यूनिवर्सिटी में पिछले कई दिनों से चल रहा हाई वोल्टेज ड्रामा आखिरकार खत्म हो गया. कुलपति सचिवालय के बाहर पिछले 13 दिन से धरने पर बैठे छह शिक्षकों ने पदोन्नति आदेश जारी होने के बाद धरना खत्म कर दिया गया. इसके साथ ही एनएसयूआई और एबीवीपी छात्रों ने भी शिक्षकों के समर्थन दिए जा रहे धरना-प्रदर्शन को खत्म कर दिया.

शिक्षकों का पदोन्नति आदेश

जयपुर. राजस्थान यूनिवर्सिटी में पदोन्नति का लाभ नहीं मिलने पर 6 शिक्षक धरने पर बैठ गए थे. 13 दिन से उनका धरना जारी था. दीक्षांत समारोह से ठीक एक दिन पहले शनिवार को एबीवीपी और एनएसयूआई के छात्रों ने भी विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. एक ओर (NSUI and ABVP students protest) एनएसयूआई के छात्र कुलपति सचिवालय के छज्जे पर बैठ गए थे तो वहीं एबीवीपी के छात्रों ने सचिवालय में घुसकर धरना दिया था. चेतावनी दी थी कि यदि शिक्षकों की पदोन्नति के आदेश जारी नहीं किए जाते तो दीक्षांत समारोह के दौरान विरोध दर्ज कराया जाएगा. इसके बाद देर शाम कुलपति ने शिक्षकों का पदोन्नति आदेश जारी कर दिया जिसके बाद धरना खत्म हो गया.

साल 2001 से अपने प्रमोशन का इंतजार कर रहे 6 असिस्टेंट प्रोफेसर 26 दिसंबर से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए थे. साल 2009 में रिसर्च एसोसिएट अशोक सिंह, सुरेंद्र सिंह, नरेश मलिक, रमेश चावला, महिपाल यादव और पीएल बत्रा को असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर रिडेजिग्नेट किया गया था.

पढ़ें. अब राजस्थान यूनिवर्सिटी में लगेगी चौपाल, छात्रों की समस्या का होगा त्वरित समाधान

डीएसडब्ल्यू नरेश मलिक ने बताया कि सिंडिकेट भी असिस्टेंट प्रोफेसर्स को 19 मई 2001 से पदोन्नति का लाभ देने की अनुशंसा कर चुका था. खुद नीलिमा तक्षक ने भी सिंडिकेट के मिनट्स पर मुहर लगाई. उन्होंने आरोप लगाया था कि पदोन्नति के आदेश जारी करने में रजिस्ट्रार हठधर्मिता दिखा रही हैं, जबकि इस मामले पर सरकार भी दो बार विश्वविद्यालय को पत्र लिखकर प्रमोशन की मांग को जायज बताते हुए शिक्षकों को प्रमोशन देने के आदेश दे चुकी थी.

उधर, अपने गुरुजनों को न्याय दिलाने के लिए एनएसयूआई के छात्र नेता कुलपति सचिवालय के छज्जे पर तो एबीवीपी के छात्र कुलपति सचिवालय में घुसकर धरना दे रहे थे. साथ ही चेतावनी दी थी कि यदि शिक्षकों की पदोन्नति के (students protest for promotion of teachers) आदेश जारी नहीं किए जाते तो 8 जनवरी को होने वाले दीक्षांत समारोह के दौरान विरोध दर्ज कराया जाएगा. छात्रों ने रजिस्ट्रार पर मनमानी का आरोप लगाते हुए कहा कि रजिस्ट्रार के अड़ियल रवैये के कारण गुरुजनों के साथ अन्याय हो रहा है. इसका छात्र एक सुर में विरोध कर रहे हैं. जब तक कुलपति पदोन्नति के आदेशों को लेकर आश्वस्त नहीं कर देते तब तक छात्र सचिवालय नहीं छोड़ेंगे.

पदोन्नति आदेश जारी, धरना खत्म
राजस्थान यूनिवर्सिटी में पिछले कई दिनों से चल रहा हाई वोल्टेज ड्रामा आखिरकार खत्म हो गया. कुलपति सचिवालय के बाहर पिछले 13 दिन से धरने पर बैठे छह शिक्षकों ने पदोन्नति आदेश जारी होने के बाद धरना खत्म कर दिया गया. इसके साथ ही एनएसयूआई और एबीवीपी छात्रों ने भी शिक्षकों के समर्थन दिए जा रहे धरना-प्रदर्शन को खत्म कर दिया.

Last Updated : Jan 8, 2023, 9:02 AM IST
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